द्वारा : आभा शुक्ला
आज नवमी है… सवेरे उठकर छज्जे में आई तो लड़कियों को अपने घर लेजाकर कन्या भोज करवाने की होड़ सी लगी देख रही हूं अपने आस पड़ोस में.. साल भर जो लोग हर बहन बेटी का आंखों से भोज करते हैं वो भी आज श्रद्धा से कन्या भोज करा रहे हैं…
कन्या भोज तो कुलदीप सेंगर के घर पर भी शायद होता ही होगा… निर्भया के गुनहगारों के घर भी होता होगा.. हाथरस की बच्ची के हत्यारों के यहां भी होता होगा… साल के 363 दिन कन्या को भोगने हेतु तैयार ये लोग साल में दो बार नवमी पर कन्या भोज कराकर पुण्य कमाते हैं… मां दुर्गा को प्रसन्न करते हैं…
नवरात्रि के पावन दिनों में एक तथाकथित संत समुदाय विशेष की लड़कियों महिलाओं से बलात्कार करने की शिक्षा देता है और भीड़ जय श्री राम का उद्घोष करती है… क्या मुस्लिम बच्चियां कन्या नही हैं आपकी नजर में… क्या आप ये मानेंगे कि आपकी दुर्गा माता मुस्लिम बच्चियों को कन्या मानने से खुश नहीं होंगी… अगर खुश नहीं होंगी तो वो पूरे जगत की माता नही हो सकतीं… और अगर वो खुश होंगी तो आप किस मुंह से दुर्गा माता को सफाई देंगे बलात्कार की पहल करने वाले को सपोर्ट करने पर….
सोचकर देखिएगा… अगर भावनाएं उमड़ें तो मुझे बताइएगा कि मुस्लिम बेटियों के बलात्कार के उद्घोष को मां दुर्गा माफ करेंगी या नही… वरना कह देना मुल्ली ज्ञान दे गई सुबह सुबह… ।