● भगत सिंह ने कभी पीली/केसरिया/नीली/हरी पगड़ी नही पहनी..कभी बसंती चोला भी नही पहना..भगत सिंह ने पूरा जीवन बस गांधी का सादा लिबास पहना..आजकल भगत सिंह की ज्यादातर तस्वीरे फ़र्ज़ी है..
● भगत सिंह ने फांसी चढ़ने के पहले कोई गाना भी नही गाया..”रंग दे बसंती चोला” टाइप गानों से भगत सिंह का कोई रिश्ता नही था..
● भगत सिंह ने कभी ‘भारतमाता की जय’ या ‘वंदेमातरम’ नही बोला..भगत सिंह ‘लाल सलाम’ बोलते थे..”गांधी बाबा की जय” सबसे जोर से बोलते थे..
● भगत सिंह ने जिंदगी के अंतिम समय मे गांधी का अनशन अपनाया..और फांसी के पहले तक वामपंथ की पुस्तके पढ़ते रहे..
● भगत सिंह कम्युनिस्ट थे..गांधी की अहिंसा के सबसे बड़े समर्थक थे..नेहरुजी और नेताजी सुभाषचंद्र कांग्रेस में भगत सिंह के सबसे बड़े समर्थक थे..
● भगत सिंह “नेहरुजी को भारत का भविष्य” बोल गए..युवाओं के लिए भगत सिंह का एक संदेश है – नेहरुजी की वैज्ञानिक सोच ही भारत का राष्ट्रवाद है..(नौजवान सभा)
● भगत सिंह के वकील थे कांग्रेस के आसफ अली और प्राण जीवन मेहता..मोहम्मद अली जिन्नाह भी भगत सिंह के पक्ष में खड़े थे..केवल आरएसएस/हिन्दुमहासभा भगत सिंह के विरोध में थी..
● गांधी ने नेहरुजी के नेतृत्व में “भगत सिंह डिफेंस कमिटी” बनाई थी..इंटरनेट पर विस्तार से पढ़िए..(मेरी पोस्ट भी है)
● भगत सिंह के खिलाफ मुखबिर थे पंजाब हिन्दुमहासभा के प्रतिष्ठाता सदस्य सर शादीलाल और गुप्त संघी सर शोभा सिंह..गद्दार शादीलाल को जनता ने कफ़न तक नसीब होने नही दिया था..
● भगत सिंह के खिलाफ और ब्रिटिश के पक्ष में मुकदमा लड़ रहे थे संघ समर्थक रायबहादुर सुर्यनारायण..और भगत सिंह को खुल कर गाली दे रहे थे हेडगेवार, सावरकर, गोलवलकर, बालासाहेब देवरस..2007 तक गालिया दी है संघियो ने भगत सिंह को..(संघीयो की गाली लिखित में उपलब्ध है)
भगत सिंह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने एक साथ गांधीजी, नेहरुजी और कार्ल मार्क्स को खुद में समाहित किया था..भगत सिंह ने “बहरों को आवाज सुनाने” के लिए बलिदान दिया था..आज भारत वापस “बहरा” बन चुका है.. #krishiyer