- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली की प्रगति की उच्च स्तरीय समीक्षा की
- सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को एचआईएमएस व्यवस्था को 2023 तक लागू करने के दिए निर्देश
- दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने एचआईएमएस बहुत अहम भूमिका निभाएगा, हम लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का इलाज मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे- अरविंद केजरीवाल
- केजरीवाल सरकार क्लाउड-आधारित स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार, इसका उद्देश्य स्वास्थ्य प्रबंधन को विश्वस्तरीय है बनाना
- एचआईएमएस प्रणाली लागू होने से कम से कम 3 महीने पहले दिल्ली वासियों को मिल जाएगा ई-हेल्थ कार्ड
- यह पूरे देश में अपनी तरह के पहले ई-हेल्थ कार्ड होंगे, जिसमें मरीजों की सभी मेडिकल जानकारी क्लाउड पर उपलब्ध होगी
नई दिल्ली, 25 मार्च, 2022
केजरीवाल सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। अगले साल तक हर दिल्लीवासी को ई-हेल्थ कार्ड मिल जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली की स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली की प्रगति का आंकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने संबंधित विभागों को एचआईएमएस प्रणाली लागू होने से कम से कम 3 महीने पहले दिल्ली की जनता को ई-हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस प्रणाली को मार्च 2023 से शुरू होने की पूरी उम्मीद है। स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली का उद्देश्य स्वास्थ्य प्रबंधन को विश्वस्तरीय बनाना है। इस तरह की योजना भारत में कभी नहीं लाई गई है। यह पूरे देश में अपनी तरह के पहले ई-हेल्थ कार्ड होंगे। जिसमें मरीज की सभी मेडिकल जानकारी क्लाउड पर उपलब्ध होगी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) और ई-हेल्थ कार्ड योजना को लेकर आज दिल्ली सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। समीक्षा बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने एचआईएमएस और ई-हेल्थ कार्ड योजना को लेकर अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट ली। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को योजना के क्रियान्वयन से संबंधित समय-सीमा से अवगत कराया और योजना की प्रगति से जुड़े सभी आंकड़े पेश किए।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ने अधिकारियों को दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ने का निर्देश देते हुए कहा कि दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाने के लिए यह योजना बहुत महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूरी स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली परियोजना 2023 तक लागू हो जाए। साथ ही, एचआईएमएस योजना के क्रियान्वयन होने से कम से कम 3 महीने पहले ई-हेल्थ कार्ड का वितरण शुरू हो जाना चाहिए। जिससे कि योजना के क्रियान्वित होते ही लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। इस तरह, हर दिल्ली का निवासी इसका लाभ उठा सकेगा और हम अपनी विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने में सक्षम होंगे।
वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली के हर नागरिक को ई-हेल्थ कार्ड देने और दिल्ली में एचआईएमएस सिस्टम लागू करने की प्रगति को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज समीक्षा बैठक की। बैठक में तय हुआ कि वर्ष 2023 में एचआईएमएस लागू करने के साथ-साथ हर दिल्लीवासी को हेल्थकार्ड भी दे दिया जाएगा।’’
दिल्ली वालों को अस्पताल की लंबी कतारों से मिलेगी मुक्ति
स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली लागू होने के बाद लोगों को अस्पतालों की लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी। वे अपने घर के आराम से ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करके डॉक्टर से मिलने का समय ले सकेंगे। जिसके बाद वे नियत समय पर अस्पताल जाकर डॉक्टर से मिल सकेंगे और परामर्श ले सकेंगे। इससे उनका समय भी बचेगा और डॉक्टर से मिलने में काफी सहूलियत भी रहेगी।
हेल्थ कार्ड बनाने के लिए होंगे सर्वे
दिल्ली सरकार की योजना है कि लोगों को हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए अस्पतालों या दफ्तारों के चक्कर न काटने पड़े। सरकार, लोगों को इस परेशानी से मुक्ति दिलाने के लिए पूरी दिल्ली में सर्वे कराएगी, जिससे कि सभी का हेल्थ कार्ड बनाया जा सके। साथ ही, अस्पतालों व अन्य निर्धारित स्थानों पर भी हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे। डोर टू डोर सत्यापन कर हेल्थ कार्ड वितरित किए जाएंगे। हेल्थ कार्ड में व्यक्ति की पूरी मेडिकल हिस्ट्री होगी और वह कार्ड की मदद से एचआईएमएस से जुड़े किसी अस्पताल में इलाज करा सकेगा। हेल्थ कार्ड बनने के बाद उसे मेडिकल रिपोर्ट आदि लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी।
पूरा सिस्टम डिजिटल और क्लाउड आधारित होगा
दिल्ली सरकार जल्द से जल्द दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में एचआईएमएस को लागू करने की कोशिश कर रही है। बाद में निजी अस्पतालों को भी चरणबद्ध तरीके से इससे जोड़ा जाएगा। अस्पताल प्रशासन, बजट और योजना, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बैक एंड सेवा और प्रक्रियाओं जैसी सभी रोगी देखभाल संबंधी सेवाओं को इस प्रणाली के तहत लाया जाएगा। इस प्रणाली के माध्यम से स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे और उपयोग के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इससे दिल्ली के लोगों को एक ही छत के नीचे सारी जानकारी मिल सकेगी और आपात स्थिति में तत्काल मदद मिलेगी। इसके लागू होने के बाद दिल्ली देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन जाएगा, जिसके पास क्लाउड आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली होगी। वर्तमान में, स्वीडन, युगांडा और जर्मनी जैसे कुछ विकसित देशों में ऐसी प्रणाली उपलब्ध है।
हेल्थ कार्ड परियोजना के लिए कई प्रावधान प्रस्तावित
हेल्थ कार्ड प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली के निवासियों को वोटर आईडी और जनसंख्या रजिस्ट्री के आधार पर क्यूआर कोड आधारित ई-हेल्थ कार्ड जारी किए जाएंगे, जिससे प्रत्येक मरीज की जनसांख्यिकीय और बुनियादी नैदानिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। स्वास्थ्य योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिए ई-स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से परिवार मानचित्रण किया जाएगा। सूचना के निर्बाध आदान-प्रदान के लिए इसे एचआईएमएस के साथ एकीकृत किया जाएगा। भौतिक सत्यापन के बाद प्रत्येक व्यक्ति को क्यूआर कोड वाले कार्ड वितरित किए जाएंगे। लोगों के अनुरोध पर संशोधित या डुप्लीकेट कार्ड जारी करने का प्रावधान किया जाएगा।
केंद्रीकृत स्वास्थ्य हेल्पलाइन के लिए बनेंगे कॉल सेंटर
एचआईएमएस परियोजना को लागू करने के लिए दो स्तरों पर एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा। पहले स्तर पर कॉल सेंटर संचालकों को लोगों के कॉल और मैसेज प्राप्त होंगे। सीआरएम में लॉग इन करने के बाद, वे मामले का आकलन करेंगे और इसे सुलझाएंगे और उपलब्ध स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को सूचित करेंगे। ऑपरेटर कॉलर को प्रासंगिक जानकारी देगा और अंत में एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। वहीं दूसरे स्तर पर दिल्ली सरकार के डॉक्टर और विशेषज्ञ कॉल और मैंसेज रिसीव करेंगे और मरीज को अप्वाइंटमेंट देंगे। अगर इमरजेंसी का मामला है, तो हेल्पलाइन उनकी कॉल को तुरंत स्वीकार करेगी और समस्या को हल करने के लिए उनसे बात करेगी। जरूरत पड़ने पर संबंधित रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करेंगे।