इटावा 29 मार्च ।केंद्रीय श्रम संगठनों ,असंगठित मजदूरों, कर्मचारियों ,आशा, रसोइयों, आंगनबाड़ियों की दो दिनी हड़ताल के तहत आज जिले में आशा ,रसोइयों, आंगनबाड़ियों, किसानों एवं प्रधान संघ के द्वारा कई बलाकों में हड़ताल का आयोजन किया गया। ब्लॉक बसरेहर में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन खंड विकास अधिकारी श्री जयकेस त्रिपाठी एवं चिकित्सा अधीक्षक श्री विकास सचान सीएचसी बसरेहर को सौंपा गया। हड़ताल में बड़ी संख्या में आशाओं ,रसोइयों एवं ग्राम प्रधानों ने भाग लिया। हड़ताली सभा को संबोधित करते हुए आशा यूनियन की जिला मंत्री संगीता ने कहा कि आशाओं, रसोइयों पर सरकार द्वारा लगातार काम का बोझ बढ़ाया जा रहा है। लेकिन उनकी मांगों की तरफ सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दे रही है।कोविड-19 में ₹1000 प्रतिमाह मिलने के साथ-साथ आशाओं की मांग पर ₹500 प्रति माह के हिसाब से 24 माह का ₹12000 एकमुश्त भुगतान का शासनादेश के बाद भी नहीं मिल रहा है। आशाएं स्वास्थ्य विभाग की रीड की हड्डी है घर-घर स्वास्थ सेवाएं पहुंचाने का काम करती हैं । फाइलेरिया ,टीवी कोविड, पल्स पोलियो व तमाम प्रकार के सर्वे का काम सौंप दिया जाता है। लेकिन इन कामों का कोई उचित पैसा नहीं दिया जाता है । उन्होंने केंद्र व राज्य सरकारो से आशाओं, रसोइयों का मानदेय 26000 माह करने ,कर्मी का दर्जा , बीमा ,छुट्टियां ,बोनस, बकाया आशाओं को टच फोन, कोविड-19का 24 माह का आया पैसा तत्काल भुगतान कराने आदि की मांग उठाई ।यदि मांगे न मानी गई तो यूनियन मजबूर होकर आंदोलन को और तेज करेगी। कुसमा ने कहा कि आशाएं संगठन पर ध्यान दें संगठन को मजबूत करें। संगठनों की सदस्य बने यही हमारी ताकत है इसी से हमें जीत मिलेगी। यूनियन के प्रदेश नेता अमर सिंह शाक्य ने कहा की दो दिनी हड़ताल में बैंक, बीमा, असंगठित मजदूर ,आशा ,रसोईया, आंगनवाड़ी ,ट्रेड यूनियन इस प्रकार लगभग दोनों दिन में 40 करोड़ लोग हड़ताल पर रहे। यह हड़ताल श्रम कानूनों मैं बदलाव व निजीकरण के विरोध और एमएससी की गारंटी बिजली बिल 2020 वापसी, आशा रसोइयों को कर्मी का दर्जा 26000 वेतन,आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को मुआवजा ,किसानों पर लगाए गए झूठे केस वापसी, आदि मुद्दों पर की गई है। यदि इन मांगों को न सुना गया तो आगे भी आंदोलन और तेज होंगे। रसोईया यूनियन की अनीता पोरवाल ने कहा कि रसोइयों को हाई कोर्ट के निर्णय अनुसार 2005 से आज तक न्यूनतम वेतन और मानदेय के बीच का भुगतान तत्काल कराया जाए। रसोइयों को पूरी 12 माह का और नियमित भुगतान, रसोइयों से स्कूलों में खाना बनाने के अलावा अन्य कामों पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया। किसान सभा के जिला मंत्री संतोष शाक्य ने कहा की आशा, रसोईया, आंगनवाड़ी अपने को अकेला न समझे किसान सभा आपके कंधे से कंधा मिलाकर आपकी हर समस्याओं को हल कराने के लिए तैयार रहेगी। प्रधान संघ के मंत्री यतींद्र कुशवाहा ने प्रधानों की समस्याओं को उठाया और हड़ताल का समर्थन किया। आशा प्रमिला, सीमा देवी ,सुषमा देवी, मंजू शाक्य ,मीरा देवी , रसोईया उमा देवी, सुघरश्री ,इंद्रवती, ममता देवी ,शकुंतला ग्राम प्रधान नारायण दास ,रामनरेश, सुभाष चंद ,राकेश पाल आदि ने भी विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता सुलोचना देवी और संचालन कुसमा देवी ने किया। जसवंत नगर में विजय देवी, रजनी, सर्वेश कुमारी के नेतृत्व में, बढ़पुरा में सुनीला भदोरिया शकुंतला, शशि देवी के नेतृत्व में ताखा में आंगनवाड़ी मिथिलेश, किसान सभा के पूर्व जिला अध्यक्ष नाथूराम यादव के नेतृत्व में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से सौंपे गये।