*जब से इस दुनियां में इन धर्म मज़हब Religion के ठेकेदारो ब्रह्मावंशी ब्राह्मणों आब्राह्मवंशी मशीह ईशाईयो इब्राहिमवंशी मुसलमानो ने अपने अपने धर्म मज़हब Religion के ठेकेदारो ने अपनी अपनी धार्मिक मजहबी Religious कट्टरतावादी Blind faith अंधभक्ति अंधआस्था की दुकाने शुरु की है!इस दुनियाँ के सीधे भोले लोगो की जिन्दगी तबाह व दुखी करके रख दी है!इन ब्रह्मावंशी ब्राह्मणो आब्राह्मवंशी मशीह ईशाईयो इब्राहिम वंशी मुसलमानों ने अपने अपने अंदाज से अपने अपने मन्दिर मस्जिद चर्च इत्यादि बना कर उनमे अपनी अपनी धार्मिक मज़हबी Religious कट्टरतावादी पूंजीवादी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सीधे भोले लोगों को शारीरक मानसिक वैचारिक व्याव्हारिक व्यापारिक शैक्षणिक आर्थिक नैतिक समाजिक राजनैतिक गुलामी करने के लिए ऐसा मजबूर किया है कि सीधे भोले लोगो को धार्मिक मज़हबी Religious कट्टरतावादी Blind faith अंधभक्ति अंधआस्था में फसाकर एक दुसरे इन्सान को सच्ची इन्सानियत से दूर रहने को मजबूर ही किया है! कभी इन धर्म मजहब Religion के ठेकेदारो ब्रह्मावंशी ब्राह्मणों अब्राह्यावंशी मशीह ईशाईयो इब्राहिमवंशी मुसलमानों ने सारी सृष्टि की खुशहाली के लिए प्राकृतिक पर्यावरण संरक्षण Natural Environment Protection पर ध्यान ही नहीं दिया!और न ही इन्सानो सारी इन्सानियत की भलाई के लिए अपने अपने मन्दिरो मस्जिदो चर्चो इत्यादि की जगह सार्वजनिक हितैषी किसी ऐसी शिक्षा Education system को प्रोत्साहन दिया कि जिससे सारी इन्सानियत व सृष्टि का सार्वभौमिक भला व कल्याण हो सके!ऐसी शिक्षा Education system Science Sciencetist Medical Doctors Engineering Technology Medical Reaserch Centre s के कारण सारे विश्व के इन्सानो के लिए शारीरक मानसिक वैचारिक व्याव्हारिक व्यापारिक सुविधाओ व कल्याण का सभी इन्सानो को फायदा मिल सकता है! इन धार्मिक मज़हबी Religious कट्टरतावादी Blind faith अंधभक्ति अंधआस्था के स्थलो मन्दिरो मस्जिदो चर्चो में जब घंटी घंटा लाऊड स्पीकर की आवाज सुनाई देती है!सभी अंधभक्त अंध आस्तिक इन्सानो को अपनी अपनी धार्मिक मज़हबी Religious कट्टरतावादी Blind faith अंधभक्ति अंधआस्था की गुलामी का सन्देश देती है! जिससे प्रत्येक इन्सान अपने अपने धार्मिक मज़हबी Religious कट्टरतावादी पूंजीवादी व्यवस्था के ठेकेदारो पंडे पुजारी मुल्ला मौलाना फादर पादरी व उनके राजनैतिक आकाओ के बनाये अंधविश्वास पाखंडवाद कर्मकांड की मुर्खता के गुलाम बनकर लोग एक दुसरे धर्म मज़हब Religion से घृणा भड़कानेवाला काम करने लग जाते हैं!परन्तु जब यही घंटी किसी सार्वजनिक शिक्षा के स्थान स्कूल में बजती है!तो सभी इन्सान अपनी अपनी धार्मिक मज़हबी Religious कट्टरता Blind faith अंधभक्ति अंधआस्था की घृणा भड़कानेवाला विचार भूल कर एक साथ सार्वजनिक हितैषी डाक्टर इन्जीनियर वैज्ञानिक आर्थिक नैतिक सामाजिक राजनैतिक शिक्षा प्राप्त करने हेतु सारी इन्सानियत के भले व कल्याण के लिए काम आते हैं! हे इन्सानो अब तय आपको करना है! कि आपको धार्मिक मजहबी Religious कट्टरतावादी पूंजीवादी व्यवस्था के ठेकेदारो के मन्दिर मस्जिद चर्च इत्यादि बनाने है?या सार्वजनिक इन्सानियत के हित के लिए स्कूल कालेज बनाने है? फैसला आप सभी की सोच पर आधारित है!
Dheeraj nanda