रूस ने अमेरिका को दिखाया आईना

दैनिक समाचार

रूस ने रूबल को सोने के मूल्य से जोड़ कर और तेल की आपूर्ति सिर्फ़ रूबल के बदले करने की घोषणा कर, डॉलर और यूरो के मूल्य को एक झटके में 30% गिरा दिया है.

इस प्रयोग की शुरुआत सबसे पहले लीबिया के कर्नल गद्दाफ़ी ने की थी, जिसके कारण अमरीका और पश्चिमी देशों ने उसे बर्बाद कर दिया.

रूस के इस कदम का मतलब यह है कि अब पूरी दुनिया, ख़ासकर पश्चिमी यूरोप और जापान, भारी मात्रा में डॉलर की बिकवाली कर रूबल ख़रीदेंगे, क्यों कि सोने से लिंक हो जाने के बाद रूबल दुनिया की सबसे स्थायी मुद्रा रातोंरात बन गई है.

अमरीका, जो कि युद्ध सामग्री के सिवा बाक़ी किसी चीज़ का बड़े पैमाने पर अपने देश में उत्पादन नहीं करता, भयानक आर्थिक संकट में फँस गया है.

डॉलर के सिकुड़ने की स्थिति में अमरीका अपने 306 बिलियन बजटीय घाटे की भरपाई नहीं कर पाएगा; परिणामस्वरूप भयानक बेरोज़गारी आएगी और सामाजिक सुरक्षा नेट पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा.

पुतिन ने कल प्रेस को बताया कि उन्होंने ये कदम अमरीका और यूरोप के उस फ़ैसले के बाद लिए है जिसके कारण विदेशों में रखे खरबों का रूसी सोने पर पाबंदी लग गई!

यही वो आर्थिक एटम बम है, जिसकी भनक जो बाइडेन को उस समय थी, जब वह पोलैंड में पुतिन को हटाने की बात कर रहे थे.

सोवियत संघ ने पुतिन को KGB का प्रमुख यूँ ही नहीं बनाया था.

Subroto Chatterje

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