मेरा जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ है।
मेरा पूरा पालन पोषण झूठ और फरेब की बातें सुनते हुए हुआ है।
मेरा दम घुट रहा है।
मुझे लग रहा है अगर मैंने सच ना बोला तो मैं इतना बड़ा बोझ लेकर चैन से मर नहीं पाऊंगा।
हम ब्राह्मणों की सारी बातें झूठी है।
हमारे सारे मंत्र सारी पूजा-पाठ झूठी है।
हमारी बनाई हुई वर्ण व्यवस्था भारत की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण है।
वर्ण व्यवस्था के आधार पर बनी हुई जाति व्यवस्था ने भारत के लोगों को एक भयानक पागलपन में धकेल दिया है।
भारत का हर इंसान दूसरे इंसान से बिना कारण से नफरत कर रहा है एक भारतीय दूसरे भारतीय को नीचे गिराने की कोशिश कर रहा है।
एक जाति का व्यक्ति दूसरी जाति के व्यक्ति के साथ न खाना खा सकता है ना मोहल्ले में चैन से रह सकता है ना शादी ब्याह कर सकता है ना उसके नागरिक अधिकारों की रक्षा कर सकता है।
जाति के कारण लोग एक दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं और वे एक दूसरे का बुरा चाहते हैं।
बिना कारण के दुश्मन बने हुए लोंगों से भरे हुए इस भयानक समाज का निर्माण हम ब्राह्मणों ने ही किया है।
मैं पूरी जोर से यह कहना चाहता हूं हम ब्राह्मण अपने इस अपराध के लिए समाज से कभी क्षमा नहीं मांगेंगे ना हम वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था को खत्म करने की कोई कोशिश करेंगे।
लेकिन मेहरबानी करके आप सब लोग अपने दिमाग से ब्राह्मणों के बनाए हुए धर्म, वर्ण व्यवस्था, जाति व्यवस्था के इस पागलपन को जितना जल्दी हो निकाल दीजिए।
ताकि आप एक इंसान बन सके एक सामान्य नागरिक बन सकें और इस पागलपन से आजाद हो जाएं।
यूँ ही नहीं कहा था स्वामी विवेकानंद ने :
“प्रपंची पुरोहित-वाद/ब्राह्मण-वाद ही भारतवर्ष की अधोगति का प्रमुख कारण है !”
--- 'हिमांशु कुमार' .