मेगा प्लांटेशन ड्राइव को लेकर 12 अप्रैल को दिल्ली सचिवालय में सभी सम्बंधित विभागों के साथ होगी उच्चस्तरीय बैठक- गोपाल राय

दैनिक समाचार
  • केंद्र सरकार द्वारा 2021-22 मे दिल्ली को 28 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला था, दिल्ली सरकार ने उससे ज़्यादा 35 लाख पौधे लगाए
  • शहरों के प्रति व्यक्ति फॉरेस्ट कवर के मामले में दिल्ली पूरे देश में नंबर वन
  • दिल्ली में 2013 में हरित क्षेत्र 20 फीसद था जो 2021 में बढ़कर 23.06 फीसदी हो गया है

नई दिल्ली, 06 अप्रैल, 2022

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस साल के मेगा प्लांटेशन ड्राइव को लेकर 12 अप्रैल को दिल्ली सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक होगी, जिसमें अगले साल के वृक्षारोपण से संबंधित लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। पर्यावरण मंत्री ने बताया की सरकार ने 33 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन सरकार ने 35 लाख पौधे लगाकर लक्ष्य से ज़्यादा का मुकाम हासिल किया। केंद्र सरकार द्वारा 2021-22 मे दिल्ली को 28 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला था, दिल्ली सरकार ने उससे ज़्यादा 35 लाख पौधे लगाए।

पर्यावरण मंत्री ने बताया की मेगा प्लांटेशन के ड्राइव की बैठक में वन विभाग, डीडीए, एमसीडी, शिक्षा विभाग, डीएसआईडीसी, दिल्ली मेट्रो कारपोरेशन, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी, एनडीपीएल, दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड, पर्यावरण विभाग ,दिल्ली जल बोर्ड, रेलवे और डीटीसी समेत अन्य संबंधित विभाग शामिल होंगे।

केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष दिल्ली के लिए 28 लाख पौधरोपण का लक्ष्य दिया था। दिल्ली सरकार ने उससे ज़्यादा 35 लाख पौधे लगाए हैं। इस वर्ष मेगा प्लांटेशन ड्राइव के लिए 12 अप्रैल को सभी सम्बंधित विभागों के साथ दिल्ली सचिवालय में बैठक बुलाई गई है।
गोपाल राय ने बताया की दिल्ली सरकार के गंभीर प्रयासों के चलते ही भारत के विभिन्न शहरों में दिल्ली आज प्रति व्यक्ति फॉरेस्ट कवर के मामले में पहले स्थान पर है।

उन्होंने बताया की दिल्ली में फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के तय मनकों से भी ज़्यादा दिल्ली में ग्रीन क्षेत्र है। 2024 की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का ग्रीन क्षेत्र 23.06 फीसदी है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा की दिल्ली सरकर और सभी हरित एजेंसीज द्वारा मिलकर पिछले कुछ सालों में चलाये गए मेगा पौधरोपण अभियान के कारण आज पूरे देश में शहरों के प्रति व्यक्ति फॉरेस्ट कवर के मामलो में दिल्ली नंबर वन हो गया है। साथ ही विभाग ने निर्णय लिया है की वर्तमान में पौधों के जिंदा रहने की दर को और बढ़ावा देने के लिए मिट्टी की गुणवत्ता की जांच भी की जाएगी और उसी के अनुसार उस एरिया में पौधारोपण करने को बढ़ावा दिया जाएगा।

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