भारत राष्ट्र- राज्य ,कारपोरेट- पुलिस स्टेट में बदल चुका है।

दैनिक समाचार

जिसमें व्यक्तियों और समुदाय की स्वतंत्रता को पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा कारपोरेट की अधिकतम लूट सुनिश्चजित करने के लिए कुचला जा रहा है। उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल एवम अन्य आदिवासी बहुल्य राज्यों में किसानों एवं आदिवासियों की जमीनों का जोर जबरदस्ती से पुलिस दमन कर अधिग्रहण किया जा रहा है। उड़ीसा के जगतसिंहपुर जिले के ढिंकिया में हुई कार्यवाही इसका जीता जागता उदाहरण है। जहां आज भी तमाम आदिवासी जेल में है तथा अपनी जल, जंगल, जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
उड़ीसा सरकार पहले भी पोस्को में जन संघर्षों के आगे घुटने टेक चुकी है।
अब जगतसिंहपुर जिले के ढिंकिया ग्राम में जिंदल स्टील वर्ल्ड लिमिटेड के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है
19 फरवरी 2022 को जिंदल कंपनी के गुंडों के द्वारा पुलिस की उपस्थिति में आदिवासियों पर हमला किया गया। । जबकि उड़ीसा हाई कोर्ट द्वारा भेजी गई 5 सदस्यीय कमेटी वहां मौजूद थी । जांच दल घटना स्थल पर जब पहुंचा, तब उनके सामने ही गुंडों द्वारा ग्रामवासियों पर हमला किया गया।
इसके पहले ढिंकियां में 14 जनवरी की लाठीचार्ज की घटना में 30 ग्रामवासी घायल हुए थे जिसमें महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल है। लाठीचार्ज की घटना को लेकर उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की गई थी, जिसको लेकर उच्च न्यायालय ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था।
सुनिए बहुजन संवाद की चर्चा इस विषय पर । चर्चा में शामिल हैं-
● दयामणि बारला, पत्रकार एवं आदिवासी नेत्री, झारखंड
● प्रफुल्ल सामंतरा, संयोजक – लोक शक्ति अभियान, उड़ीसा
● सुधीर पटनायक , वरिष्ठ पत्रकार
● विकास वाजपेयी, संयोजक -जनहस्तक्षेप, दिल्ली
● नरेंद्र मोहंती, समन्वयक – इंसाफ एवं समन्वयक-फ़र्ज़ी मुकदमा विरोधी अभियान, ओडिसा
● प्रशांत पैकरे, प्रवक्ता – एन्टी जिंदल – एन्टी पोस्को आंदोलन
संचालन – डॉ सुनीलम

भारत राष्ट्र- राज्य ,कारपोरेट- पुलिस स्टेट में बदल चुका है। जिसमें व्यक्तियों और समुदाय की स्वतंत्रता को पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा कारपोरेट की अधिकतम लूट सुनिश्चजित करने के लिए कुचला जा रहा है। उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल एवम अन्य आदिवासी बहुल्य राज्यों में किसानों एवं आदिवासियों की जमीनों का जोर जबरदस्ती से पुलिस दमन कर अधिग्रहण किया जा रहा है। उड़ीसा के जगतसिंहपुर जिले के ढिंकिया में हुई कार्यवाही इसका जीता जागता उदाहरण है। जहां आज भी तमाम आदिवासी जेल में है तथा अपनी जल, जंगल, जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
उड़ीसा सरकार पहले भी पोस्को में जन संघर्षों के आगे घुटने टेक चुकी है।
अब जगतसिंहपुर जिले के ढिंकिया ग्राम में जिंदल स्टील वर्ल्ड लिमिटेड के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है
19 फरवरी 2022 को जिंदल कंपनी के गुंडों के द्वारा पुलिस की उपस्थिति में आदिवासियों पर हमला किया गया। । जबकि उड़ीसा हाई कोर्ट द्वारा भेजी गई 5 सदस्यीय कमेटी वहां मौजूद थी । जांच दल घटना स्थल पर जब पहुंचा, तब उनके सामने ही गुंडों द्वारा ग्रामवासियों पर हमला किया गया।
इसके पहले ढिंकियां में 14 जनवरी की लाठीचार्ज की घटना में 30 ग्रामवासी घायल हुए थे जिसमें महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल है। लाठीचार्ज की घटना को लेकर उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की गई थी, जिसको लेकर उच्च न्यायालय ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था।
सुनिए बहुजन संवाद की चर्चा इस विषय पर । चर्चा में शामिल हैं-
● दयामणि बारला, पत्रकार एवं आदिवासी नेत्री, झारखंड
● प्रफुल्ल सामंतरा, संयोजक – लोक शक्ति अभियान, उड़ीसा
● सुधीर पटनायक , वरिष्ठ पत्रकार
● विकास वाजपेयी, संयोजक -जनहस्तक्षेप, दिल्ली
● नरेंद्र मोहंती, समन्वयक – इंसाफ एवं समन्वयक-फ़र्ज़ी मुकदमा विरोधी अभियान, ओडिसा
● प्रशांत पैकरे, प्रवक्ता – एन्टी जिंदल – एन्टी पोस्को आंदोलन
संचालन – डॉ सुनीलम


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