जर्मनी में 2015 में एक फिल्म आई थी, Look Who’s Back (देखो, कौन लौट आया है)
डेविड वेंन्ड्ट निर्देशित फिल्म मूल जर्मन में है, जो तीमूर वेरमेस के उपन्यास ‘एडोल्फ हिटलर (2012) पर आधारित है. फिल्म शुरू होती है 2014 की एक सुबह बर्लिन के एक पार्क से, जहां अचानक हिटलर जग जाता है. इसी के आसपास कभी उसका बंकर होता था. पहले तो वह नए जर्मनी को देख कर वह भौचक रह जाता है. जब वह लोगों से मिलता है तो लोग उसे अभिनेता समझते हैं, मजाक उड़ाते हैं.
इस बीच एक टीवी चैनल से निकाले गए फिल्मकार फेबियन सवात्जकी से उसकी मुलाकात होती है. इस दौरान हिटलर को अखबारों से जानकर हैरानी होती है कि पोलैंड अब भी कायम है.
हिटलर कहता है कि सारी जंग बेकार गई. किस्मत ने उसे फिर किसी खास मकसद से भेजा है. वह अपना काम जारी रखेगा.
फेबियन उसे पूरा देश घूमने की पेशकश करता है और दोनों निकल पड़ते हैं. जगह-जगह लोगों से बात करने पर हिटलर जर्मनी को मजबूत बनाने और अपनी पुरानी यहूदी विरोधी बातें करता है. लोग प्रभावित भी होते हैं.
इसी दौरान फेबियन ‘माई टीवी’ की संचालक बेलिनी से हिटलर की मुलाकात कराता है.फिर हिटलर नए जमाने के फासिज्म पर किताब लिखता है, जो बेस्ट सेलर हो जाती है.
इसी किताब पर बनी फिल्म ‘माई टीवी’ पर दिखाई जाती है और टी.वी चैनल की रेटिंग ऊंची चढ़ जाती है. इस दौरान कुछ नव नाजी हिटलर को फर्जी नाजी मानकर पीटते भी हैं. हालांकि टीवी चैनल वाले भी उसे असली नहीं मानते.
तमाम विसंगतियों के बाद एक ऐसा दृश्य भी आता है, जब हिटलर कहता है ‘मुझे जर्मनी की जनता ने चुना है.अगर मैं शैतान हूं, तो जिसने भी मुझे वोट दिया है, मुझसे अलग नहीं हैं.’
फिल्म के अंत में फेबियन ही उसे गोली मार देता है. अचानक हिटलर फिर प्रगट होता है और कहता है, ‘मैं कभी नहीं मर सकता क्योंकि मैं हर जर्मन का हिस्सा हूं.’
हिटलर को राष्ट्रवादी जर्मनों से उम्मीद बंधती है कि वह अपना अधूरा काम पूरा कर सकता है. वह बेलिनी के साथ अभियान में निकल जाता है, यह कहते हुए कि I can work with this.
फिल्म में हिटलर की भूमिका ओलिवर मासूची ने निभाई है.यह फिल्म यूट्यूब पर उपलब्ध है अंग्रेजी सबटाइटल्स के साथ.