युद्ध॓

दैनिक समाचार

1,
एक लाचार देश को
दुनिया के सभ्य लोग
देख रहे हैं कातर नजरों से
वैश्विक राजनीति के
घिनौने आचरण से
लोग सकते में हैं ।
महाशक्तियां
युद्ध और माहामारी के बाद
लुट के संसाधनों को
मुनाफे में बदलना चाहते हैं
मुश्किलों के बाद
युद्ध छोड़ जाएगा
तबाही का मंजर
आंसुओं का सैलाब
और इतिहास में दर्ज होंगे
यातना शिविरों में
किए गए क्रूरताओं के वारदात।

2,

॓नग्न संवेदनहीनता॓

इन्सानी सभ्यता की
विडम्बना है कि
अपने पापी आकांक्षाओं को
पूरा करने के लिए
आक्रमण की बुनियाद ही
झूठ पर रखी जाती है।
युद्ध भुखमरी और
बदहाली के गर्त में धकेलती है।
दुनिया के अमन पसंदों
नग्न संवेदनहीनता ठीक नहीं
हर खूनी फौजी दस्तों के खिलाफ
प्रतिरोध की लहर उठनी चाहिए
ताकि जंग पिपासु
तानाशाहों की संहार कामना पर
चोट पहुंच सके
उनके मोहक शब्दजालों का
पर्दाफाश हो सके।

अजय यतीश

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