- पिछले एक साल में लगभग 14 बार आग लग चुकी है लेकिन भाजपा कोई कार्रवाई नहीं कर रही है- दुर्गेश पाठक
- आम आदमी पार्टी की मांग है कि भाजपा के लोगों के खिलाफ आपराधिक लापरवाही की एफआईआर दर्ज हो- दुर्गेश पाठक
- आग बुझाने की प्रक्रिया अभीतक जारी है, आसपास के लोग सांस तक नहीं ले पा रहे हैं- दुर्गेश पाठक
- लोगों में डर बना हुआ है कि यदि आग का एक छोटा गोला भी नीचे गिर गया तो पूरी कॉलोनी में आग लग जाएगी- दुर्गेश पाठक
- कूड़े के तीनों पहाड़ों पर लगभग 80 लाख टन कूड़ा लदा हुआ है, जिसकी सफाई के नाम पर भाजपा करोड़ों का भ्रष्टाचार कर चुकी है- दुर्गेश पाठक
- कूड़े के पहाड़ों को कम करने पर हमने कुछ सवाल किए तो भाजपा ने कुछ भी बताने से मना कर दिया- दुर्गेश पाठक
- बीजेपी सांसद गौतम गंभीर जी ट्वीट पर ट्वीट करके बताते रहते हैं कि इतना काम हो गया है लेकिन असल में ज़मीनी स्तर पर काम होता ही नहीं है- दुर्गेश पाठक
नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2022
कल भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगी भीषण आग पर आम आदमी पार्टी ने प्रेसवार्ता कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आम आदमी पार्टी ने इसे आपराधिक लापरवाही बताते हुए एफआईआर की मांग की है। एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि इस महीने कल चौथी बार भलस्वा लैंडफिल पर भीषण आग लगी, जिसको बुझाने की प्रक्रिया अभीतक जारी है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। लोगों में डर बना हुआ है कि यदि आग का एक छोटा गोला भी नीचे गिर गया तो पूरी कॉलोनी में आग लग जाएगी। यह सब भाजपा की लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है। पिछले एक साल में लगभग 14 बार आग लग चुकी है लेकिन भाजपा कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। और जब उनसे कूड़े के पहाड़ों पर सवाल करो तो वह जवाब देने से मना कर देते हैं।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित किया। दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले 15 सालों से एमसीडी में भाजपा की सरकार है। इतने सालों में भाजपा ने जो भ्रष्टाचार किया है, उसका सबसे बड़ा जीता-जागता सबूत दिल्ली के 3 बड़े-बड़े कूड़े के पहाड़ हैं। इस महीने कल चौथी बार भलस्वा लैंडफिल साइट में भीषण आग लगी है। आग बुझाने की कोशिश अभीतक जारी है। आसपास की लगभग सभी कॉलोनियों में लोग सांस नहीं ले पा रहे हैं। लोगों में डर बना हुआ है कि यदि आग का एक छोटा गोला भी नीचे गिर गया तो पूरी कॉलोनी में आग लग जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हम कई बार उठा चुके हैं। पिछले 15 सालों से यह अब हर दिन की कहानी बन चुकी है। भाजपा के कूड़े के पहाड़ों में अब हर दिन आग लग रही है। जिससे वहां के लोग परेशान हो रहे हैं। पिछले एक साल में लगभग 14 बार आग लग चुकी है। कुछ दिन पहले कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा गिर गया था, जिसके नीचे 3 लोग दब गए थे। लेकिन भाजपा इसपर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उनकी ओर से एक भी ऐसा कदम नहीं उठाया गया है, जिससे यह लगे भाजपा इसपर कोई काम कर रही है। वहां के सांसद गौतम गंभीर जी ट्वीट करके बताते रहते हैं कि इतना काम हो गया है। मैं गौतम गंभीर जी से कहना चाहता हूं कि आईपीएल छोड़कर उनपर ध्यान दीजिए जिन्होंने आपको वोट दिया है।
कूड़े के पहाड़ों को कम करने में भाजपा का करोड़ों का भ्रष्टाचार
दुर्गेश पाठक ने कहा कि 15 सालों में बीजेपी ने कोर्ट की सुनवाई में भी कई बार झूठ बोला है और कूड़े के पहाड़ को साफ करने की कई तारीखें दी हैं। लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लगभग 80 लाख टन से अधिक कूड़ा इन पहाड़ों पर लदा हुआ है लेकिन भाजपा कोई कदम नहीं उठा रही है। हमने कई बार बताया कि कूड़े की मशीन की खरीद पर भी भाजपा ने 180 करोड़ का भ्रष्टाचार किया। हमने कई बार बताया है कि कूड़े को प्रॉसेस करने की प्रक्रिया में भी भ्रष्टाचार किया गया है। भाजपा के भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली के लोग आज सांस नहीं ले पा रहे हैं। दिल्ली के पटपड़गंज, विश्वासनगर और कोंडली की जो कॉलोनियां हैं, वहां के लोग इस बात से परेशान हैं कि कहीं रात को उनके घर में आग न लग जाए।
भाजपा की लापरवाही अपराध से कम नहीं है। कुछ दिनों पहले विधानसभा के माध्यम से हमने भाजपा से पूछा कि आप कूड़े को साफ करने के लिए क्या कर रहे हैं? इसमें कितना वक्त लगेगा और इसकी प्रक्रिया क्या होगी? भाजपा ने कुछ भी बताने से मना कर दिया। इसका कारण भाजपा का भ्रष्टाचार है। दिल्ली का एक-एक कूड़ा और एक-एक प्लास्टिक भाजपा के भ्रष्टाचार का जीता-जागता सबूत है।
एमसीडी प्रभारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी यह मांग करती है कि भाजपा के मेयर, पार्षद, सभी के खिलाफ आपराधिक लापरवाही की एफआईआर होनी चाहिए और सभी के खिलाफ जेल की कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि इनके कारण वहां के लोग बद से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि कभी भी किसी की भी जान जा सकती है। लोगों को सांस लेने में इतनी समस्या हो रही कि वह लोग अपनी कॉलोनी छोड़कर भागने को मजबूर हैं।