पत्रकार पवन भाई की याद में✍️

दैनिक समाचार

अश्रुपूर्ण विदाई

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आज हाथ कांप गया लिखने से
दिल पसीज गया यह सुनने से
पवन मेरा भाई मेरा मित्र कहां हम सबको छोड़ के
हम सब चुप हो गए है तेरे न कुछ कहने से&
अब कौन लड़ेगा बच्चों की लड़ाई
कैसे सुधरेगी अब इनकी पढ़ाई
भ्रष्टचारियों के खिलाफ,अब कौन लेगा लोहा
गरीबों की अब कौन बनेगा सहाई
बहुत तकलीफ है तेरे न रहने से
आज हाथ कांप गया लिखने से
दिल पसीज गया यह सुनने से
तेरे साथ बिताए वह पल याद आ रहे है
कैसे हम लोगों ने एक साथ क्या क्या करने की सोची थी
आज वह सारी बातें दिल में छा रही है
पवन भाई तू कहां गए हम सबको छोड़ के
मेरी हर बातों को मानने वाले
बिना बताए क्यों मुंह मोड़ गए
मिलती थी मुझे हिम्मत तेरे रहने से
हाथ कांप गया कुछ लिखने से
दिल पसीज गया यह सुनने से
पवन मेरा भाई मेरा मित्र कहां गए हम सबको छोड़के

भ्रष्टचारियों से तुम जीत गए,अत्याचारियों से तुम जीत गए क्या कैंसर से नहीं जीत सकते थे

क्यों इस बीमारी से तुम हारे,कर गए सबको बेसहारे
आज हम लोग बहुत तकलीफ में है तेरे हारने से
हाथ कांप गया आज लिखने से
दिल पसीज गया यह सुनने से
पवन मेरा भाई मेरा मित्र कहां गया हम सबको छोड़के

ईश्वर मेरे प्रिय मित्र पवन को अपने श्री चरणों में जगह दें,और परिजनों को भी इस तकलीफ को सहने के लिए अपार सहनशक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति:शांति:शांति:???????

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