- केजरीवाल सरकार 4.59 करोड़ रुपए की लागत से आईआईटी और पंचशील पार्क मेट्रो स्टेशन पर विकसित करेगी मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन
- यात्रियों को बेहतर लास्ट माइल कनेक्टिविटी देने के लिए दोनों मेट्रो स्टेशनों पर मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन विकसित किया जाएगा – मनीष सिसोदिया
- मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन बन जाने से यात्रियों को बस, ऑटो, ई-रिक्शा समेत परिवहन के अन्य साधन मिल सकेंगे- मनीष सिसोदिया
- मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन विकसित होने के बाद यात्रियों को यात्रा का विश्व स्तरीय अनुभव मिलेगा और उनके समय की भी बचत होगी- मनीष सिसोदिया
- पीडब्ल्यूडी और डीएमआरसी को साथ मिलकर काम करने से परियोजना की लागत में कमी आएगी और निर्माण कार्य भी समय से पूरा हो सकेगा- मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली, 06 मई, 2022
केजरीवाल सरकार, आईआईटी और पंचशील पार्क मेट्रो स्टेशन पर मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन विकसित करेगी। इससे रोजाना हजारों लोगों का आवागमन सुगम होगा। केजरीवाल सरकार 4.59 करोड़ रुपए की लागत से यह दोनों मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन बनाएगी। उपमुख्यमंत्री एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यात्रियों को बेहतर लास्ट माइल कनेक्टविटी देने के लिए दोनों मेट्रो स्टेशनों पर मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन विकसित किया जा रहा है। इसके बन जाने से यात्रियों को बस, ऑटो, ई-रिक्शा समेत परिवहन के अन्य साधन आसानी से मिल सकेंगे। साथ ही, लोगों को यात्रा का विश्व स्तरीय अनुभव मिलेगा और उनके समय की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी और डीएमआरसी को साथ मिलकर काम करने से इस परियोजना की लागत में भी कमी आएगी और निर्माण कार्य भी समय से पूरा हो सकेगा।
दरअसल, केजरीवाल सरकार दिल्ली के नागरिकों को बेहतर से बेहरत सुविधाएं देने को लेकर लगातार प्रयासरत है। इस दिशा में उपमुख्यमंत्री एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने पैदल यात्रियों को आवागमन का सुखद अनुभव देने और यातायात को सुगम बनाने के लिए आईआईटी मेट्रो स्टेशन और पंचशील पार्क मेट्रो स्टेशन पर दो मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन (एमएमआई) के निर्माण कार्यों को मंजूरी दी है। दोनों मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के निर्माण कार्य पर करीब 4.59 करोड़ रुपए की लागत आने की उम्मीद है। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पीडब्ल्यूडी और डीएमआरसी के साथ मिलकर काम करने से न केवल इस परियोजना कार्य की लागत कम आएगी, बल्कि समय की भी बचत होगी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यात्रियों को होने वाली परेशानी और लास्ट माइल कनेक्टविटी को बेहतर बनाने के लिए इन मेट्रो स्टेशनों पर एमएमआई तैयार किया जा रहा है। इससे रोजाना इन दोनों स्टेशनों से सफर करने वाले हजारों यात्रियों को इससे सीधा फायदा मिलेगा। साथ ही, लास्ट माइल कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस काम के पूरा होने के बाद दोनों स्टेशनों पर जाम की समस्या से निजात भी मिलेगी। दिल्ली मेट्रो और पीडब्ल्यूडी के इस संयुक्त कार्य के बाद परिवहन निगम अन्य विभागों के साथ मिलकर यात्रियों को घर और ऑफिस तक यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके तहत बसों के अलावा, बस ऑटो, ई-रिक्शा समेत परिवहन के अन्य साधनों का बेहतर प्रबंध किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार वाहनों के साथ-साथ पैदल चलने वाले यात्रियों को सुरक्षित और सुगम गतिशीलता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा ध्यान विभिन्न एजेंसियों द्वारा विकास कार्यों को इंटीग्रेट करने पर है, जिससे न केवल परियोजनाओं की लागत कम होगी, बल्कि इसे पूरा होने में लगने वाले समय की भी बचत होगी और इसके परिणाम स्वरूप जनता को कम कठिनाई होगी। उन्होंने कहा कि इस मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन कार्य से लोगों को यात्रा का बेहतर और विश्व स्तरीय अनुभव मिलेगा व रोजाना उनके समय की बचत भी होगी।
उल्लेखनीय है कि इस मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन (एमएमआई) में मौजूदा पैदल मार्ग में सुधार करते हुए उसमें सीसी पेवर ब्लॉक बनाना, डीबीसी द्वारा वाहनों के कैरिजवे में सुधार, एमएस रेलिंग, रोड फिक्स्चर, रोड मार्किंग और अन्य कार्यों जैसे ड्रेन वर्क शामिल होंगे। मेट्रो स्टेशनों पर उतरने के बाद ज्यादातर जगहों पर घर-ऑफिस तक पहुंचने के लिए स्थानीय परिवहन के साधनों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में यह सुविधा लोगों को सहूलियत देने के साथ उनका समय भी बचाएगी। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन के तहत सभी परिवहन विकल्प एक ही जगह पर उपलब्ध होंगी। इससे लोगों की सहूलियतें बढ़ेंगी तो दूसरी तरफ ट्रेन, मेट्रो, बस या टैक्सी में सफर करने वालों को राजधानी के किसी भी छोर तक पहुंचने में दिक्कत नहीं होगी।