स्वाधीन भारत एवं इसके पूर्व की राजनीतिक व्यवस्था: विचारणीय तथ्य

दैनिक समाचार

?बहुत समय पहले की बात है। देश आजाद नही हुआ था। न कोई संविधान बना था। और न ही कोई आरक्षण था। तब हमारे पुष्पक विमान उड़ते थे। हमारे पास मिसाइलों की भरमार थी। इंटरनेट था। बच्चे कभी हवा से, पानी से, तो कभी मछली से बच्चे पैदा कर लिए जाते थे। उस समय हमारी महिमा इतनी थी कि , हमने तो खीर से भी बच्चे पैदा किये थे।

?एक ऐसा रामराज्य था, जहाँ डाल- डाल पे सोने की चिड़िया रहा करती थी। रामराज्य में औरते खुश थी। साधु – ऋषि सबको ज्ञान ही ज्ञान था , चारो तरफ ज्ञान की नदियां बह रही थी। गणेश जी चूहे पे बैठ के उड़ जाया करते थे। मनु का विधान चलता था। जिसमे औरते और शूद्र सब खुश थे। चारो तरफ खुशहाली ही खुशहाली थी।

?फिर देश आजाद हो गया और अब मनु का विधान बंद हो गया। संविधान लागू हो गया। अब शूद्रों को आरक्षण मिल गया। बस यहां से देश बर्बाद होना शुरू हो गया। संविधान/आरक्षण की वजह से पुष्पक विमान के पहिये पंचर हो गये, अब वो उड़ नही पा रहा है।

संविधान/आरक्षण की वजह से मिसाइलों में जंग लग गई है। संविधान/आरक्षण की वजह से अब बच्चे हवा और पानी से पैदा नही हो रहे हैं। संविधान/आरक्षण की वजह से मछली को अपने पेट का अबॉर्शन करवाना पड़ता है। वरना वो आज भी बच्चे पैदा कर सकती है। अब बेचारे दशरथ कितनी भी खीर खाये , खीर से बच्चे पैदा नही हो रहे हैं। ये सब संविधान /आरक्षण के कारण हुआ।

?संविधान/आरक्षण की वजह से रामराज्य में अंधकार छा गया। डाल -डाल पे सोने की चिड़िया अब उड़ नही पा रही थी। कोशिश करती पर, लड़खड़ा के बार-बार गिर रही थी। औरते अब जागीर नही थी। बेचने की मनाही थी। सब जगह अब दुख ही दुख था। विडंबना ये भी है, अब बेचारे गणेश भी चूहे के साथ उड़ नही पा रहे है। अगर संविधान /आरक्षण हट जाये तो वो अभी उड़ जाए।

?सबको समानता का अधिकार मिल गया। मनु के विधान को जलाकर। ओरतो की भागीदारी और अधिकार सुरक्षित हुए।
औरते अब आगे आ चुकी थी । शुद्र पढ़ लिख कर तर्क करने लगा, और औरते अब आवाज उठाने लगी । इससे बेचारे मनु महाराज नाराज हो गये। और देश आर्थिक रूप से पिछड़ गया।
वरना हम ही विश्वगुरु होते।

(साभार)

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