लखनऊ- 11 मई, 2022, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने संघ के छात्र संगठन- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ABVP से जुड़े तत्वों द्वारा लखनऊ विश्व- विद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर रविकांत पर शारीरिक हमला करने की कोशिश करने, उन्हें धमकी देने और उन्हें जातिसूचक शब्दों से नवाजने की घ्रणित कार्यवाहियों की कड़े शब्दों में निंदा की है। भाकपा ने इसे विश्वविद्यालय परिसर में भगवा गुंडागर्दी और सामंती मानसिकता का द्योतक बताते हुए कहा कि इस तरह की तमाम कारगुजारियों को सत्तारूढ़ दल की शह प्राप्त है।
भाकपा ने मांग की इस कांड की एफ़आईआर दर्ज कर नामचीनों को माकूल दफाओं में जेल भेजा जाये, उन पर एनएसए लगाया जाये तथा प्रोफेसर रविकांत को सुरक्षा प्रदान की जाये।
परिसर का शैक्षिक माहौल पुनर्स्थापित किया जाये, जो कि भाजपा शासनकाल में समाप्त हो गया है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा ने कहा कि संघ, भाजपा और उससे जुड़े संगठन हर स्तर पर असहमति की आवाज को कुचलने पर आमादा हैं। इसके लिये वे असहमति रखने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं और समुदायों पर मध्यकालीन बर्बर आक्रमण कर रहे हैं। उनकी विचारधारा फासीवादी है, और वे लोकतन्त्र और लोकतान्त्रिक व्यवस्था को क्षत- विक्षत करने पर उतारू हैं।
भाकपा ने कहा कि जिस तरह से दलित प्रोफेसर को अमर्यादित भाषा और हमलावर नारों का निशाना बनाया गया, पूरी तरह निंदनीय, गैर-लोकतांत्रिक और आपराधिक कृत्य है। विश्वविद्यालय प्रशासन का रवैया प्रोफेसर के जान- सम्मान की रक्षा करने के बजाय हमलावरों के हौसले बढ़ाने वाला था। इस बात की जांच होनी चाहिये कि किन तत्वों ने प्रोफेसर के ऊपर खेद व्यक्त करने का दवाब डाला।
भाकपा ने कहा है कि वह परिसरों में ही नहीं समूचे देश में अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के लिये संघर्ष करती रही है, और उसकी रक्षा के लिये कोई कसर बाकी नहीं रखेगी।
डा॰ गिरीश, राज्य सचिव
भाकपा, उत्तर प्रदेश।