एक कदम अंधकार से उजाले की ओर…..
(प्रेरणादायक कहानी)

दैनिक समाचार

एक नवयुवक मंदिर में पूजा करने गया जब बाहर आया तो एक भिखारी ने उससे भीख माँगी ।

नवयुवक ने उसको दुत्कार दिया

भिखारी से अपमान सहन नहीं हुआ।

उसने नवयुवक से पूछा मंदिर क्यों आते हो.?

नवयुवक बोला: पूजा करने.?

पूजा किसलिए करते हो.?

नवयुवक बोला: अपने घर की सुख समृद्धि के लिए अपने कारोबार और परिवार के लिए समृद्धि माँगता हूँ।

भिखारी बोला: हम क्या यहाँ बैठकर झख मारते हैं.? रोज़ 10-12 घंटे माँगते हैं यहाँ, और जब से पैदा हुए हैं तब से माँग ही रहे हैं लेकिन आज तक भिखारी ही हैं।

तु क्या समझता है दस पंद्रह मिनट आकर तुं अपनी इच्छा पूरी करवा लेगा.?

अरे भाई जब हम जन्म से मांग रहे हैं और अब तक भी भिखारी हैं, इस भगवान ने हमें तो कुछ नहीं दिया, वो तेरे को खाक देगा..हमसे दीन हीन और कौन होगा..?

अगर इसको किसी पर दया दिखानी थी, तो हम पर दिखानी थी..!!

जबकि तेरे पास तो कुछ कमी नहीं है, गाड़ी बंगले कार सब कुछ है।

एक बात समझ ले इन्सान ही इंसान के काम आता है, इसीलिए हम मंदिर के बाहर बैठ कर भी, भगवान के नाम पर जरुर मांगते हैं। लेकिन भगवान से नहीं माँगते, इन्सान से ही माँगते हैं। और इंसान ही देता भी है!

भिखारी बोला: पुजारी को भी पता है कि पत्थर की मूर्तियां कुछ नहीं दे सकती हैं तभी तो वो भी दानपात्र और दानपेटी रखकर इन्सानो से ही मांगता है।

आत्मविश्वास जगाओ
तर्कशील बनो विज्ञान को अपनाओ!

(साभार)

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