सुकरात को ईसा पूर्व चौथी सदी में ज़हर दिया गया था…क्यों ? क्योंकि उनके विचारों से एथेन्स का राजतंत्र घबरा गया और उन पर देशद्रोह का इल्जाम लगाया…
जनमानस पूरी तरह सुकरात के साथ था… इसीलिए ज्यूरी ने सीधे मृत्युदण्ड देने के बजाय, जहर का प्याला पीने को कहा यह सोचकर कि कहीं जनता विद्रोह पर ना उतर आये…सुकरात के दोस्तों ने गार्ड को रिश्वत देकर अपनी ओर मिला लिया…और सुकरात को सलाह दी कि वह जहर का प्याला पीने की बजाय एथेन्स छोड़कर कहीं और भाग जाए…लेकिन सुकरात ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह निर्वासन से बेहतर है, वह एक वफादार नागरिक की तरह सत्य पर अडिग रहकर मौत को गले लगाने को तैयार है…और सुकरात बिना किसी हिचकिचाहट के हीमलकॉक का मिश्रण (जहर का एक प्रकार) पी गया ॥
1600 ईसवी में ब्रूनो को ज़िंदा जला दिया गया था…क्यों ? क्योंकि यूरोप में लोग धर्म के प्रति अंधे थे…ब्रूनों के विचारों को पोप और पादरी सहन नहीं कर सके… धर्मांध पादरियों ने उन्हे खुलेआम रोम में भरे चौराहे पर खंभे से बांध कर मिट्टी का तेल छिड़क कर जला कर मार डाला… ताकि कोई सत्य कहने का साहस ना कर सके…ब्रूनो ने हँसते हुए आग में जलना स्वीकार किया…
ब्रूनो का मत उनकी मृत्यु के लगभग 200 वर्षों बाद सच साबित हुआ !
1968 में मार्टिन लूथर किंग की 39 साल की उम्र में हत्या कर दी…क्यों ? क्योंकि वह अमेरिका में अश्वेत लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहे थे…उन्हे अमेरिका का गांधी कहा जाता है…सबसे कम उम्र में शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया…और उन्हे ही गोली मार दी गयी!
1948 में महात्मा गांधी को गोली मार दी गयी…क्यों ?
सारी उम्र जो अहिंसा का पुजारी रहा, जिसे अंग्रेज़ हुकूमत बरसों तक बर्दाश्त करती रही, उसे उसके ख़ुद के देशवासी साल भर भी बर्दाश्त नहीं कर पाये…एक हिन्दू के उसके सीने में एक कट्टर हिन्दू ने बिलकुल पास से तीन गोलियां दाग दी…अगर हत्यारा मुस्लिम होता तो देश जल उठता…लॉर्ड माउंट बेटन को घोषणा करनी पड़ती है कि हत्यारा हिन्दू है…और उसने अपने हिन्दुत्व कि रक्षा के लिये गाँधी को मार डाला…
वायसराय ने कहा, हमारी कौम (अंग्रेज) इतने बड़े कलंक से बच गई…कि महात्मा गांधी की हत्या हमारे जाने (हुकूमत छोड़ने) के बाद हुई…
सत्य बार बार विश्व के सामने आता है…कभी सुकरात बनकर…कभी ब्रूनों बनकर… कभी मार्टिन लूथर बनकर…कभी गांधी बनकर… हर बार हम उसे गोलियों से भून देते हैं…कभी बीच चौराहे के जिंदा जला देते हैं…उसकी हत्या कर देते हैं…
आखिर कब तक ?
(साभार)