द्वारा : रईस खान
अजीब बात नहीं है ?
तुर्की के इस्तांबुल में हुए मुक्केबाजी में “विश्व चैंपियन” बनीं, भारत की “निकहत जरीन” को अभी तक किसी ने भी कोई पुरस्कार राशि या प्रोत्साहन के लिए कुछ भी घोषणा नहीं की।
जबकि चवन्नी अठन्नी जीतती फोगाट्स पर इनामों की बारिश हो जाती थी। कोई सरकार नौकरी देती दिखाई देती तो कोई उद्योपति/नेता/अभिनेता इतने करोड़/लाख राशि और घर लिए देश की बेटी के लिए बांहे फैला रहा होता।
मगर निकहत ज़रीन के लिए सिर्फ ट्विटर पर उनका नाम वायरल होना और सलमान खान के एक ट्वीट के साथ मोदी का एक बधाई ट्विट हिस्से में है।
पीवी सिंधु और मैरी काम की तरह प्रशंसा भी नहीं हुई।
और शेक्सपीयर कहते हैं कि “नाम में क्या रखा है ?”
न्यु इंडिया में नाम में ही सब रखा है।