गलवान घटी के शहीदों और किसान आंदोलन में शहादत देने वालों के परिवारों के पोंछे आंसू, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने सौंपा सम्मान राशि का चेक
- गलवान घटी के शहीदों के परिवारों को 10-10 लाख और किसान आंदोलन में शहादत देने वालों के परिवारों तीन-तीन लाख रुपए की दी गई सहायता राशि
- मुझे पूरा यकीन है कि हम लोग पंजाब में ऐसा मॉडल तैयार कर पाएंगे कि किसान का बेटा बड़ा होकर कहेगा कि मुझे भी किसान बनना है – अरविंद केजरीवाल
- जब तक किसानों की आय नहीं बढ़ेगी, देश में किसान हमेशा दुखी व कर्ज में डुबा रहेगा और आत्महत्या करता रहेगा- अरविंद केजरीवाल
- पंजाब की ‘आप’ सरकार मूंग की फसल पर एमएसपी देगी, यह निर्णय पहले वाली सरकारें भी ले सकती थीं, लेकिन नहीं लिया- अरविंद केजरीवाल
- यह आंदोलन पंजाब और हरियाणा के किसानों का ही नहीं था, बल्कि यह आंदोलन पूरे देश का था- अरविंद केजरीवाल
- दिल्ली के सारे स्टेडियम को जेल बनाने के लिए जब हमारे पास फाइल आई, तो मैं समझ गया कि यह किसानों के आंदोलन को खत्म करने की एक साजिश है- अरविंद केजरीवाल
- दिल्ली में प्रवेश करने के बाद किसानों को स्टेडियम में कैद कर दिया जाता है, तो किसान आंदोलन स्टेडियम के अंदर ही रह जाता- अरविंद केजरीवाल
- केंद्र सरकार से मेरे उपर बहुत दबाव डाला गया, लेकिन हमने स्टेडियम को जेल में बदलने से मना कर दिया- अरविंद केजरीवाल
- केंद्र सरकार को अपने कानून वापस लेने तक आपने अपनी लड़ाई जारी रखी, उसके लिए मैं सिर झुकाकर आप सभी को प्रणाम करता हूं- के. चंद्रशेखर राव
- शहीद हुए लोगों को हम वापस तो नहीं ला सकते हैं, लेकिन हम हमदर्दी जरूर जता सकते हैं कि आपके साथ सारा देश है- के. चंद्रशेखर राव
- मेरी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता, किसानों का न सिर्फ कर्ज़ माफ करना है, बल्कि उनको कर्ज़ मुक्त भी करना है, ताकि अपने पैरों पर खड़े हो सकें- भगवंत मान
- चंडीगढ़ में ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव और पंजाब के सीएम सरदार भगवंत मान ने गलवान घाटी के शहीदों और किसान आंदोलन के दौरान अपनी शहादत देने वाले किसानों को दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली/पंजाब, 22 मई, 2022
गलवान घटी के शहीदों और किसान आंदोलन में शहादत देने वालों के परिवारों का आज आम आदमी पार्टी की सरकार ने आंसू पोंछे। शहादत देने वालों को चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में श्रद्धांजलि देते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने शहीदों के परिवारों को सम्मान राशि का चेक सौंपा। गलवान घटी के शहीदों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए और किसान आंदोलन में शहादत देने वालों के परिवारों तीन-तीन लाख रुपए की सहायता दी गई। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह हमने दिल्ली में शिक्षा-स्वास्थ्य और बिजली को मॉडल बनाया, ऐसे ही पंजाब में किसानों के साथ मिलकर किसानी को एक मॉडल के रूप में देश में ही नहीं, पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत करेंगे। मुझे पूरा यकीन है कि हम लोग पंजाब में ऐसा मॉडल तैयार कर पाएंगे कि किसान का बेटा बड़ा होकर कहेगा कि मुझे भी किसान बनना है। जब तक किसानों की आय नहीं बढ़ेगी, देश में किसान हमेशा दुखी व कर्ज में डुबा रहेगा और आत्महत्या करता रहेगा। वहीं, तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि केंद्र सरकार को अपने कानून वापस लेने तक आपने अपनी लड़ाई जारी रखी, उसके लिए मैं सिर झुकाकर आप सभी को प्रणाम करता हूं। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि मेरी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता, किसानों का न सिर्फ कर्ज़ माफ करना है, बल्कि उनको कर्ज़ मुक्त भी करना है, ताकि अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत मान और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने आज चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा के दौरान गलवान घाटी के शहीदों और किसान आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी। ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम सरदार भगवंत मान की मौजूदगी में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने गलवान घाटी के शहीदों और किसान आंदोलन के दौरान अपनी शहादत देने वाले किसानों के परिवारों को सम्मान राशि भेंट की। इस अवसर पर किसान नेता राकेश टिकैत, तेलंगाना के मंत्री प्रशांत रेड्डी, सांसद नामा नागेश्वर राव, सांसद वेंकटेश नेथा और तेलंगाना के मुख्य सचिव सुमेश कुमार, पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और शहादत देने वाले लोगों के परिजन समेत अन्य गणमान्य लोग मोजूद रहे।
जिन जवानों ने गलवान घाटी में और जिन किसानों ने किसानी को बचाने के लिए अपनी शहादत दी, हमें उन पर गर्व है- अरविंद केजरीवाल
शहादत देने वालों को श्रद्धांजलि देने के उपरांत आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो आप लोगों ने अपनों को खोया है, उनकी जान की कीमत नहीं लगाई जा सकती है। अपना कोई चला जाता है, तो उसकी कोई कीमत नहीं होती है। आज इस सम्मान राशि को देने का एक ही मकसद है कि हम आप सब लोगों को यह कहना चाहते हैं कि पूरा देश आपके साथ है। हमें उन लोगों पर गर्व है, जिन जवानों ने गलवान घाटी में शहादत दी और जिन किसानों ने देश के अंदर किसानी को बचाए रखने के लिए एक साल तक संघर्ष किया और इस दौरान अपनी शहादत दी। यह आंदोलन पंजाब और हरियाणा के किसानों का ही नहीं था, बल्कि यह आंदोलन पूरे देश का था। इसीलिए इस भावना के साथ आज तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव तेलंगाना से आप लोगों को एक-एक सम्मान राशि देने के लिए आप लोगों के बीच आए हैं। इसके लिए हम सभी तेलंगाना के मुख्यमंत्री जी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। पंजाब सरकार पहले ही उन सब परिवारों को सम्मान राशि के रूप में कुछ दे चुकी थी। आज तेलंगाना के मुख्यमंत्री आए हैं। यह ये दिखाता है कि सारा देश आपके साथ है। यह किसी एक राज्य या एक वर्ग का आंदोलन नहीं था। मुझे याद है कि यह आंदोलन दिल्ली बॉर्डर पर हुआ था। दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मैं भी अपनी तरफ से उसमें थोड़ी बहुत आहुति दी। हम जो भी कर सकते थे, हमने वो सब किया।
दिल्ली में प्रवेश करने के बाद किसानों को स्टेडियम में कैद करने की केंद्र सरकार की योजना थी, स्टेडियम को जेल में बदलने की पावर हमारे पास थी, केंद्र सरकार के द्वारा हमारे उपर बहुत दबाव डाला गया, लेकिन हमने करने से मना कर दिया- अरविंद केजरीवाल
‘आप; के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे याद है कि सबसे पहले किसान हरियाणा और पंजाब से चले थे और किसान दिल्ली की तरफ कूच किए थे और अभी किसान रास्ते में ही थे। तभी हमारे पास एक फाइल आई कि किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं, इन सभी किसानों को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली के सभी स्टेडियम को जेल बनाना है, ताकि जब किसान दिल्ली में प्रवेश करेंगे, तो हम सभी को जेल में कैद कर लेंगे। क्योंकि जो मौजूदा जेल है, वो इतनी बड़ी जेल नहीं थी, जिसमें इतने सारे किसानों को कैद किया जा सके। मैं भी आंदोलन से निकला हुआ हूं। अन्ना आंदोलन से हम लोग निकले हुए हैं। अन्ना आंदोलन के दौरान हम लोगों के साथ भी यही हुआ था। अन्ना आंदोलन के दौरान जितने लोग रामलीला मैदान और जंतर मंतर पर आते थे, उन सबको जब सरकार गिफ्तार करती थी, तो जेलें छोटी पड़ जाती थी। तो वो हम सबको स्टेडियम में रखते थे। मैं समझ गया कि यह किसानों के आंदोलन को खत्म करने की एक साजिश है। जो किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे और दिल्ली में प्रवेश करने के बाद अगर उन सबको स्टेडियम के अंदर कैद कर दिया जाता है, तो उसके बाद किसान आंदोलन स्टेडियम के अंदर ही रह जाता। किस्मत अच्छी थी कि स्टेडियम को जेल में बदलने की पावर हमारे पास थी। केंद्र सरकार के द्वारा हमारे उपर बहुत दबाव डाला गया, लेकिन हमने करने से मना कर दिया। हमने कहा कि स्टेडियम को जेल में नहीं बदलेंगे। इसके बाद सारे लोग बहुत नाराज हुए, लेकिन हम किसानों के साथ खड़े रहे। उनके बाद किसानों के लिए पानी का इंतजाम, लंगाने, टायलेट का इंतजाम दिल्ली सरकार ने किया। मुझे खुशी है कि इस पूरे हवन में मुझे भी संघर्ष कर रहे अपने किसान भाइयों की सेवा करने का मौका मिला। जिस तरह से हम सेवा कर सकते थे, हमने सेवा करने की कोशिश की।
‘आप’ की सरकार की कोशिश यह है कि पंजाब में किस तरह किसानों की आमदनी बढ़ाया जाए?- अरविंद केजरीवाल
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जबसे पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से हमारी सबसे पहली कोशिश यह है कि किस तरह से किसानों की आमदनी को बढ़ाया जाए। हम पूरी तरह से इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि जब तक किसानों की आय को नहीं बढ़ाया जाएगा, किसान देश के अंदर हमेशा दुखी रहेगा, आत्महत्या करता रहेगा, हमेशा कर्ज में डुबा रहेगा, घर में कोई बीमार हो जाएगा, उसके लिए कर्ज लेगा। मुझे बेहद खुशी है कि पंजाब के नए मुख्यमंत्री सरदार भगवंत मान साहब भी किसानी पृष्ठभूमि से आते हैं। इसीलिए, भगवंत मान साहब ने एक निर्णय लिया कि जब तक अगली फसल नहीं उगाते हैं, तब तक मूंग की फसल ही उगाते हैं और मूंग की फसल पर पंजाब सरकार एमएसपी देगी। यह निर्णय ऐसा व्यक्ति ही ले सकता था, जो जमीन से जुड़ा हुआ है, जिसको किसानी के बारे में पता है। यह ऐसा व्यक्ति निर्णय ले सकता था, जो किसानों के साथ खड़ा है। यह पहले वाली सरकारें भी ले सकती थीं, लेकिन मान साहब ने यह निर्णय लिया कि मूंगे के उपर एमएसपी दी जाएगी। पंजाब की ‘आप’ सरकार ने दूसरा निर्णय यह लिया कि जो लोग सीधे सीडिंग करेंगे, उनको डेढ़ हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सहायता दी जाएगी।
दिल्ली की तरह “आप” सरकार पंजाब में भी अस्पताल व मोहल्ला क्लीनिक खोलेंगे और स्कूल व बिजली भी ठीक करेंगे- अरविंद केजरीवाल
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आने वाले समय में भी हम ऐसे बहुत से निर्णय लेना चाहते हैं। दिल्ली के अंदर हमने बहुत से अच्छे काम किए हैं। आज दिल्ली के स्कूलों की खूब चर्चा होती है कि स्कूल खूब शानदार बन गए। दिल्ली के अस्पतालों, मोहल्ला क्लीनिक, बिजली की खूब चर्चा होती है। हम पंजाब के भी स्कूल ठीक करेंगे, पंजाब के अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक खोलेंगे और बिजली भी ठीक करेंगे। पंजाब के अंदर किसानी एक बड़ा मुद्दा है। हमारा मकसद है कि जिस तरह हमने दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली को मॉडल बनाया, ऐसे ही पंजाब के अंदर किसानों के साथ मिलकर किसानी को एक मॉडल के रूप में पूरे देश में ही नहीं, पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। आज एक वकील का बेटा वकील बनना चाहता है। एक फिल्म एक्टर का बेटा फिल्म एक्टर बनना चाहता है और डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनना चाहता है। लेकिन किसान का बेटा किसान नहीं बनना चाहता है, क्योंकि किसानी फायदे का सौदा नहीं बचा है। मुझे पूरा यकीन है कि हम लोग पंजाब के अंदर ऐसा मॉडल तैयार करेंगे किसान का बेटा बड़ा होकर कहेगा कि पिताजी, मुझे भी किसान बनना है, मुझे किसी और धंधे के अंदर नहीं जाना है। मुझे पूरा विश्वास है कि पंजाब के साढ़े तीन करोड़ लोगों के साथ मिलकर हम ऐसा मॉडल तैयार कर पाएंगे और ऐसे मॉडल को लागू कर पाएंगे। मैं उपर वाले से प्रार्थना करता हूं कि जो लोग शहीद हुए हैं, उन सब लोगों को भगवान शांति दें और अपने चरणों में स्थान दें और आप सब लोगों को इस नुकसान को बर्दाश्त करने की शक्ति दे।
शहीद हुए लोगों को हम वापस तो नहीं ला सकते हैं, लेकिन हम हमदर्दी जरूर जता सकते हैं कि आपके साथ सारा देश है- के. चंद्रशेखर राव
इस अवसर पर तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि यह कोई खुशी की बात नहीं है, बल्कि दुख की बात है। अफसोस है कि आजादी के 75 साल बाद हम लोगों को इस तरह की सभाएं करनी पड़ जाती है। आंखों में पानी आ जाता है। बड़ा दर्द होता है। आखिर हमारा देश ऐसा क्यों है? इसके बारे जरूर चिंता करने की जरूरत है। हर चीज के लिए हर किसी को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसकी जड़ कहां है और इसकी वजह क्या है? इस चीज पर जरूर चर्चा हो। हिन्दुतान का एक शहरी होने के नाते मैं यह दिल से चाहता हूं। कइयों ऐसी समस्याएं हैं, जिनके लिए लोगों को लड़ने पड़ते हैं, मरने पड़ते हैं और शहादत देनी पड़ती है। आखिर क्या मजबूरी है? हम ही नहीं हैं, दुनिया में कई देश हैं। समस्याएं हर जगह होती हैं। ऐसा नहीं है कि किसी देश में समस्या नहीं है, लेकिन हमारे पास जिस प्रकार की समस्याएं हैं, इस प्रकार की कहीं भी नहीं होती हैं। आप लोगों के परिजनों ने किसान आंदोलन चलाते हुए जो शहादत दी है। केंद्र सरकार को मजबूर करके अपने कानून वापस लेने तक आपने जो लड़ाई जारी रखी, मैं उन तमाम किसान नेताओं, किसान भाइयों को सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं। जो लोग शहीद हुए, हम उनको वापस तो ला नहीं सकते हैं, लेकिन हम हमदर्दी जरूर जता सकते हैं कि आप अकेले नहीं हैं, आपके साथ सारा देश है। पंजाब एक ऐसी महान धरती है, जहां से शहीद-ए-आजम भगत सिंह आजादी का जंग लड़े थे। पंजाब ने देश के लिए दो महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एक, आजादी के जंग में जिस प्रकार की कुर्बानियां पंजाब ने दी है, हिन्दुस्तान का इतिहास कभी नहीं भूल सकता है। उसके बाद जब सारा देश खाने के लिए परेशान था। पहला, हरित क्रांति पंजाब में लाकर, अपना खून-पसीना बहाकर पंजाब के किसानों ने जिस प्रकार से देश को अन्न दिया, यह भी पंजाब का बहुत बड़ा योगदान है। यह कभी भूला नहीं जा सकता है। हिन्दुस्तान के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखित रहेंगे।
पिछली सरकारों ने किसानों को अन्नदाता से भीखारी बना दिया और अब हमारी सरकार किसानों से छिन चुका रुतबा वापस दिलाने की कोशिश कर रही- भगवंत मान
पंजाब के सीएम सरदार भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार ने पद संभालने से अब तक बड़ी मुश्किल से दो महीनों में किसानों की भलाई के लिए कई मिसाली कदम उठाए हैं, जिनमें मूँग की काश्त को उत्साहित करने के लिए उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने, धान की सीधी बुवाई के लिए 1500 रुपए प्रति एकड़ देने के इलावा फ़सलीय विभिन्नता के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने हमारे किसान को अन्नदाता से भीखारी बना दिया है और हमारी सरकार इसको फिर इसका अन्नदाता का छिन चुका रुतबा दिलाने में हर संभव कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “मेरी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता किसानी का न केवल कर्ज़ माफ करना, बल्कि उनको कर्ज़ मुक्त करना है जिससे वह अपने पैरों पर खड़े हो सकें। दिल्ली की सीमा पर किसान संघर्ष के दौरान शहीद हुए किसानों के पीड़ित परिवारों के साथ दुख सांझा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आपके प्यारों को वापस तो नहीं ला सकते और न ही दुनिया की किसी करैंसी से इस अपूर्णीय घाटे की भरपाई जा सकती परन्तु फिर भी इस दुख की घड़ी में हम उनके साथ खड़े हैं। गलवान घाटी के शहीदों के परिवारों के साथ हमदर्दी प्रकट करते हुए भगवंत मान ने कहा कि उनकी शहादत को किसी भी सूरत में अनदेखा नहीं जा सकता क्योंकि उनकी तरफ से अनेकों दिक्कतें सहन करके हम अपने-अपने घरों में चौन की नींद सोते हैं, जब वह जैसलमेर जैसे इलाकों में 50 डिग्री की असहणीय गर्मी और माईनस 20 से 25 डिग्री जैसे तापमान में कारगिल जैसे बर्फ़ीले मौसम में ड्यूटी निभा रहे होते हैं।