लखनऊ- 31 मई 2022, जनता के ऊपर कहर बरपा करने वाली महंगाई और भयानक बेरोजगारी के खिलाफ वामदलों के राष्ट्रीय आह्वान पर उत्तर प्रदेश में भी इन दलों द्वारा चलाए गए सप्ताह व्यापी अभियान के अंतिम दिन आज 31 मई को प्रदेश के जिला और तहसील मुख्यालयों पर धरनों एवं प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। प्रदर्शनों के उपरान्त राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन स्थानीय अधिकारियों को सौंपे गए।
पूरे अभियान में उपर्युक्त ज्वलंत सवालों के अतिरिक्त निजीकरण, भ्रष्टाचार, उत्तर प्रदेश में जंगलराज- बुलडोजरवाद- पुलिसराज और भाजपा और संघ द्वारा विभाजन के उद्देश्य से अल्पसंख्यकों के खिलाफ चलाये जा रहे घ्रणा अभियान पर मुख्य फोकस रहा।
वामदलों ने निश्चय किया है कि महंगाई, बेरोजगारी और जनता के हितों को कुचले जाने के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
यहां जारी बयान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा॰ गिरीश, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी के राज्य सचिव डा॰ हीरालाल यादव, भाकपा- माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव एवं फारबर्ड ब्लाक के प्रदेश संयोजक अभिनव कुशवाहा ने कहा कि मोदी और योगी की भाजपा सरकारें बड़े ही बेशर्म और धुआंधार तरीके से देश को पूंजीपतियों को बेचकर अकूत मुनाफा कमा रही हैं और जनता की दुश्वारियां को बढ़ाने का काम कर रही है। इसके अनिवार्य नतीजे के रूप में जनता के ऊपर महंगाई का पहाड़ टूट रहा है और शिक्षित बेरोजगारों की संख्या दिन- ब- दिन बढ़ती जा रही है।
भाजपा की उत्तर प्रदेश की सरकार नौजवानों को गुमराह करने के लिए स्वरोजगार की बात कर रही है किंतु सरकारी विभागों में खाली लाखों पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है। महंगाई और बेरोजगारी के संकट से जूझ रही जनता का ध्यान भटकाने को सुनियोजित तरीके से ज्ञानवापी और मथुरा, मस्जिद और मंदिर जैसे मुद्दों को खड़ा किया जा रहा है। बुलडोजरवाद और पुलिसराज के जरिये लोगों में भय का वातावरण बनाया जा रहा है।
वामपंथी दलों ने कहा है कि, जनता को भ्रमित करने का भाजपा का यह मुख्य हथियार है। वामदलों ने जनता से अपील की है कि उन्हें मंदिर मस्जिद और सांप्रदायिक प्रचार की साजिश को नकारते हुए अपनी मूल समस्याओं महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन में भागीदारी करनी चाहिए।
वामपंथी दलों ने भाजपा की केंद्र सरकार से मांग की है कि डीजल पेट्रोल के ऊपर से केंद्रीय टैक्स पूरी तरह से खत्म किया जाए, रसोई गैस के दाम कम किए जाएं और दवाइयों तथा अन्य आवश्यक सामग्री की मूल्यवृद्धि रोकी जाए, हर उस व्यक्ति को जो आयकर दाता नहीं है कम से कम 7:30 हजार रुपए हर महीने जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाए।
चारों वाम नेताओं ने वामदलों के कार्यकर्ताओं को बधाई दी कि उन्होने भीषण गर्मी के बावजूद बड़े पैमाने पर सड़कों पर उतर कर जनता के हितों की रक्षा हेतु अपनी आवाज बुलंद की। विधान सभा चुनावों के बाद के परिद्रश्य में उत्तर प्रदेश में यह सबसे बड़ी जन कार्यवाही थी जिसे वामदलों के कार्यकर्ताओं ने हौसले के साथ अंजाम दिया।