“एम्बिशन टू इम्पैक्ट: भारत की स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था में वैश्विक सहयोग के अवसर”

दैनिक समाचार

ऊर्जा पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय संवाद (एचएलडीई) 2021 में ‘एम्बिशन टू इम्पैक्ट: भारत की स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था में वैश्विक सहयोग के अवसर’ पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय; न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) द्वारा कल किया गया था।

वेबिनार में नागरिक केंद्रित ऊर्जा प्रबंधन के माध्यम से वर्ष 2030 सतत विकास एजेंडा प्राप्त करने के लिए भारत के प्रयासों को प्रदर्शित किया गया और वैश्विक सहयोग के माध्यम से भारत की स्वच्छ ऊर्जा परिनियोजन की गति को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस कार्यक्रम में अनुकूल अंतरराष्ट्रीय नीतियों, प्रौद्योगिकियों के सह-विकास, प्रदर्शनों के लिए संगठित वित्त और बाजार बनाने तथा उपलब्धता को बढ़ाने हेतु निवेश के माध्यम से वितरण के वास्ते आवश्यक बहुपक्षीय प्रयासों पर चर्चा की गई।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और रसायन एवं उर्वरक केंद्रीय राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा ने कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिया और कहा कि भारत गैर-जीवाश्म स्रोतों से 40 प्रतिशत स्थापित बिजली क्षमता के अपने पेरिस समझौते एनडीसी को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से ट्रैक पर है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक साल 2005 के स्तर से इसके सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में 33-35 प्रतिशत की कमी आई है।

इस आयोजन के दौरान ब्राजील के राजदूत एच.ई. श्री आंद्रे अरन्हा कोरा दो लागो और डेनमार्क के राजदूत एच.ई. श्री फ्रेडी स्वेन ने भारत की स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई पहल के लिए हरसंभव सहायता व समर्थन व्यक्त किया। दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लक्षित उद्देश्यों को लेकर भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों के बारे में चर्चा की। ब्राजील और डेनमार्क दोनों ही संयुक्त राष्ट्र के एनर्जी ट्रान्ज़िशन के वैश्विक चैंपियन हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि श्री टी.एस. तिरुमूर्ति ने एक वीडियो संदेश में कहा कि भारत का लक्ष्य कई नागरिक केंद्रित उपायों के माध्यम से तर्कसंगत कीमतों पर सार्वभौमिक रूप से सुलभ और दीर्घकालिक ऊर्जा प्रदान करना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वैश्विक पहल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय समुदायों के साथ लगातार जुड़ रहा है। एमएनआरई के सचिव श्री इंदु शेखर चतुर्वेदी ने भारत की अक्षय ऊर्जा उपलब्धियों तथा भविष्य की महत्वाकांक्षाओं के रोडमैप के बारे में जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में भारत सरकार और भारत से संयुक्त राष्ट्र के सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के अन्य भागीदारों द्वारा प्रस्तुत ऊर्जा कॉम्पैक्ट पर एक प्रस्तुति तथा एक वृत्तचित्र भी शामिल था। भारत सरकार के अलावा, भारतीय हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला द्वारा ऊर्जा कॉम्पैक्ट प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें उपयोगिताओं, स्मार्ट शहरों और बायोएनर्जी, नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली, ई-गतिशीलता, दूरसंचार, उपभोक्ता वस्तुओं और एफएमसीजी, खाद्य, सीमेंट तथा हार्ड-टू-एबेट सेक्टर को शामिल किया गया है।

ऊर्जा काम्पैक्ट प्रस्तुत करने वालों में ये शामिल हैं; रेल मंत्रालय; एनटीपीसी लिमिटेड; राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड; और स्मार्ट सिटी अयोध्या, उत्तर प्रदेश; इंदौर, मध्य प्रदेश; न्यू टाउन कोलकाता, पश्चिम बंगाल; पिंपरी-चिंचवड, महाराष्ट्र; राउरकेला, ओडिशा; और सूरत, गुजरात।

कॉरपोरेट एनर्जी कॉम्पैक्ट्स में अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी ट्रांसमिशन ; एथर एनर्जी; भारती एयरटेल; हीडलबर्ग सीमेंट; आईटीसी लिमिटेड; जे के सीमेंट; जेएसडब्ल्यू सीमेंट; पंजाब रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम्स लिमिटेड; रिन्यू पावर और अल्ट्राटेक सीमेंट सम्मिलित हैं।

कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में एमएनआरई, इंडिया के संयुक्त सचिव श्री दिनेश डी जगदाले; न्यू टाउन कोलकाता ग्रीन स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अतिरिक्त मुख्य सचिव और अध्यक्ष श्री देबाशीष सेन, आईएएस; न्यू टाउन कोलकाता ग्रीन स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड में डब्ल्यूबीसीएस (एक्सई), सीईओ सुश्री मेघना पाल; स्नैम इंडिया में कंट्री मैनेजर और सीईओ श्री डेविड सिरेली; हीडलबर्ग सीमेंट इंडिया प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री जमशेद एन. कूपर; सीडीपीक्यू ग्लोबल की कार्यकारी उपाध्यक्ष और उप प्रमुख सुश्री अनीता जॉर्ज; अज़ूर पावर के सीईओ श्री रंजीत गुप्ता; सीईईडब्ल्यू में सीईओ डॉ अरुणाभा घोष और सीईईडब्ल्यू प्रमुख – नई पहल सुश्री शुवा राहा शामिल थे।


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