आयकर विभाग ने चेन्नई स्थित दो निजी सिंडीकेट फाइनेंसिंग समूहों पर 22.09.2021 को तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। यह तलाशी अभियान चेन्नई स्थित 35 परिसरों में चलाया गया।
इन फाइनेंसरों तथा उनके सहयोगियों के परिसरों में प्राप्त साक्ष्य से पता चला कि इन समूहों ने तमिलनाडु में विभिन्न बड़े कॉरपोरेट घरानों तथा कंपनियों को ऋण दिया है, जिसका बड़ा हिस्सा नकदी में है। तलाशी के दौरान पता चला कि वे ब्याज की ऊंची दर वसूल रहे हैं। जिसके एक हिस्से पर कर नहीं अदा किया जाता। समूहों द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली से पता चला कि उधारकर्ताओं द्वारा अधिकांश ब्याज भुगतान जाली बैंक खातों में जमा किए जाते हैं और कर प्रयोजनों के लिए उनका खुलासा नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त, बेहिसाबी धन छद्म रूप में होते हैं और समूहों के बही-खाते में उन्हें असुरक्षित ऋण, विभिन्न ऋणदाताओं आदि के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
तलाशी के दौरान पाए गए अन्य साक्ष्यों से पता चला कि इन व्यक्तियों द्वारा अनगिनत बेहिसाबी संपत्ति निवेश किया गया है और अन्य आय को छुपाया गया है।
इन तलाशियों का परिणाम अभी तक 300 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाबी आय के रूप में सामने आया है।
अभी तक नौ करोड़ रुपए की बेहिसाबी नकदी जब्त की गई है। आगे की जांच प्रगति पर है।