केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में चौथे भारत-अमेरिका स्वास्थ्य संवाद के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित किया। इस आयोजन की मेजबानी भारत कर रहा है।
संवाद में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के वैश्विक मामलों के विभाग की निदेशक सुश्री लॉयस पेस ने की। प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्रारय के वैश्विक मामलों के विभाग की एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र की निदेशक सुश्री मिशेल मैक्कॉनल, डॉ. मिचेल वूल्फ और सुश्री डायना एम. बेनसिल शामिल थीं।
भारत की तरफ से स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव डॉ. रेणु स्वरूप, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक और स्वास्थ्य अनुसंधान सचिव डॉ. बलराम भार्गव और मंत्रालय के अन्य आला अधिकारियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
दो दिवसीय संवाद के माध्यम से एक ऐसा मंच उपलब्ध होगा, जहां भारत और अमेरिका के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में किये जाने वाले विभिन्न सहयोग पर चर्चा की जायेगी। इस दौर की बातचीत के लिये जिन विषयों का चयन किया गया है, उनमें महामारियों से सम्बंधित अनुसंधान, निगरानी, वैक्सीन विकास, ‘वन-हेल्थ,’ (मनुष्य, जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों से सम्बंधित स्वास्थ्य कड़ी) पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियां, मच्छरों और अन्य जीवाणुओं द्वारा फैलने वाले रोगों, स्वास्थ्य प्रणालियों और स्वास्थ्य नीतियों, आदि शामिल किये गये हैं।
मंत्री महोदया ने कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों पक्षों के बीच आपसी एकजुटता का उल्लेख करते हुये कहा कि इस मामले में दोनों देशों ने एक-दूसरे का भरपूर सहयोग किया। उन्होंने इस बात की सराहना की कि भारत और अमेरिका ने अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया है, खासतौर से दवाओं, इलाज और वैक्सीन के विकास के क्षेत्र में। यह सहयोग इस बात से साबित होता है कि भारतीय वैक्सीन कंपनियां कोविड-19 वैक्सीन के विकास के लिये अमेरिका स्थित एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही हैं।
डॉ. पवार ने मानसिक स्वास्थ्य पर 2020 में हुये समझौते के हवाले से कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग और द्विपक्षीय सम्बंधों को मजबूती मिली है। भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा अमेरिका के स्वास्थय और मानव सेवा मंत्रालय के बीच एक और समझौते को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसमें स्वास्थ्य सुरक्षा और संरक्षा, संचारी और गैर-संचारी रोगों, स्वास्थ्य प्रणालियों और स्वास्थ्य नीति जैसे बड़े विषयों को शामिल किया गया है।
डॉ. पवार ने कहा कि संक्रामक रोगों को रोकने और नियंत्रण करने सम्बंधी उभरते क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके तहत सही और प्रामाणिक वैज्ञानिक तरीके से काम करना तथा दोनों देशों के बीच सहयोग को शामिल किया गया है, ताकि वैज्ञानिक खोजों को बढ़ावा मिले एवं वैश्विक स्वास्थ्य आपदाओं से निपटा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने के लिये सार्वजनिक और निजी सेक्टर को मिलकर काम करना होगा तथा नवाचार के जरिये मिलकर स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाना होगा, ताकि सबको वह उपलब्ध हो सके तथा गैर-बराबरी समाप्त हो।
दो दिवसीय संवाद के शुरू होने के अवसर पर डॉ. पवार ने कहा कि इस मंच से सभी प्रतिभागियों को यह मौका मिलेगा कि वे विस्तार से चर्चा करें, जिनके नतीजों को भारत और अमेरिका की विभिन्न एजेंसियों के बीच स्वास्थ्य साझेदारी की संभावना बढ़ाने में उपयोग किया जा सके