प्रमुख बिंदु:
- दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए दोनों देशों के स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए समझौता
- ड्रोनों, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में अगली पीढ़ी की तकनीकों और उत्पादों को लाने के लिए स्टार्ट-अप्स और उद्योग काम करेंगे
- डीआरडीओ और इजराइल के डीडीआरएंडडी द्वारा विकास के लिए संयुक्त रूप से वित्त पोषण के प्रयास
भारत और इजरायल के बीच बढ़ती हुई तकनीकी सहयोग के एक ठोस प्रमाण के रूप में, दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए दोनों देशों के स्टार्ट-अप्स व एमएसएमई में नवाचार और त्वरित अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और इजराइल के रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान एवं विकास निदेशालय (डीडीआरएंडडी) ने एक द्विपक्षीय नवाचार समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए हैं। 9 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव व डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी और इजराइल के डीडीआरएंडडी के प्रमुख बीजी (सेवानिवृत्त) डॉ. डैनियल गोल्ड के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते के तहत, दोनों देशों के स्टार्ट-अप्स और उद्योग अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों व उत्पादों को कई क्षेत्रों में लाने के लिए एक साथ मिलकर काम करेंगे। इन क्षेत्रों में ड्रोन्स, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), क्वांटम टेक्नोलॉजी, फोटोनिक्स, बायो सेंसिंग, ब्रेन-मशीन इंटरफेस, ऊर्जा भंडारण, पहनने योग्य उपकरण और प्राकृतिक भाषा प्रोसेसिंग आदि शामिल हैं। उत्पाद और प्रौद्योगिकियों को दोनों देशों की अद्वितीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अनुकूलित किया जाएगा। विकास के लिए इन प्रयासों का वित्त पोषण संयुक्त रूप से डीआरडीओ और इजराइल के डीडीआरएंडडी करेंगे। वहीं, बीआईए के तहत विकसित प्रौद्योगिकियां दोनों देशों को उनके घरेलू अनुप्रयोगों के लिए उपलब्ध होंगी।
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