केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज चंडीगढ़ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक राजनयिक सम्मेलन में भाग लिया।
At the diplomatic conclave 2021 organised by Chandigarh University.
— Dharmendra Pradhan (मोदी का परिवार) (@dpradhanbjp) November 12, 2021
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सभा को संबोधित करते हुए श्री प्रधान ने विश्व के ज्ञान केंद्र के रूप में भारत की अंतर्निहित ताकत और कोविड के बाद की नई वैश्विक व्यवस्था में भारत के स्थान को आकार देने में शिक्षा की भूमिका के बारे में बताया।
मंत्री ने भारत की शिक्षा प्रणाली के लिए नई दृष्टिकोण को रेखांकित किया और कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के रूप में शिक्षा नीति संरचना को मजबूत बनाया गया है, जिसमें गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संस्थान, बहुसंस्कृतिवाद के साथ सामाजिक समावेशिता और नवाचार, उद्यमिता तथा अंतर्राष्ट्रीयकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो भारत की शिक्षा प्रणाली को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ में भारत के सदियों पुराने विश्वास का उल्लेख करते हुए, उन्होंने वैश्विक नागरिकों को तैयार करने की दिशा में काम करने और आम वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और समान लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समान समझ के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।
श्री प्रधान ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सम्मेलन में 120 से अधिक देशों ने भाग लिया है।