वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 19 राज्यों के स्थानीय निकायों को 8,453.92 करोड़ रुपये का स्वास्थ्य सेक्टर अनुदान जारी कर दिया है। यह अनुदान पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर जारी किया गया है। राज्यवार अनुदान की रकम का ब्योरा साथ में दिया जा रहा है।
पंद्रहवें वित्त आयोग ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि से सम्बंधित अपनी रिपोर्ट में स्थानीय निकायों को 4,27,911 करोड़ रुपये का कुल अनुदान जारी करने की सिफारिश की थी। आयोग द्वारा सिफारिश किये गये अनुदान में अन्य विषयों के साथ 70,051 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य अनुदान को भी शामिल किया गया है। इस पूरी रकम में से 43,928 करोड़ रुपये की सिफारिश ग्रामीण स्थानीय निकायों और 26,123 करोड़ रुपये की सिफारिश शहरी स्थानीय निकायों के लिये की गई है।
इन अनुदानों का उद्देश्य प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा प्रणालियों की खामियों को दूर करना तथा स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाना है। आयोग ने स्थिति में सुधार लाने के उपायों की भी पहचान की है, जिनसे प्राथमिक स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत बनाने तथा ग्रामीण और शहरी, दोनों इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी। दोनों तरह की स्थिति-सुधार उपायों के लिये अनुदानों का प्रावधान किया गया है। ये स्थिति-सुधार उपाय इस प्रकार हैं: –
- ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ सुविधा केंद्रों में निदान अवसंरचना – 16,377 करोड़ रुपये।
- ग्रामीण इलाकों में ब्लॉक स्तर पर सावर्जनिक स्वास्थ्य इकाइयां – 5,279 करोड़ रुपये।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बिना इमारत वाले उप-केंद्रों की इमारत बनाने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिये – 7,167 करोड़ रुपये।
- ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-केंद्रों को स्वास्थ्य तथा आरोग्य केंद्रों में बदलना – 15,105 करोड़ रुपये।
- शहरी इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में निदान अवसंरचना के लिये – 2,095 करोड़ रुपये।
- शहरी स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों के लिये – 24,028 करोड़ रुपये।
सिफारिश की गई है कि वित्त वर्ष 2021-22 में 13,192 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया जाये। इसमें ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये 8,273 करोड़ रुपये और शहरी स्थानीय निकायों के लिये 4,919 करोड़ रुपये शामिल हैं।
ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं, खासतौर से ‘अत्यानुधिक उपचार’ प्रदान करने में तथा सर्वकालिक स्वास्थ्य सुविधा के लक्ष्य को पूरा करने में। संसाधनों, स्वास्थ्य अवसंरचना और क्षमता निर्माण को मद्देनजर रखते हुये स्थानीय निकायों को मजबूत बनाने से, ये निकाय सीमित क्षेत्रों में फैलने वाली महामारियों और वृहद स्तर पर फैलने वाली महामारियों से निपटने में निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम हो जायेंगे।
इन प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा संस्थानों के निरीक्षण में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को साथ लाने से पूरी प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली मजबूत होगी। स्थानीय निकायों को साथ लाने से स्वास्थ्य व्यवस्था लोगों के प्रति जवाबदेह बनेगी।
शेष नौ राज्यों को स्वास्थ्य अनुदान उस समय जारी किया जायेगा, जब सम्बंधित राज्यों से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को उनके प्रस्ताव प्राप्त हो जायेंगे।
स्थानीय निकायों को जारी होने वाला स्वास्थ्य सेक्टर अनुदान –
क्रम संख्या | राज्य | जारी अनुदान की रकम (करोड़ रुपये में) |
1. | आंध्रप्रदेश | 488.1527 |
2. | अरुणाचल प्रदेश | 46.944 |
3. | असम | 272.2509 |
4. | बिहार | 1116.3054 |
5. | छत्तीसगढ़ | 338.7944 |
6. | हिमाचल प्रदेश | 98.0099 |
7. | झारखंड | 444.3983 |
8. | कर्नाटक | 551.53 |
9. | मध्यप्रदेश | 922.7992 |
10. | महाराष्ट्र | 778.0069 |
11. | मणिपुर | 42.8771 |
12. | मिजोरम | 31.19 |
13. | ओडिशा | 461.7673 |
14. | पंजाब | 399.6558 |
15. | राजस्थान | 656.171 |
16. | सिक्किम | 20.978 |
17. | तमिलनाडु | 805.928 |
18. | उत्तराखंड | 150.0965 |
19. | पश्चिम बंगाल | 828.0694 |
योग | 8453.9248 |