सभी पात्र पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्डकीसुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान की शुरूआत

दैनिक समाचार

आजादी काअमृत महोस्तव के भाग के रूप मेंमत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरीमंत्री,श्री पुरुषोत्तम रूपाला नेआज वर्चुअल माध्यम से”राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान”की आधिकारिक रूप से शुरूआत की।

देश के सभी पात्र पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ प्रदान करने के लिए मत्स्य विभाग (डीओएफ) और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सहयोग से 15 नवंबर 2021 से लेकर 15 फरवरी 2022 तक “राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान”का आयोजन कर रहा है।इस अभियान का आयोजन करने के लिए 10-11-2021 को राज्यों के लिएविस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए।वित्तीय सेवाओं के विभाग द्वारा बैंकों के साथ-साथ राज्य सरकारोंको भी आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

आज भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पशुधन क्षेत्र बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र जीवीए का एक तिहाई हिस्सा शामिल है औरजिनकासीएजीआर 8 प्रतिशतसे ज्यादा है। इसके साथ ही पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन गतिविधियां लाखों लोगों को सस्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के अलावाकिसानों के लिए,विशेष रूप से भूमिहीन, लघु और सीमांत किसानों तथा महिलाओं के बीच आय सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।यह समय की मांग है कि देश में पशुपालन गतिविधियों में शामिल भूमिहीन, लघु और सीमांत किसानों तथा महिलाओं को सम्मानजनकरूप सेमान्यता प्रदान की जाएऔर केसीसी के माध्यम से कार्यशील पूंजी के लिए उनकी संस्थागत ऋण आवश्यकताओंको पूरा किया जाए, जिससेइस क्षेत्र की क्षमता का दोहन किया जा सके और रोजगार सृजन तथा आय में वृद्धि की जा सके।

पिछले वर्ष 1 जून 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक,पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा वित्तीय सेवा विभाग के सहयोग से दुग्ध सहकारी समितियों और दुग्ध उत्पादक कंपनियों के पात्र डेयरी किसानों को एएचडीएफ केसीसी उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलायागया था,जिसके परिणामस्वरूप 14 लाख से ज्यादा नए एएचडीएफ केसीसी को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।तथापि, पूरेदेश में लगभग 10 करोड़ एएचडी किसान हैं, इसलिए डेयरी सहकारी समितियों के अलावा भीइसके विस्तार की पर्याप्त संभावनाएं मौजूदहै,जिससेकिअन्य पात्र डेयरी किसानों के साथ-साथ पशुपालन गतिविधियों में शामिल अन्य को भी कवरकिया जा सके।

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