जम्मू और कश्मीर की अपनी यात्रा के दूसरे दिन केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम के दौरान 145 लाभार्थियों को विभिन्न बैंकों के 306 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृति पत्र सौंपे। इनमें विभिन्न ऋण-संबद्ध योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), मुद्रा योजना, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), संयुक्त-देयता समूहों (जेएलजी) इत्यादि के लिए ऋण स्वीकृति पत्र शामिल थे।
वित्त मंत्री ने जम्मू और कश्मीर के लिए कई नई योजनाओं एवं पहलों की भी घोषणा की, जिनमें जम्मू-कश्मीर बैंक की तेजस्विनी और हौसला योजनाओं, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की शिखर एवं शिकारा योजनाओं और 200 करोड़ के सिडबी क्लस्टर विकास कोष का शुभारंभ शामिल है। ‘तेजस्विनी’ योजना 18 वर्ष से 35 वर्ष तक की आयु की लड़कियों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है। इसी तरह ‘शिखर’ योजना होटल, यात्रा और पर्यटन उद्योग के लिए 2 करोड़ रुपये तक की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने पर केंद्रित है। ‘शिकारा योजना’ के तहत कश्मीर घाटी में शिकारा की खरीद/मरम्मत के लिए 15 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।
श्रीमती सीतारमण ने शोपियां एवं बारामुला में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों (आरएसईटीआई) के भवन की आधारशिला भी रखी और रियासी जिले में जम्मू-कश्मीर बैंक की सलाल, बग्गा एवं बुधान शाखाओं का उद्घाटन किया। नाबार्ड के तत्वावधान में 5 एफपीओ को पंजीकरण प्रमाण पत्र सौंपे गए और इसके साथ ही आशा एसएचजी को ग्रामीण मार्ट (ग्रामीण बाजार) का स्वीकृति पत्र भी सौंपा गया।
श्रीमती सीतारमण ने आज यहां जम्मू विश्वविद्यालय के जनरल जोरावर सिंह सभागार परिसर में जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की बैंकर समिति (जम्मू और कश्मीर के यूटीएलबीसी) द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों में भाग लिया। इस कार्यक्रम में जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा के साथ भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी और जम्मू व कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल थे। जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव ने स्वागत भाषण दिया और उन्होंने उपस्थित लोगों को इस क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए यह घोषणा की गई कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के लिए नाबार्ड ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष (आरआईडीएफ) के तहत अपनी प्रतिबद्धता को 787 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपये करने जा रहा है जो तेजी से आर्थिक विकास के लिए ग्रामीण अवसंरचना के निर्माण में मदद करेगा। आर्थिक विकास की गति और तेज करने के लिए विभिन्न बैंक जम्मू और कश्मीर में अपने छोटे ऋणों को पिछले वर्ष के 14,735 करोड़ रुपये से बढ़ाकर चालू वित्त वर्ष में 16,000 करोड़ रुपये कर देंगे।
वित्त मंत्री ने जम्मू-कश्मीर बैंक, एसबीआई, पीएनबी, जम्मू-कश्मीर ग्रामीण बैंक और नाबार्ड, इत्यादि के कई लाभार्थियों द्वारा स्थापित इकाइयों का मुआयना किया। श्रीमती सीतारमण ने लाभार्थियों के साथ संवाद किया और उनकी उद्यमशीलता की यात्रा में बैंक ऋण से आए व्यापक बदलाव के बारे में जानकारी ली। वित्त मंत्री ने विभिन्न उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों में भी गहरी दिलचस्पी दिखाई।
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