आदिवासी समुदाय के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और सफल उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) और जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने आदिवासी उद्यमियों को सम्मानित करने के लिए त्रिकोर-आंध्र प्रदेश के सहयोग से 22 नवंबर, 2021 को विशाखापत्तनम में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया।
यह आयोजन भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में चल रहे आजादी का अमृत महोत्सव का एक हिस्सा था, जो प्रगतिशील भारत के 75 साल पूरा होने और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाने और उन्हें याद करने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। यह उपलब्धि भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को विकास यात्रा में यहां लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की शक्ति और क्षमता भी है।
इस कार्यक्रम का आयोजन 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर “जनजातीय गौरव दिवस” मनाने की योजना के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित आइकॉनिक सप्ताह समारोह के तहत किया गया। इस वृहद प्रयास के तहत और निगम के उपाय के अनुरूप यानी अपने लक्षित समूह के लिए तैयार की गई विभिन्न वित्तपोषण योजनाओं के माध्यम से स्थायी आजीविका आय सृजन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए, जनजातीय कार्य मंत्रालय और एनएसटीएफडीसी ने दक्षिणी राज्यों- आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और ओडिशा के 86 एसटी उद्यमियों को सम्मानित किया। सम्मानित उद्यमियों में बड़ी संख्या में महिला उद्यमी थीं जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सफल व्यावसायिक उद्यम स्थापित करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इस भव्य आयोजन में सम्मान प्राप्त करने के लिए उद्यमी काफी उत्साहित थे।
एक छोटी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें आदिवासियों द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।
जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री अनिल कुमार झा ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर आंध्र प्रदेश सरकार के आदिवासी कल्याण विभाग के सचिव श्री कांतिलाल दांडे विशिष्ट अतिथि थे। श्री अनिल झा ने अपने मुख्य भाषण में सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र को आदिवासियों द्वारा स्थापित उद्यमों की मदद करने के लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने आदिवासियों के पारंपरिक कौशल जैसे चिकित्सा पद्धतियों, हर्बल दवाओं और प्राकृतिक उपचारों की क्षमता पर भी जोर दिया।
श्री असित गोपाल ने आदिवासी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक विशेष योजना आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना सहित एनएसटीएफडीसी की विभिन्न रोजगार पैदा करने वाली योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने पहली पीढ़ी के उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के महत्त्व पर जोर दिया।
विभिन्न औद्योगिक मंचों जैसे एसोचैम, डीआईसीसीआई, सीआईआई के प्रतिनिधियों ने भी आदिवासी उद्यमियों को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका के बारे में बताया। जनजातीय कार्य मंत्रालय के गोइंग ऑनलाइन ऐज लीडर्स (गोल) कार्यक्रम के मेंटर्स ने भी अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए डिजिटल पहल के विस्तार पर बात की।
गिरिजन को-ऑपरेटिव कॉरपोरेशन (जीसीसी) लिमिटेड की प्रबंध निदेशक सुश्री पी.ए. शोभा ने एसटी के व्यवसाय विकास के लिए की गई विभिन्न विपणन पहलों के बारे में बात की।
एनएसटीएफडीसी बोर्ड के सदस्य, जनजातीय कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार सुश्री यतिंदर प्रसाद, आईडीबीआई बैंक की उप महाप्रबंधक सुश्री दीपिका किस्पोट्टा और त्रिकोर-आंध्र प्रदेश के प्रबंध निदेशक श्री रवींद्र बाबू इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रधान कार्यालय और मंडलीय कार्यालय से एनएसटीएफडीसी के अधिकारियों की एक टीम ने सफलतापूर्वक आयोजन का प्रबंधन और समन्वय किया।
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