भुवनेश्वर में ओडिशा सरकार के सहयोग से प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) 03 और 04 दिसंबर 2021 को ‘सुशासन कार्यप्रणालियों की प्रतिकृति’ विषय पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित कर रहा है।
ओडिशा के माननीय मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक और माननीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन तथा परमाणु ऊर्जा व अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 2 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान समापन सत्र को संबोधित करेंगे।
ओडिशा के मुख्य सचिव श्री सुरेश चंद्र महापात्र और डीएआरपीजी में सचिव श्री संजय सिंह भी उद्घाटन/समापन सत्र में भाषण देंगे।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य स्तर के लोक प्रशासन संगठनों को सार्वजनिक प्रशासनिक कार्यों में अनुभव तथा नवाचारों को साझा करने, जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और ई-गवर्नेंस तथा डिजिटल गवर्नेंस आदि के लिए भविष्य के सार्वजनिक समाधान को अनुकूल करने हेतु एक ही मंच पर लेकर आना है। यह सम्मेलन दो दिवसीय कार्यक्रम है, जिसमें राज्यों के प्रतिनिधियों/जिला मजिस्ट्रेट/जिला कलेक्टर को व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए राज्यों के सुशासन कार्यप्रणालियों पर प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया गया है।
ओडिशा सरकार की प्रधान सचिव श्रीमती अनु गर्ग “नवाचार (जिलों)” विषय पर उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगी। सम्मेलन के दूसरे अधिवेशन में “नवाचार (राज्यों)” पर विचार-विमर्श होगा, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त सचिव (एआर एंड पीजी) श्री एनबीएस राजपूत करेंगे।
विशेष सचिव (एआर एंड पीजी) श्री वी श्रीनिवास दोपहर के भोजनावकाश के बाद “नवाचार (केंद्र)” विषय पर आयोजित होने वाली चर्चा की अध्यक्षता करेंगे। कार्यक्रम के चौथे सत्र के दौरान “सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार” विषय-क्षेत्र-संबंधी प्रस्तुति दी जाएगी, जिसकी अध्यक्षता महाराष्ट्र से सेवाओं का अधिकार के राज्य मुख्य आयुक्त श्री स्वाधीन क्षत्रिय करेंगे।
ओडिशा के अपर मुख्य सचिव श्री संजीव चोपड़ा की अध्यक्षता में इस सम्मेलन के दूसरे दिन ‘ओडिशा में प्रशासनिक नवाचारों’ के विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। चौथे सत्र में आकांक्षी जिला कार्यक्रम और नीति आयोग के विशेष सचिव श्री के राजेश्वर राव की अध्यक्षता में “आकांक्षी जिले” पर प्रस्तुति दी जाएगी।
इस सम्मेलन में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के निर्माण और कार्यान्वयन में अनुभवों को साझा करने के लिए एक साझा मंच बनाने का एक प्रयास किया गया है, जिससे नागरिकों को बेहतर सार्वजनिक सेवा वितरण और लाभ प्राप्त हुआ है। भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्र के 14 राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा) के प्रतिनिधि हाइब्रिड मोड में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
***