कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एनसीएमसी ने चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ की तैयारियों की निगरानी के लिए बैठक की

दैनिक समाचार

कैबिनेट सचिव श्री राजीव गाबा ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की दूसरी बैठक की आज नई दिल्ली में अध्यक्षता की, जिसमें चक्रवाती तूफान “जवाद” से निपटने के लिए राज्यों और केन्‍द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की गई।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि चक्रवात के 4 दिसंबर की सुबह तक उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट पर पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद, यह पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ेगा। चक्रवात अपने साथ भारी से बहुत भारी वर्षा लाएगा। ज्वार की लहरों के साथ 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की उम्मीद है।

आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके द्वारा की गई प्रारंभिक तैयारियों से एनसीएमसी को अवगत कराया। इस बीच समुद्र से मछुआरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। चक्रवात आश्रयों को तैयार कर लिया गया है और निचले इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है। खाद्यान्न, पेयजल और अन्य आवश्यक आपूर्ति का स्टॉक करने के लिए हर तरह की कार्रवाई की गई है। बिजली, सड़कों, पानी की आपूर्ति और अन्य आवश्यक सेवाओं के रखरखाव और बहाली के लिए टीमों को भी तैनात किया गया है। नुकसान को कम करने के लिए खड़ी फसलों की कटाई भी की जा रही है।

एनडीआरएफ ने प्रभावित राज्यों में पर्याप्त संख्या में टीमों को तैनात किया है और अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा गया है। सेना और नौसेना के बचाव और राहत दल जहाजों और विमानों के साथ आवश्यकतानुसार तैनाती के लिए तैयार हैं।

राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए, कैबिनेट सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए, ताकि जानमाल के नुकसान की कोई गुंजाइश न रहे और संपत्ति को कम से कम नुकसान हो। कैबिनेट सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि सभी मछुआरे और जहाज जो समुद्र में हैं, उनका संबंधित राज्यों को पता लगाना चाहिए, इसके लिए तटरक्षक बल और अन्य केंद्रीय एजेंसियों द्वारा आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी सलाह दी कि आवश्यक सेवाओं को कम से कम समय में न्यूनतम व्यवधान के साथ बहाल किया जा सकता है, जिसके लिए अग्रिम कार्रवाई की जानी चाहिए। सार्वजनिक संदेश दिया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि चक्रवात वाली जगहों पर लोगों को उस दौरान उपयुक्त निर्देश और मार्गदर्शन मिल सके। राज्यों को यह भी सलाह दी गई कि वे कोविड अस्पतालों का निर्बाध कामकाज सुनिश्चित करें।

बैठक में एनडीआरएफ, आईएमडी, आईडीएस मुख्यालय और एनडीएमए के साथ-साथ गृह मंत्रालय, नागर विमानन, बंदरगाह, रेलवे, जहाजरानी और जलमार्ग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बिजली और मत्स्य पालन मंत्रालयों / विभागों के सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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