इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) स्टार्टअप हब ने अपने टेक स्टार्टअप शिखर सम्मेलन के साथ मनाया प्रतिष्ठित “आजादी का अमृत महोत्सव” सप्ताह

दैनिक समाचार

“आजादी का अमृत महोत्सव” समारोह के तहत एमईआईटीवाई स्टार्टअप हब ने सप्ताह के शुरू में अपना टेक.स्टार्टअप शिखर सम्मेलन आयोजित किया। एमईआईटीवाई स्टार्टअप हब इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की पहल जो प्रौद्योगिकी नवाचार, स्टार्ट अप और बौद्धिक संपदा के निर्माण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह सभी ऊष्मायन केंद्रों के बीच तालमेल सुनिश्चित करता है, उभरती तकनीकी को उत्कृष्टता केंद्र के जरिए प्रौद्योगिकी संसाधनों में एक दूसरे से जोड़कर उन्हें सुगम या आसान बनाना, रचनात्मकता के साथ-साथ अनुसंधान कौशल को बढ़ावा देने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और विचारों को साझा करना, इन सब प्रयासों से ही आत्मनिर्भरता आ जाएगी, जैसे भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव (ऐकेऐएम) के तहत प्रचार कर रही है।

टेक स्टार्टअप शिखर सम्मेलन में 2 पूर्ण पैनल चर्चा की गई। इसमें मुख्य रूप से स्टार्टअप एक्सपो और बीएसएफ भूमि चैलेंज अवॉर्ड समारोह की चर्चा की गई।

पहले सत्र में वर्तमान परिदृश्य को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया। एक विजन, एक मिशन के माध्यम से स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में सरकार के प्रयासों की प्रासंगिकता के बारे में पैनलिस्ट ने बताया। इसमें सरकार के प्रतिनिधि के रूप में स्टार्टअप इंडिया इन्वेस्ट इंडिया की प्रमुख सुश्री आस्था ग्रोवर, बीआईआरएसी के एसपीईडी के हेड डॉ. मनीष दीवान, राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमी विकास बोर्ड की प्रमुख डॉ. अनीता गुप्ता, रक्षा नवाचार संगठन के सीओओ श्री विवेक विरमानी, भारत सरकार के पीएसए के तकनीकी अधिकारी श्री मुदित नारायाण ने भाग लिया।

स्टार्टअप इंडिया, इन्वेस्ट इंडिया की प्रमुख सुश्री आस्था ग्रोवर ने स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए उपायों पर जोर दिया, जिसमें सुधारों के माध्यम से बोझ अनुपालन में कमी, फंड और अनुदान के माध्यम से मौद्रिक सहायता, बाजार पहुंच, परामर्श व मार्गदर्शन देने से स्टार्टअप को अपने मुख्य व्यवसाय के विकास पर ध्यान केंद्रित करने और काम करने में सक्षम बनाता है।

बीआईआरएसी के एसपीईडी प्रमुख डॉ. मनीष दीवान ने वित्त पोषण तक पहुंच जैसे अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के साथ एक नए उद्यम की लंबी उम्र की मान्यता की आवश्यकता के साथ ही ढांचागत समर्थन पर अपना ध्यान केंद्रित किया। भारत को नवाचार केंद्र बनाने के लिए हितधारकों के जुड़ने पर भी जोर दिया।

राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमी विकास बोर्ड की प्रमुख डॉ. अनीता गुप्ता ने नौकरी तलाशने वाले से नौकरी पैदा करने वाले बनने के दृष्टिकोण के परिवर्तन और फेलोशिप कार्यक्रमों के माध्यम से युवा उद्यमियों को सहयोग करने के लिए अपनाई गई पहल, नवाचार के विकास और दोहन के लिए राष्ट्रीय पहल आदि पर प्रकाश डाला। यह उद्यमिता के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स के रूप में काम करते हैं। डॉ. अनीता के अनुसार, स्टार्टअप के लिए अपेक्षित सहयोग और मार्गदर्शन के साथ ही निवेशकों की मदद भारत को एक संपन्न स्टार्टअप राष्ट्र बनने में मदद कर सकता है जो सार्वजनिक निजी सहयोग को मजबूत कर सकता है।

रक्षा नवाचार संगठन के सीओओ श्री विवेक विरमानी ने प्रमुख रूप से रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में उपयुक्त परीक्षण सुविधाओं की कमी से युवा उद्यमियों को प्रवेश करने से रोकने वाली चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। श्री विवेक विरमानी ने यह भी उल्लेख किया कि रक्षा क्षेत्र के स्टार्ट अप निर्माण में प्रवेश करने से पहले उद्यमियों को आवश्यकता को समझने की आवश्यकता है।

भारत सरकार के पीएसए के तकनीकी अधिकारी श्री मुदित नारायण ने उपभोक्ता की जरूरतों, परिवहन के लिए नीतियों में संशोधन की आवश्यकता, ऊर्जा उत्पादन और भंडारण, उद्योग संगठन देश के लिए आदर्श वाक्य जय जवान, जय किसान को संशोधित कर जय विज्ञान भारत कर सकता है, इस प्रकार सरकार की आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को मजबूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ निदेशक डॉ. एके गर्ग ने संक्षेप में स्टार्टअप्स की यात्रा में आवश्यक अंतराल को पाटने का महत्व बताया। साथ ही विचार की अवधारणा से शुरू होकर विकास के प्रारूप से लेकर बाजार के लिए तैयार उत्पाद में रूपांतरण को पाटने के साथ व घरेलू और वैश्विक बाजार में उनके विस्तार की यात्रा में आवश्यक अंतराल के बारे में बताया।

दूसरे सत्र में निवेश और वित्त पोषण परिदृश्य को चित्रित करने के लिए घरेलू पूंजी का आयोजन किया गया जिसमें प्रसिद्ध गणमान्य व्यक्ति और विशेषज्ञ शामिल हुए। इनमें 3वन4 कैपिटल, आरिन कैपिटल और मणिपाल ग्लोबल फाउंडेशन के सह संस्थापक और चेयरमैन श्री मोहन दास पाई, फंड ऑफ फंडस एनआईआईएफ के प्रमुख श्री कृपा शंकर, प्राइवेट सेक्टर प्रार्टनरशिप लीड, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के श्री अंजनी बंसल, सन समूह के वाइस प्रेजिडेंट उपाध्यक्ष श्री कीर्ति लाल काला, स्टार्टअपएक्स सीड वेंचर्स के संस्थापक श्री बी. वी. नायडू, टाआईई ग्लोबल के हेड श्री महावीर प्रताप शर्मा और फंड रणनीति और निवेशक संबंध, लेटस वेंचर्स के प्रमुख श्री नकुल सक्सेना मौजूद रहे।

3वन4 कैपिटल के सह संस्थापक और अध्यक्ष श्री मोहन दास पाई ने भारत में घरेलू निवेश की जगह विदेशी निवेश के बारे में अधिक बात की। इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार कारणों में भारतीय निवेशकों के लिए कराधान की अधिक दरें और जोखिम भरे निवेश के अवसर शामिल हैं, उचित संस्थागत निवेश और उसकी निगरानी के लिए उचित नियमों का अभाव है। साथ ही श्री पाई ने संबंधित राज्य सरकारों द्वारा स्थापित किए जाने वाले सीड फंड सहित स्टार्ट अप के लिए विकास गतिविधियों को शुरू करने के लिए सरकारी पहल की आवश्यकता पर जोर दिया।

फंड ऑफ फंड्स, एनआईआईएफ के प्रमुख श्री कृपा शंकर ने पूंजी के विवेकपूर्ण निवेश की आवश्यकता और स्थापित निवेश प्रबंधन कार्यक्रम के माध्यम से निवेशकों को उचित निकास और पर्याप्त फायदा होने पर बल दिया।

प्राइवेट सेक्टर पार्टनरशिप लीड और बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के श्री अंजनी बंसल ने स्टार्ट अप के लिए स्पष्ट दिशा तय करने पर जोर दिया, जिससे विचारों और उत्पादों को अन्य देशों के बाजारों सहित नए बाजारों तक पहुंचने में मदद मिले।

सन ग्रुप के वीपी श्री कीर्ति लाल काला ने स्टार्टअप में निवेश करते समय कॉरर्पोरेट द्वारा विचार किए जाने वाले उद्देश्य के निर्धारण, रुचिगर क्षेत्र, दीर्घकालिक सहयोग, चलन में क्या है आदि के महत्व को रेखांकित किया।

स्टार्टअप एक्स सीड वेंचर्स के संस्थापक श्री बी. वी. नायडू ने निवेश प्राप्त करने के शुरुआती चरण में तकनीकी स्टार्टअप के सामने आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला। श्री नायडू ने स्टार्टअप को समर्थन देने के लिए सरकार के साथ साथ उदारीवादी नीतियों द्वारा धन का एक कोष बनाने का सुझाव दिया।

टीआईई ग्लोबल के प्रमुख श्री महावीर प्रताप शर्मा ने स्टार्टअप्स को अपने भौगोलिक क्षेत्रों के बाहर विस्तार के लिए आवश्यक बाजार तक पहुंच, मार्गदर्शन, जरूरी दस्ते का महत्व, बड़े पैमाने पर खुद को सक्षम करने पर महत्व दिया।

लेट्स वेंचर के फंड स्ट्रेटेजी एंड इन्वेस्टर रिलेशंस प्रमुख श्री नकुल सक्सेना ने निवेशकों गैर महानगरों के निवेशकों सहित को शिक्षित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्थायी निवेश की आवश्यकता और सरकारी सहायता से लंबी अवधि के लिए पूंजी निर्माण पर जोर दिया।

एमएसएच के सीईओ श्री जितेंद्र विजय ने दोनों पैनल को संचालित किया। उन्होंने दर्शकों को व्यस्त रखने और सीखने को समृद्ध बनाने के साथ ही मूल्यवान अंतर्दृष्टि के साथ पैनल चर्चा की प्रासंगिकता पर बल दिया।

बीएसएफ हाई टेक अंडरटेकिंग फॉर मैक्सिमाइज़िंग इनोवेशन के कुछ भाग लेने वाले स्टार्टअप्स की अभिनव क्षमताओं को प्रोत्साहित करने के लिए सीमा सुरक्षा बल के साथ एमईआईटीवाई स्टार्टअप हब की ओर से आयोजित बीएचयूएमआई चैलेंज स्टार्टअप्स को अंतिम सेगमेंट में सम्मानित किया गया। इनके नाम हैं विहान नेटवर्क लिमिटेड, जियोरडारएआई, एएवीआरटीटीआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, डीएसआरएल, डेजिनफोर्ज, ऑपटिमसलॉजिक सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुरुत्वा सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, बिग बैंग बूम सॉल्यूशनंस प्राइवेट लिमिटेड को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह के माध्यम से सम्मानित किया गया।

माननीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, संचार और रेलवे मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव ने अपने शब्दों से युवा छात्र उद्यमियों को उनकी कड़ी मेहनत के साथ बदलती प्रौद्योगिकियों के साथ सामना करने के लिए प्रोत्साहित किया साथ ही देश में पथ प्रदर्शक नवाचारों को स्वीकार करने और वैश्विक मानचित्र पर भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत करने को प्रेरित किया।

एमईआईटीवाई के संयुक्त सचिव श्री भुवनेश कुमार ने सभी पैनलिस्टों और आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन किया। उन्होंने भूमि चुनौती प्रतिभागियों द्वारा किए गए अभिनव प्रयासों और समाधानों की भी सराहना की।

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