आयकर विभाग ने 25-11-2021 को इंदौर के दो प्रमुख व्यापारिक समूहों पर छापेमारी व तलाशी-जब्ती अभियान शुरू किया। पहला समूह खनन, मीडिया और केबल टीवी सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय से जुड़ा है और दूसरा समूह एक कोचिंग अकादमी चला रहा है। मध्य प्रदेश में 70 और 5 अन्य राज्यों सहित 70 से अधिक परिसरों की तलाशी ली गई।
तलाशी की कार्रवाई के दौरान, कुछ व्यवसायों के वित्तीय रिकॉर्ड के समानांतर सेट सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजी और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इन साक्ष्यों के आरंभिक विश्लेषण से विभिन्न कदाचारों, विशेष रूप से खनन व्यवसाय में बिक्री की आयकर चोरी का पता चलता है। केबल टीवी सेवा के कारोबार में भी इसी तरह बड़े पैमाने पर कर चोरी पाई गई है। अन्य कदाचार जैसे पैसों का भुगतान, संदिग्ध बेनामी लेनदेन, नकद में किए गए बेहिसाब खर्च, अचल संपत्तियों में अघोषित निवेश आदि के साक्ष्य भी मिले हैं।
जांच से पता चला है कि समूह ने प्रविष्टि संचालक द्वारा प्रबंधित विभिन्न मुखौटा कंपनियों से फर्जी असुरक्षित कर्ज के रूप में 40 करोड़ रुपये से अधिक की आवास प्रविष्टियां भी प्राप्त की हैं। तलाशी अभियान के दौरान मुख्य प्रविष्टि संचालक, मुख्य संचालक और मुखौटा कंपनियों के कई नकली निदेशकों की पहचान करउनसे पूछताछ कर ली गई है। नकली निदेशकों और प्रमुख संचालकों ने स्वीकार किया है कि कंपनियां केवल कागजी संस्थाएं हैं और वे मुख्य प्रविष्टि संचालक के इशारे पर काम कर रही हैं।
कोचिंग ग्रुप के तलाशी अभियान से मिले और जब्त किए गए दस्तावेजी साक्ष्य स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि छात्रों से नकदी के रूप में प्राप्त 25 करोड़ रुपये से अधिक की राशि छिपाई गई है। जब्त किए गए सबूतों के विश्लेषण से यह भी संकेत मिलता है कि यह समूह व्यवस्थित रूप से अपनी विभिन्न फ्रेंचाइजी से मिली रॉयल्टी और लाभ की हिस्सेदारी से हुई आय को छिपा रहा है। इन खातों में 10 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी की रकम प्राप्त की गई है। तलाशी अभियान के दौरान दो करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद हुई है।
जांच आगे जारी है।