मायगॉव अब सिर्फ़ एक वेबसाइट नहीं है, यह एक ‘जनभागीदारी’ प्लेटफॉर्म बन गया है: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी

दैनिक समाचार

जिस तरह देश आजादी का अमृत महोत्सव के साथ आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है, मायगॉव ने भी आज उन नागरिकों की सराहना की जिन्होंने मायगॉव चुनौतियों में सक्रिय रूप से भाग लिया, अपने लोगो आइडिया साझा किए और नीतियों तथा कार्यक्रमों के बनाने में सरकार की मदद की।

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संस्कृति राज्य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव श्री अजय साहनी, एनईजीडी और मायगॉव के अध्यक्ष और सीईओ श्री अभिषेक सिंह और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री अमितेश कुमार सिन्हा के साथ मायगॉव चुनौती के विजेताओं को सम्मानित किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभालने के दो महीने बाद 26 जुलाई,2014 को भारत सरकार के प्रमुख ऑनलाइन नागरिक जुड़ाव मंच के रूप में मायगॉव प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया था जो कई सरकारी निकायों/मंत्रालयों को नीति निर्माण और जनहित तथा कल्याण के मुद्दों/विषयों पर लोगों की रायजानने के लिए नागरिकों से जोड़ने में सहयोग करता है।

15 अगस्त, 2015 को लाल किले से अपने भाषण सहित कई अन्य भाषणों में जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा था, मायगॉव का उद्देश्य ‘जनभागीदारी’ या सहभागी शासन को बढ़ावा देना है।

मायगॉव सामूहिक विचार-विमर्श, खुले मंच पर बातचीत, कार्य, चुनाव, ब्लॉग, प्रतियोगिताएं, वार्तालाप और अन्य नियमित विशिष्टताओं के माध्यम से नागरिकों को राष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्माण में सक्रिय भागीदार बनने का अधिकार देता है।

साल 2015-16 और 2016-17 में आम और रेल बजट के लिए कई नीतिगत विचार और सुझाव मायगॉव के माध्यम से लिए गए हैं और इस तरह प्राप्त ऐसे कई अन्य विचारों को भी लागू किया गया है। मायगॉव पर अन्य प्रमुख चर्चाओं में स्मार्ट सिटी मिशन के लिए नागरिकों की अच्छी भागीदारी रही जिसमें लगभग 2.5 मिलियन भागीदारी देखी गई। नई शिक्षा नीति तैयार करने और नेट न्यूट्रैलिटी पर भी मॉयगाव प्लेटफॉर्म पर नागरिकों की भागीदारी रही।

स्वच्छ भारत, 100 करोड़ टीकाकरण, डिजिटल इंडिया अभियान और राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसे प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लोगो और नारे भी मायगॉव प्लेटफॉर्म से लिए गए थे।

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स्वच्छ भारत लोगो के लिए संस्कृति राज्य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी ने 4 दिसंबर,2021 को आजादी का डिजिटल महोत्सव के दौरान अनंत गोपाल खसबरदार को सम्मानित किया। इसी तरह, उन्होंने ‘100 करोड़ टीकाकरण लोगो’ के लिए यासीन हारून सुदेसरा, ‘लोकपाल’ के लिए प्रशांत मिश्रा, ‘बांस मिशन लोगो’ के लिए साई राम गौड़ एदिजी और ‘डिजिटल इंडिया’ के लोगो के लिए राणा भौमिक की सराहना की।

मायगॉव ‘साथी’ (सहयोगियों) जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान भी मायगॉव में सक्रिय रूप से योगदान दिया, उन्हें भी संस्कृति राज्य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी ने सम्मानित किया। विजेताओं में तेलंगाना में जगिताल से नागर जू, इंदौर से अनूप मिश्रा, नासिक से रुशिकेश राजेंद्र उगाले, रायगंज से संजय सरकार और चेन्नई से सुथाहर पी शामिल हैं।

अन्य श्रेणियों में, पियरलिन अनुग्रह और रघुराम बलरामन ने ज़ो हो ऐप इनोवेशन चैलेंज, जया पाराशर और शिवी कपिल ने श्री शक्ति चैलेंज और अनुराधा अग्रवाल, प्रीतेश चोथानी और सौरभ नायक ने इंडियन लैंग्वेज ऐप इनोवेशन चैलेंज जीता।

अमित शर्मा और अरुणा कुमारी ने ई-कचरा प्रबंधन पर इनोवेशन चैलेंज जीता। डॉ. कालीराजन राजगोपाल ने ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन जीता। आकृत वैश ने हाप्तिक फॉर्म मायगॉव व्हाट्सएप चैटबॉट, कू की अप्रमाया राधाकृष्ण और कॉपओवर के अंकुश सबरवाल ने मायगॉवऐप इनोवेशन चैलेंज, अमित कोठीवाला ने ‘जन भागीदारी’ इनोवेशन चैलेंज जीता और याशिका बेगवानी को पॉडकास्ट के लिए सम्मानित किया गया।

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संस्कृति राज्य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी ने सभी विजेताओं की सराहना की और मायगॉव के प्रयासों को भी सराहा जिसके माध्यम से भारत सरकार और देश के नागरिक एक-दूसरे के साथ बातचीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “इस प्लेटफॉर्म की वजह से हम कई लोगों तक पहुंचने में सक्षम हैं। यहां जिन लोगों को सम्मानित किया गया है उनमें से ज्यादातर वैसे लोग हैं जो स्वेच्छा से समाज की सेवा के लिए आगे आए हैं।“

सुश्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, “मायगॉव प्लेटफॉर्म का और अधिक उपयोग करने की आवश्यकता है। हम सभी को नीति निर्माण में पहले से अधिक भाग लेने, सरकार को सलाह और नए विचार देने की आवश्यकता है। जब हम लोकतंत्र में होते हैं, तो हमें संवाद करने की जरूरत होती है और इसलिए, सरकार को नागरिकों तक पहुंचने की जरूरत है और लोगों को भी चाहिए कि वो अपनी प्रतिक्रिया साझा करें”।

सुश्री लेखी ने जोर देते हुए कहा कि भारत की भव्य संस्कृति के बारे में प्रचार करना सरकार और देश के नागरिकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “कोविड ने हमें दिखाया है कि हम क्या करने में सक्षम हैं और यह हमारी नैतिकता को ऊंचा बनाए रखता है। हम भोजन वितरण और किसी भी अन्य संभावित माध्यम से एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। आजादी का डिजिटल महोत्सव के बिना आजादी का अमृत महोत्सव अधूरा है क्योंकि जब मैं अपने देश के किसी भी कोने के बारे में जानना चाहती हूं तो मेरे लिए डिजिटल तरीका ही एकमात्र तरीका है और मायगॉव वह जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार है।“

सुश्री मीनाक्षी लेखी ने एनईजीडी और मायगॉव के अध्यक्ष और सीईओ श्री अभिषेक सिंह को मायगॉव प्लेटफॉर्म को वैश्विक बनाने के लिए भी कहा। इस पर पर श्री अभिषेक सिंह ने बताया कि मायगॉव ने पहले ही 14 राज्यों, अर्थात् हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, झारखंड, नगालैंड, उत्तराखंड, गोवा और तमिलनाडु में राज्य संस्करण लॉन्च किए हैं और अब यह प्लेटफॉर्म का वैश्विक संस्करण लॉन्च करेगा।

इस अवसर पर, श्री अजय साहनी, सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विजेताओं की रचनात्मकता और मायगॉव को मिले लोगो पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “जिस तरह की रचनात्मकता हम मायगॉव के आसपास देखते हैं, वह दिल को छू लेने वाली है और जब भी हम मायगॉव पर पहुंचते हैं तो हमें ऐसे उल्लेखनीय विचार मिलते हैं। जब भी हमें कोई अच्छा विचार या लोगो मिलता है,तो हम इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं और इसे प्रधानमंत्री के पास ले जाते हैं।”

श्री साहनी ने आगे कहा कि जब सरकार कोई कार्यक्रम चलाना चाहती है, तो हम इसे मायगॉव के माध्यम से साझा करते हैं और कई बार, हम कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए इस पर आए विचारों का उपयोग करते हैं।”

श्री अजय साहनी ने कोविड -19 महामारी के दौरान मायगॉव द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की और कहा कि इस प्लेटफॉर्म ने हमेशा सटीक जानकारी प्रदान की और ऐसे समय में सकारात्मकता का प्रसार किया जब लोगों को इसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी।

श्री साहनी ने कहा, “कोविड के दौरान, मायगॉव ने अद्भुत काम किया है – चाहे वह मास्क के बारे में जागरूकता फैलाना हो, या इस पर प्रचार वीडियो बनाना हो। कोविड के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण हर कोई थोड़ा उदास था और उस अवधि के दौरान मायगॉव ने बड़े कलाकारों को मंच पर बुलाया और उनका अपना संगीत प्रदर्शन साझा करने के साथ एक सकारात्मक तालमेल बनाया। इसलिए, न केवल राज्य और केंद्र सरकार के कार्यक्रम बल्कि लोगों ने भी समाज के साथ अपनी रचनात्मकता साझा की। मायगॉव अब केवल एक वेबसाइट नहीं रह गया है बल्कि यह एक ‘जनभागीदारी’ प्लेटफॉर्म बन गया है।”

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