आयकर विभाग के नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर 3 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गए; जिन करदाताओं ने एवाई 2021-22 के लिए अपना आयकर रिटर्न अभी तक दाखिल नहीं किया है, उन्हें जल्द से जल्द दाखिल करने की सलाह दी जाती है

दैनिक समाचार

आयकर विभाग के नए ई-फाइलिंग पोर्टल पर 3 दिसंबर, 2021 तक 3 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। प्रतिदिन दाखिल किये जा रहे आईटीआर की संख्या 4 लाख से अधिक है और यह संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है, क्योंकि 31दिसंबर, 2021की अंतिम तिथि, जिसे पूर्व में विस्तार दिया गया था, नजदीक आ रही है।

आयकर विभाग, सभी करदाताओं से ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिये अपने फॉर्म 26एएस और वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) देखने का आग्रह करता है, ताकि वे टीडीएस और कर भुगतान की सटीकता को सत्यापित कर सकें तथा आईटीआर को पहले-से-भरा-हुआ का लाभ उठा सकें। इक्विटी/म्यूचुअल फंड आदि की खरीद और बिक्री के मामले में करदाताओं के लिए अपना बैंक खाता, ब्याज प्रमाण पत्र, फॉर्म 16 और ब्रोकरेज से पूंजीगत लाभ विवरण के साथ एआईएस विवरण में डेटा की जांच करना जरूरी है।

एवाई  2021-22 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की संख्या बढ़कर 3.03 करोड़ आईटीआर हो गई है। इनमें से 58.98 प्रतिशत आईटीआर1 (1.78 करोड़), 8 प्रतिशत आईटीआर2 (24.42 लाख), 8.7 प्रतिशत आईटीआर3 (26.58 लाख), 23.12 प्रतिशत आईटीआर4 (70.07 लाख), आईटीआर5 (2.14 लाख), आईटीआर6 (0.91 लाख) और आईटीआर7 (0.15 लाख)। इनमें से 52प्रतिशत से अधिक आईटीआर पोर्टल पर ऑनलाइन आईटीआर फॉर्म का उपयोग करके दाखिल किए जाते हैं और शेष को ऑफलाइन सॉफ्टवेयर उपयोगिताओं से तैयार किये गए आईटीआर का उपयोग करके अपलोड किया गया जाता है।

विभाग के लिए आईटीआर से सम्बंधित प्रक्रिया शुरू करने और रिफंड, यदि कोई हो, जारी करने के लिए आधार ओटीपी और अन्य तरीकों के माध्यम से ई-सत्यापन महत्वपूर्ण है। यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि 2.69 करोड़ रिटर्न ई-सत्यापित किए गए जा चुके हैं, जिनमें से 2.28 करोड़ से अधिक आधार आधारित ओटीपी के माध्यम से किये गए हैं।

नवंबर में, सत्यापित आईटीआर 1, 2 और 4 में से 48 प्रतिशत की प्रक्रिया उसी दिन पूरी कर दी गयी है। सत्यापित आईटीआर में से 2.11 करोड़ से अधिक आईटीआर की प्रक्रियापूरी की जा चुकी है और एवाई 2021-22 के लिए 82.80 लाख से अधिक रिफंड जारी किए जा चुके हैं। करदाताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया जाता है कि रिफंड के लिए चुने गए बैंक खातों से उनका पैन नंबर जुड़ा होना चाहिए, ताकि रिफंड जमा न हो पाने की स्थिति से बचा जा सके।

कुल मिलाकर 8.33 लाख डीएससी पंजीकृत किए गए हैं। डीएससी पंजीकरण की सरलीकृत प्रक्रिया के तहत किसी भी व्यक्ति को अपने डीएससी को केवल एक बार पंजीकृत करना होता है और वह किसी भी विभाग या कंपनी में इसका उपयोग कर सकता है, जहां व्यक्ति भागीदार, निदेशक आदि है और इसके लिए उसे प्रत्येक इकाई/कंपनी के लिए फिर से पंजीकरण करना जरूरी नहीं है।

3 दिसंबर, 2021 तक 34.01 लाख से अधिक सांविधिक फॉर्म जमा किए गए हैं, जिनमें 15.11 लाख टीडीएस विवरण, ट्रस्टों/संस्थाओं के पंजीकरण के लिए 1.56 लाख फॉर्म 10ए, बकाया वेतन के लिए3.29 लाख फॉर्म 10ई, अपील दाखिल करने से संबंधित 49,295 फॉर्म 35 और 35,342 डीटीवीवी फॉर्म 4 शामिल हैं। 7.81 लाख से अधिक 15 सीए और 1.82 लाख से अधिक 15सीबी फॉर्म दाखिल किए गए हैं। 29.54 लाख से अधिक निःशुल्क ई-पैन ऑनलाइन आवंटित किए गए हैं। पंजीकरण और अनुपालन के लिए कानूनी वारिस से सम्बंधित प्रक्रिया को सक्षम बनाया गया है।

विभाग ईमेल, एसएमएस और मीडिया अभियानों के माध्यम से करदाताओं को बिना विलंब किये आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रोत्साहन देने के साथ याद भी दिला रहा है।

सभी करदाताओं, जिन्होंने अभी तक एवाई 2021-22 के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, से अनुरोध है कि वे अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए जल्द से जल्द अपना रिटर्न दाखिल करें।

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