नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने हैकथॉंन लॉन्‍च करते हुए कहा ‘‘यूलिप लॉजिस्टिक्‍स की लगभग 14 प्रतिशत की उच्च लागत में कमी लाएगा और वैश्विक व्यापार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता में बढोतरी करेगा’’

दैनिक समाचार

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने और अधिक विचारों को क्राउडसोर्स करने के लिए-यूनिफायड लॉजिस्टिक्‍स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) हैकथॉंन – ‘लॉजीएक्सटिक्स’ लॉन्‍च किया है जो लॉजिस्टिक्‍स उद्योग को लाभान्वित करेगा।

लॉजिस्टिक्‍स की रूपरेखा एक पारदर्शी प्लेटफॉर्म का सृजन करने के जरिये बनाई गई है जो सभी हितधारकों को वास्तविक समय सूचना उपलब्ध कराएगा तथा सभी विषम सूचना को हटाने के द्वारा दक्षता बढ़ाएगा। भारत में लॉजिस्टिक्‍स लागत में कमी लाने के लिए यूलिप हैकथॉंन- लॉजीएक्सटिक्स नीति आयोग तथा अटल नवोन्मेषण मिशन द्वारा आयोजित एवं राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) तथा एनआईसीडीसी लॉजिस्टिक्‍स डाटा बैंक सर्विसेज लिमिटेड (एनएलडीएसएल) द्वारा समर्थित है।

  यूलिप हैकथॉंन को नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत द्वारा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के लॉजिस्टिक्‍स विभाग के विशेष सचिव तथा एनआईसीडीसी के सीईओ एवं एमडी श्री अमृत लाल मीणा, नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार सुश्री अन्न रॉय एवं एनआईसीडीसी के उपाध्यक्ष श्री अभिषेक चौधरी की उपस्थिति में लॉन्‍च किया गया।

श्री अमिताभ कांत ने कल एक वर्चुअल कार्यक्रम में हैकथॉंन को लॉन्‍च करने के दौरान कहा, ‘आज हमारे लिए एक बहुत महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हम भारत में लॉजिस्टिक्‍स की सबसे बड़ी समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं। भारत में लॉजिस्टिक्‍स की लागत लगभग 14 प्रतिशत है जो दुनिया के अन्य देशों की तुलना में अधिक है। यूलिप का उद्देश्‍य निजी क्षेत्र से शीर्ष भारतीय प्रौद्योगिकी संगठनों के साथ काम करना और लॉजिस्टिक्‍स लागत में कमी लाने के लिए समाधानों की पहचान करना रहा है।

उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की वर्तमान लॉजिस्टिक्‍स प्रणालियों के समेकन के लिए तथा यूलिप हैकथॉंन-लॉजीएक्सटिक्स के सफल लॉन्‍च के लिए एनआईसीडीसी को और भी बधाई दी। एनआईसीडीसी को जनवरी, 2021 में नीति आयोग द्वारा लॉजिस्टिक्‍स डाटा बैंक प्रोजेक्ट का लाभ उठाने के माध्यम से यूलिप को विकसित करने के लिए अधिदेशित किया गया था।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मई 2020 में नीति आयोग को विभिन्न सेक्टरों में प्रौद्योगिकी की भूमिका की खोज करने का दायित्व सौंपा था। यूलिप की संकल्पना लॉजिस्टिक्‍स सेक्टर में एक प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी।

यूलिप का विकास लॉजिस्टिक्‍स सेक्टर में एक प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म के रूप में किया जा रहा है जो सभी हितधारकों को वास्तविक समय सूचना उपलब्ध कराएगा तथा अलग अलग काम कर रहे विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की वर्तमान प्रणालियों में मल्टी-मॉडल परिवहन की उपस्थिति को समन्वित करेगा। इसके पूरा हो जाने के बाद, इससे लॉजिस्टिक्‍स सेक्टर में आई प्रचुर दक्षताओं को महसूस किया जा सकता है जो लॉजिस्टिक्‍स लागत को कम करने तथा वैश्विक व्यापार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के द्वारा इसे रूपांतरित कर देगा।

लॉजिस्टिक्‍स सेक्टर में चुनौतियों का समाधान करने के साथ, यूलिप के दायरे के तहत लॉजीएक्सटिक्स जैसा प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम विद्यमान लॉजिस्टिक्‍स उद्योग के मुद्दों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय स्तर के मंच पर प्रत्येक व्यक्ति को अपना कार्यनीतिक, कोडिंग एवं डोमेन कौशल प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित करता है। हैकथॉंन यूलिप प्लेटफॉर्म के विजन को अर्जित करने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। 

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लॉजिस्टिक्‍स विभाग के विशेष सचिव तथा एनआईसीडीसी के सीईओ एवं एमडी श्री अमृत लाल मीणा ने कहा, ‘‘यूलिप पीएम गतिशक्ति के समग्र उद्देश्य के भी अनुरूप है जिसका लक्ष्य व्यक्तिगत अलगाव की भावना को समाप्त करना, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के बीच एकीकरण को प्रोत्साहित करना एवं वास्तविक सिंगल विंडो को बढ़ावा देना है। यह समग्र व्यापार में और अधिक पारदर्शिता तथा स्पष्टता लाएगा जिससे भारत लॉजिस्टिक्‍स के लिहाज से और अधिक प्रभावी तथा प्रतिस्पर्धी बनेगा।’’

यूलिप की वास्तविक उपयोगिता इस हैकथॉंन के माध्यम से और बढ़ेगी क्योंकि इसका उद्देश्य और अधिक विचारों को क्राउडसोर्स करना है जिससे लॉजिस्टिक्‍स उद्योग को लाभ पहुंचेगा।

एनआईसीडीसी के उपाध्यक्ष ने जानकारी दी कि हैकथॉंन का उद्देश्य स्टार्टअप समुदाय, व्यक्ति विशेषों या सेक्टर के कार्यनीतिक कौशलों तथा कार्यनीतिक ज्ञान वाले किसी भी व्यक्ति को बढ़ावा देना है। हैकथॉंन सभी के लिए खुला है और इसे दो चरणों में विभाजित किया गया है-विचार चरण और प्रोटोटाइप चरण।

लॉजिस्टिक्‍स सेक्टर भारत में आर्थिक विकास की रीढ़ है और व्यापार में तेजी लाने वाले कारकों में सबसे महत्वपूर्ण है जो आत्म निर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। 

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