24 घंटे जल आपूर्ति व्यवस्था की योजना, डिजाइन, कार्यान्वयन, परिचालन और रख-रखाव पर ज्ञान के प्रसार के क्रम में आज नई दिल्ली में “टेक्निकल कॉन्फ्रेंस कम एग्जिबिशन ऑन 24×7 वाटर सप्लाई सिस्टम्स” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन (सीपीएचईईओ), आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा किया गया था।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी शहरों को जल सुरक्षित बनाने और देश के सभी शहरी इलाकों में जलापूर्ति सेवाओं की समान कवरेज उपलब्ध कराने के विजन के साथ पहलीअक्टूबर, 2021 को अमृत 2.0 को लॉन्च किया था। इसके तहत शहरों में जल संरक्षण, गैर राजस्व जल को घटाकर 20 प्रतिशत पर लाना, शहर की कुल मांग का कम से कम 20 फीसदी और औद्योगिक जल मांग का 40 फीसदी पूरी करने के लिए प्रयोज्य जल का पुनर्चक्रीकरण, पीपीपी परियोजनाएं, सामुदायिक भागीदारी आदि सुधार किए जाने हैं।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता एमओएचयूए सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने की। सत्र को संबोधित करते हुए, उन्होंने प्रयोज्य जल का पुनर्चक्रीकरण, एनआरडब्ल्यू के नियंत्रण और जल स्रोतों के पुनरुद्धार के माध्यम से जल संरक्षण के साथ जल संसाधन प्रबंधन को एकीकृत करने की जरूरत और अमृत 2.0 के तहत 500 अमृत शहरों में कम से कम एक वार्ड/ डीएमए में 24×7 जल आपूर्ति सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।
श्री मिश्रा ने कहा कि 24×7 जल आपूर्ति परियोजनाओं से जल प्रदूषण पर रोकथाम, एनआरडब्ल्यू पर नियंत्रण, समान जल आपूर्ति और पीपीपी फंडिंग और संस्थागत वित्तपोषण को आकर्षित करके वित्तीय स्थायित्व में दक्षता सुनिश्चित होगी।
प्रदर्शनी में 24×7 जल आपूर्ति परियोजनाएं लागू करने वाले शहरों ने वाटर मीटर, वाल्व, जीआईएस मैपिंग, हाइड्रॉलिक मॉडलिंग, ऑपरेशनल जोन्स (ओजेड), डिस्ट्रिक्ट मीटर एरियाज (डीएमए), एससीएडीए से जुड़ी अपनी सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं और तकनीक समाधानों, निगरानी व स्थायित्व के लिए स्मार्ट जल प्रबंधन समाधान आदि का प्रदर्शन किया। सम्मेलन में लगभग 600 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
सम्मेलन में 24×7 जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, डिजाइन और कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए। जल आपूर्ति और उपचार से जुड़े मैनुअल की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया गया, जिसमें आधुनित तकनीकों को शामिल करते हुए संशोधन किया जा रहा है। सम्मेलन में राष्ट्रीय शहरी जल आपूर्ति एवं प्रबंधन नीति, 2020-30 का मसौदा भी पेश किया गया। पुरी शहर में 24×7 जल आपूर्ति की एक केस स्टडी “ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन”, 24×7 जल आपूर्ति परियोजनाओं पर पुणे व कोयंबटूर की केस स्टडीज और अन्य मसौदा परामर्श पेश किए गए, जिनका उद्देश्य इंजीनियरिंग समुदाय के लिए बेहतर समझ विकसित करना था।
सम्मेलन में गुण-दोष की बेहतर समझ और ज्ञान के लिहाज से खामियों को दूर करने के लिए विशेषज्ञों, इंजीनियरों, तकनीक प्रदाताओं और अन्य संबंधित हितधारकों के बीच 24×7 जल आपूर्ति प्रणालियों पर विस्तार से विचार विमर्श व चर्चा हुई।
सम्मेलन में 500 अमृत शहरों, पीएचईडी/ निगमों/ बोर्ड/ जल निगमों में जल आपूर्ति का काम देख रहे तकनीक प्रमुखों, चीफ इंजीनियरों, सिटी इंजीनियर और वरिष्ठ इंजीनियरों, विशेषज्ञों, पीपीपी भागीदारों, विनिर्माण कंपनियों, सलाहकारों ने भाग लिया।
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