केजरीवाल सरकार का बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम दिल्ली के सरकारी स्कूल की छात्राओं के सशक्तिकरण की दिशा में रच रहा है नई इबारत, लड़कियां हो रही रही हैं आत्मनिर्भर

दैनिक समाचार

दिल्ली की सरकारी स्कूल की छात्राओं ने 2 हजार की सीड मनी से मात्र 2 माह में हजारों रुपए कमाए, दिल्ली के स्कूलों में बिखरी पड़ी है इस तरह की कहानियां

आत्मविश्वास से भरपूर लड़कियों का ना सिर्फ बदल रहा है जीवन बल्कि उनके माता पाता की सोच में भी आ रहा है बदलाव

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूल की छात्राओं से बुधवार को किया संवाद, उपमुख्यमंत्री से मिल छात्राएं हुईं भावुक

दिल्ली के सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए बिजनेस ब्लास्टर सुनहरा मौका , छात्राओं को बिजनेस आईडिया डिस्कस करते देख गर्व से सर हो जाता है ऊंचा- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

23 दिसम्बर, नई दिल्ली

केजरीवाल सरकार का बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम दिल्ली के सरकारी स्कूल की छात्राओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक नई इबारत रच रहा है। सरकार से मिली सीड मनी से लड़कियां अपना बिजनेस कर रही हैं और आत्मनिर्भर भी हो रही है। आत्मविश्वास से भरपूर लड़कियों का ना सिर्फ खुद का जीवन बदल रहा है बल्कि उनके माता पाता की सोच में भी बदलाव आ रहा है। सरकारी स्कूल की 11 वीं कक्षा की ऐसी ही कुछ छात्राओं से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को संवाद किया। उपमुख्यमंत्री से मिल कर कई छात्राएं भावुक हो गईं। छात्राओं ने मनीष सिसोदिया से अपने उद्यमशीलता के अनुभव साझा किए । इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने छात्राओं को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को दिल्ली के पुष्प विहार स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल का दौरा किया और वहां 11वीं में पढ़ने वाली छात्राओं से बातचीत की और उनसे बिजनेस प्लास्टर के अनुभव सुने। लड़कियों ने अपने अनुभव उपमुख्यमंत्री से साझा किए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए बिजनेस ब्लास्टर सुनहरा मौका है। जब मैं छात्राओं को बिजनेस आईडिया डिस्कस करते देखता हूं तो मेरा सर गर्व से ऊंचा हो जाता है.

रिया ने मास्क बेच कर 2 हजार की सीड मनी से 2 माह में कमाए 10 हजार रुपए

11 वीं में पढ़ने वाली रिया जब अपने अनुभव साझा करती हैं तो उनकी आंखों में एक अलग तरह की चमक आ जाती है। आत्मविश्वास से भरपूर रिया अपनी कहानी सुनाती हैं। कोविड के दौरान और इसके बाद भी मास्क की भारी मांग को देखते हुए रिया ने मास्क का बिजनेस शुरु करने का निर्णय लिया। और अकेले ही काम करना शुरु किया। 2000 की सीड मनी से मास्क के लिए कपड़े खरीदे, पास के एक दर्जी से बात की और कुछ ऑनलाइन तो कुछ पड़ोस की दुकान पर अपने मास्क बेचना शुरु कर दिया। देखते देखते रिया का बिजनेस चल निकला। मात्र 2 माह में रिया ने ₹10000 कमा लिए हैं। ना सिर्फ रिया ने खुद के लिए बल्कि पड़ोस के दर्जी के लिए भी रोजगार खड़ा किया है। रिया इस सफलता से बहुत खुश हैं। वो इस प्रॉफिट को पूंजी बनाकर थोड़ा और बड़े स्तर पर इस काम को करना चाह रही हैं।

खुशी और लीजा ने शुरू किया बेकरी का बिजनेस, 2 माह में कमाए ₹5000, पड़ोस की 10 महिलाओं को भी दिया रोजगार

11वीं में पढ़ने वाली खुशी को जब पता चला कि उसे स्कूल से 2000 की सीड मनी मिलने वाली है तो उसने अपनी दोस्त लीजा के साथ बेकरी का बिजनेस शुरु करने का प्लान बनाया। लेकिन अकेले केक बनाना संभव नहीं था तो खुशी और लीजा ने अपने आस-पड़ोस की महिलाओं को इसमें शामिल किया। केक बनने लगे और त्योहारों के सीजन में पड़ोस में धड़ाधड़ बिकने भी लगे। प्रॉफिट आना शुरू हो गया और इसके साथ ही इनका हौसला भी बढ़ता चला गया। इन दोनों ने मिलकर पड़ोस की करीब 10 महिलाओं को अपनी इस काम में शामिल कर लिया और आज लीजा और खुशी दोनों मिलकरअपना बेकरी का बिजनेस कर रही हैं और साथ में 10 महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं । पिछले 2 महीनों में इन दोनों ने ₹4000 की सीट बनी से ₹5000 का प्रॉफिट कमाया है।

आकृति ने फ्लिपकार्ट और अमेजन पर किया बिजनेस को रजिस्टर, 2 माह में 2 हजार से कमाए 12 हजार

आकृति जब अपनी कहानी सुना रही होती है तो उनका आत्मविश्वास देखने लायक होता है। आकृति ने बताया कि कैसे बिजनेस मास्टर प्रोग्राम में न सिर्फ उसे आत्मनिर्भर बनाया बल्कि उसके माता-पिता की सोच में भी जबरदस्त बदलाव आया ।आकृति के पिताजी इंजीनियर हैं । कोबिड के दौरान उनकी नौकरी चली गई और घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी । जब स्कूल में आकृति को ₹2000 मिले तो आकृति के दिमाग में एक बिजनेस आइडिया आया। आकृति ने पुराने जार, सॉस की बोतल कलेक्ट करना शुरू किया और उन पुरानी बोतलों पर आकृति ने पेंटिंग करना शुरू किया। इसके बाद अपने बिजनेस को फ्लिपकार्ट और अमेजन वेबसाइट पर रजिस्टर करवाया और पेंटिंग किए हुए बोतलों को को बेचना शुरू किया ।दीवाली और क्रिसमस के सीजन में आकृति का यह बिजनेस चल निकला। सिर्फ 2 महीने में ₹2000 से ₹12000 कमाए ।आकृति ने बताया कैसे सिर्फ एक ₹10 की खरीदी बोतल पर पेंटिंग कर उसे फ्लिपकार्ट पर ₹900 में बेचा । पहले उसके पिताजी डॉक्टर और इंजीनियर बनने के लिए बोलते रहते थे या किसी सरकारी नौकरी ज्वाइन करने के लिए बोलते थे लेकिन अब उसके इस वेंचर को देखकर उनकी मानसिकता में बदलाव आया है और वह पढ़ाई के साथ साथ इस बिजनेस के आईडिया से काफी खुश हैं।

वंशिका ने चार दोस्तों के साथ मिलकर शुरू किया बिजनेस 2 माह में हजारों कमाए, अपने सामने उपमुख्यमंत्री को देख हुई भावुक

वंशिका जब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री से मिलीं तो अपने आंसू नहीं रोक पाई. उन्होने बताया कि उनका जीवन पूरी तरह बदल गया है। पहले वो बहुत खुलकर बात तक नहीं कर पाती थी और आज बिजनेस कर रही हैं। उपमुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई दी. और भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी। वंशिका ने बताया कि उन्होंंने 4 छात्राओं का एक ग्रुप बनाया और इस तरह से उनके पास कुल सीड मनी 8000 की हो गई । उन्होंने पुराने कपड़ों को रिफर्बिश्ड करना शुरू किया और व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर अपने बिजनेस आइडिया को फैलाया। स्कूल के कई सारे स्टूडेंट्स को अपने पुराने कपड़ों को रिफर्बिश्ड करने का आईडिया दिया । इस तरह से वंशिका और उसके ग्रुप ने पुराने कपड़ों को अलग कलेवर देकर एक अलग तरह का स्टार्ट अप शुरू किया है। वंशिका का कहना है कि इस काम को शुरु करने से पहले उसने कभी इस तरह की कोई पहल नहीं की थी लेकिन अब जब उसको पैसे मिले और स्कूल का सहयोग मिला तो ग्रुप बना कर काम करने में खूब मजा आ रहा है। उसने कहा कि वह अपने देश में ही रह कर काम करना चाहती है और अपने देश का नाम रोशन करना चाहती है।

नैना ने कहा मनीष सर हैं प्रेरणा स्रोत, मिलकर हुई भावुक

नैना सूर्यवंशी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अपना प्रेरणा स्रोत बताती हैं। अपने प्रेरणा स्रोत को सामने देख वो भावुक हुई। नैना ने कहा कि जब मैं स्कूल से वापस घर जाती हूं तो मेरे पेरेंट्स पूछते हैं आज तुमने क्या किया तो आज मैं बताऊंगी कि आज मैं अपने प्रेरणा स्रोत दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलकर आई हूं।

जैनब ने शुरु किया कोचिंग , गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रही है जनाब

जनाब ने कहा कि जब मैंने बिजनेस ब्लास्टर के बारे में सुना तो सोशल आंतप्रेन्योर बनने का निर्णय लिया। मैंने अपनी कॉलोनी में बच्चों को पढ़ाना शुरु किया। गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाना शुरु किया।आज मेरी उम्र की दूसरी बच्चियां भी कॉलोनी में बच्चों को पढ़ा रही हैं। मेरा प्लान है कि मैं सबके साथ मिलकर कोचिंग सेंटर खोलूं और इस सेंटर में मैं गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाना चाहती हूं.

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