सुशासनसप्ताहमनानेकानिर्णयभारतकेप्रधानमंत्रीश्रीनरेन्द्रमोदीजीनेअमृतमहोत्सवकेवर्षमेंकिया, इससेसुशासनकाकॉन्सेप्टदिल्लीसेनिकलकरज़िलोंसेगुज़रतेहुएगांवोंतकपहुंचानेकाकामहुआऔरपूरीव्यवस्थाकासुशासनशब्दसेपरिचयहोगयाहै
जबवर्ष 2014 मेंनरेन्द्रमोदीजीदेशकेप्रधानमंत्रीबने, तबपहलीबारलोगोंकोइसबातकाअनुभवहुआकियेसरकारसरकारचलानेकेलिएनहींबल्किदेशकोबदलनेकेलिएआईहै
लोकतंत्रकेसुफललोगोंतकतभीपहुंचतेहैंजबहमस्वराजकोसुशासनमेंपरिवर्तितकरेंऔरनरेन्द्रमोदीजीनेलोगोंकीइसअपेक्षाकोबहुतअच्छेतरीक़ेसेज़मीनपरउतारनेकाकामकिया, सबकोसाथलेकरचलेऔरइससामूहिकप्रयासकानतीजाहैकिलोगोंमेंविश्वासऔरआत्मविश्वासबढ़ाहै
लोगोंकीसुशासनसेअपेक्षाहैकिविकासकामॉडलसर्वस्पर्शीयऔरसर्वसमावेशकहो, देशकाकोईक्षेत्रऐसानाहोजिसमेंविकासकास्पर्शनाहोताहोऔरसमाजकाकोईव्यक्तिऐसानाहोजिसकाविकासकेमॉडलमेंसमावेशनाहो
सुशासनकेमॉडलसेलोगोंकीअपेक्षाएंहैं– भ्रष्टाचारमुक्त, पारदर्शीशासन, मूलभूतसमस्याओंकासमाधानकरनेकेलिएनिष्ठावानप्रयास, जवाबदेहीकेसाथसंवेदनशीलता, नवाचार, स्थायित्वऔरयेसारेप्रयासऐसेहोनेचाहिएंकिलोगोंकासरकारपरविश्वासहोऔरसरकारकालोगोंपरविश्वासहो, इसप्रकारकेलोकतंत्रकानिर्माणहोनाचाहिए
लोगोंकीयेसातअपेक्षाएंहमसबसेहैंऔरहमसबकायेदायित्वहैकिइनअपेक्षाओंकोहमपूर्णकरें
पहलेविकासकीएकअलगप्रकारकीव्याख्याथी, ढेरसारेद्वंदचलतेथे।लेकिननरेन्द्रमोदीसरकारनेबहुतअच्छाप्रयासकरइनसारेद्वंदोंकोसमाप्तकरदिया
एकहीसरकारकेसातसालकेकालखंडमेंसभीअंतर्विरोधकोसमाप्तकरकेहमनेहरक्षेत्रमेंविकासकियाहै
कृषि, उद्योग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रक्षा, आंतरिकसुरक्षा, सिंचाई, ग्रामीणविकास, शहरीविकास, जनजातीयविकासजैसेसारेक्षेत्रोंकोस्पर्शकरनेवालीसुस्पष्टनीतियोंकानिर्धारणकरनेकाकामनरेन्द्रमोदीसरकारनेकियाहैऔरइसीकेकारणसर्वस्पर्शीयविकासहुआहै
2014 मेंनरेन्द्रमोदीजीकीसरकारआनेसेपहलेइसदेशके 80 करोड़लोगोंकेमनमेंबहुतबड़ासवालथाकिसरकारेंतोआती–जातीरहतीहैंलेकिनमैंतोवहींकावहींहूं
2014 सेपहलेदेशमें 60 करोड़लोगऐसेथेजिनकेपरिवारमेंएकभीबैंकखातानहींथा, उनकेपास, घर, बिजली, शौचालयनहींथे। 10 करोड़सेज़्यादापरिवारऐसेथेजिनकेपासशौचालयनहींथा, 3 करोड़सेज़्यादाघरोंमेंबिजलीनहींथी, 14 करोड़सेज़्यादालोगोंकेपासगैसनहींथीऔरस्वास्थ्यकेनामपरतोबहुतबड़ाशून्यथा
सुशासनसप्ताहकेसमापनकेदिनआज 25 दिसंबरकेदिनहीदेशकीदोमहानविभूतियों, पंडितमदनमोहनमालवीयजीऔरश्रीअटलबिहारीवाजपेयीजी, काजन्मदिनहै
पंडितमदनमोहनमालवीयजी, जिन्होंनेआज़ादीसेपहलेदेशकीगौरवपूर्णविरासतकोदुनियाकेसामनेरखनेकाकामकिया, भारतकीसंस्कृति, परंपराएं, पौराणिकज्ञान, विज्ञान, वैदिकगणितजैसेसारेविषयोंकोदुनियाकेसामनेगौरवकेसाथरखा
अटलजीनेइसबातकाएकमज़बूतऔरअच्छाउदाहरणभारतकीजनताकेसामनेरखाकिआनेवालेदिनोंमेंसरकारेंकैसेचलनीचाहिएं
देश की आबादी का आधे से ज्यादा हिस्सा जो अपने आप को देश के विकास से काट कर बैठ गया था आज उन सबके मन में एक नई उमंग है,नई आशा है
नरेंद्र मोदी सरकार ने योजनाओं का स्केल बदलने का काम किया है,पहले योजनाएं आंकड़ों में हुआ करती थी, अब योजनाएं समस्या समाप्ति की घोषणा के साथ होती हैं
आज 7 साल बाद भी हम लोग विश्वास के साथ जनता के सामने कहते हैं कि यह एक ऐसी सरकार है जिस पर 7 साल के अंदर कोई भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा सका, यह पारदर्शिता का बहुत बड़ा उदाहरण है
मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए ऐसीनीतियां और कार्यक्रम बने जिससे पूरी की पूरी समस्या जड़ समेत उखड़ जाए, टेक्नोलॉजी का उपयोग कर इसे सुगम बनाया गया है
वन रैंक वन पेंशन पर 40 साल से कोई निर्णय नहीं करता था,मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का भी संवेदनशीलता के साथ निर्णय किया और इस समस्या का स्थाई समाधान किया
किसान का ऋण माफ करने की समस्या बहुत बड़ी थी,हर चुनाव में इसकी मांग उठती थी और लोकतंत्र में घोषणा भी की जाती थी और फिर इसका बैंक पर बोझ आता था
नरेंद्र मोदी सरकार ने ऋण माफ करने की जगह निर्णय किया कि किसान को 6000 रुपये प्रति साल ही दे दिया जाएगा जिससे उसको ऋण लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी
नरेंद्र मोदी सरकार सुशासन से संबंधित ढेर सारे नवाचारअमल में लाई है और सरकार ने अनेक नीतियों का नवाचार में समावेश व उन्हे स्थायित्व देने का काम किया है
पहले की सरकारों ने अपने वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए लेकिनप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने लोगों को अच्छे लगें ऐसे फैसले नहीं लिए बल्कि लोगों के लिए अच्छे हो ऐसे फैसले लिए हैं
ऐसे फैसले कोई ऐसा व्यक्ति ही कर सकता है जिसके मन में सुशासन के प्रति दृढ़ श्रद्धा हो,दृढ़ विश्वास हो और जिसके मन में सुशासन के परिणामों के बारे में सुनिश्चितता हो
मोदी जी ने यह करके दिखाया है, इसके कारण कई बार विरोध भी झेलना पड़ता है,कटुता भी झेलनी पड़ती है परंतु मोदी जी इस मार्ग पर चलते रहे और इसके कारण विश्वास भी अर्जित हुआ है
लोगों का सरकार पर विश्वास बढ़ा है,सरकार का भी लोगों पर विश्वास बढ़ा है
क्लास 3 और क्लास 4 के पदो में इंटरव्यू समाप्त कर श्री नरेंद्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार पर बहुत बड़ी लगाम कसने का काम किया।
मोदी जी ने मिनिमम गवर्नमेंट की दिशा में बहुत सारा काम किया है, राज्य और भारत सरकार में ई गवर्नेंस सिटीजन चार्टर को बढ़ावा देना,राष्ट्रीय ई सर्विस डिलीवरी मूल्यांकन सिस्टम और गुड गवर्नेंस इंडेक्स जैसी अनेक पहल की हैं
मोदी जी ने सबसे बड़ा काम मिशन कर्मयोगी शुरु करके किया है,जब तक सभी अधिकारी मिशन कर्मयोगी कंसेप्ट को समझ कर उसको जमीन पर नहीं उतारेंगे तब सुशासन संभव नहीं है
मिशन कर्मयोगी प्रशासन को रूल बेस्ड लर्निंग की जगह,रोल बेस्ड लर्निंग में कन्वर्ट करना है
प्रशासन नियमों से चले यह तो जरूरी है परंतु इसमें मेरीऔर मेरे विभाग की भूमिका क्या है,मेरे विभाग का योगदान क्या है, इसको भी कहीं ना कहीं कंसीडर करना पड़ेगा, अगर हम इतना फर्क समझ लेते हैं तो उचित बदलाव कर बहुत सारी समस्याओं को वहीं पर निपटा सकते हैं
नियमो और कानून को कागजों की तरह मत पढ़िए,उनकी स्प्रिट को समझना पड़ेगा
नियमो और कानून के उद्देश्य और भावना को समझते हुए देश की जनता के लिए सबसे अच्छा क्या है इसका फैसला लेते हुए अगर नियम और कानून के अंदर ही हम थोड़ा अलग तरीके से पढ़ते हैं तो हम काफी कुछ कर सकते हैं
मुझे क्या और मेरा क्या,सिविल सर्वेंट को इन दोनों को ही छोड़ देना चाहिए,मैं मानता हूं कि सुशासन इन्ही दो शब्दों के अंदर आ जाता है
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सुशासन सप्ताह केसमापन समारोहको संबोधित किया। इस समारोह में केन्द्रीय मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह और केन्द्रीय गृह सचिव, केन्द्र सरकार के विभिन्न विभिन्न विभागों के सचिव और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुशासन सप्ताह के समापन के दिन आज 25 दिसंबर का एक अलग महत्व भी है। आज के दिन ही देश की दो महान विभूतियों की स्मृतियां इसी दिन के साथ जुड़ी हैं जिन्होंने देश के विकास, आज़ादी और देश को एक नई दिशा दिखाने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। पंडित मदन मोहन मालवीय जी, जिन्होंने आज़ादी से पहले देश की गौरवपूर्ण विरासत को दुनिया के सामने रखने का काम किया। भारत की संस्कृति, परंपराएं, पौराणिक ज्ञान, विज्ञान, वैदिक गणित जैसे सारे विषयों को दुनिया के सामने गौरव के साथ रखा। उन्होंने ये बताया कि सारे विषयों का संरक्षण और संवर्धन सिर्फ़ भारत के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी बहुत ज़रूरी है क्योंकि दुनिया की बहुत सारी समस्याओं का समाधान इनमें है। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। आज भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी का जन्मदिन है। आज आधुनिक भारत में सुशासन शब्द को सच्चे अर्थों में ज़मीन पर उतारने वाले अटल जी का भी जन्मदिन है। अटल जी जब देश के प्रधानमंत्री बने तब कई ऐसे फ़ैसले किए जो देश के गौरव के साथ जुड़े थे और सालों से लंबित थे। अटल जी ने इस बात का एक मज़बूत और अच्छा उदाहरण भारत की जनता के सामने रखा कि आने वाले दिनों में सरकारें कैसे चलनी चाहिएं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुशासन सप्ताह मनाने का निर्णय भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अमृत महोत्सव के वर्ष में किया, इससे सुशासन का कॉन्सेप्ट दिल्ली से निकलकर ज़िलों से गुज़रते हुए गांवों तक पहुंचाने का काम हुआ है और इससे पूरी व्यवस्था का सुशासन शब्द से परिचय हो गया है और ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
श्री अमित शाह ने कहा कि जब वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने, तब पहली बार लोगों को इस बात का अनुभव हुआ कि ये सरकार सरकार चलाने के लिए नहीं बल्कि देश को बदलने के लिए आई है। सब लोगों के मन में प्रश्न था कि स्वराज तो मिल गया, सुराज कब मिलेगा। 70 सालों में धीरे-धीरे हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर से लोगों का भरोसा उठता जा रहा था। लोकतंत्र के सुफल लोगों तक तभी पहुंचते हैं जब हम स्वराज को सुशासन में परिवर्तित करें और नरेन्द्र मोदी जी ने लोगों की इस अपेक्षा को बहुत अच्छे तरीक़े से ज़मीन पर उतारने का काम किया, सबको साथ लेकर चले और इस सामूहिक प्रयास का नतीजा है कि लोगों में विश्वास और आत्मविश्वास बढ़ा है। 25 सालों के बाद जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जा रही होगी, तब देश कैसा होगा, इसका चित्रण हर नागरिक अपने मन में करता है। इस देश ने 22 सरकारें देखी और उसके बाद ये परिवर्तन हमें देखने को मिला है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि लोगों की सुशासन से अपेक्षा है कि विकास का मॉडल सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशक हो। देश का कोई क्षेत्र ऐसा ना हो जिसमें विकास का स्पर्श ना होता हो और समाज का कोई व्यक्ति ऐसा ना हो जिसका विकास के मॉडल में समावेश ना हो। सुशासन के मॉडल से लोगों की अपेक्षाएं हैं- भ्रष्टाचारमुक्त, पारदर्शी शासन, मूलभूत समस्याओं का समाधान करने के लिए निष्ठावान प्रयास, जवाबदेही के साथ संवेदनशीलता, नवाचार, स्थायित्व और ये सारे प्रयास ऐसे होने चाहिएं कि लोगों का सरकार पर विश्वास हो और सरकार का लोगों पर विश्वास हो, इस प्रकार के लोकतंत्र का निर्माण होना चाहिए। लोगों की ये सात अपेक्षाएं हम सब से हैं और हम सबका ये दायित्व है कि इन अपेक्षाओं को हम पूर्ण करें।
श्री अमित शाह ने कहा कि पहले विकास की एक अलग प्रकार की व्याख्या थी, ढेर सारे द्वंद चलते थे। लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने बहुत अच्छा प्रयास कर इन सारे द्वंदों को समाप्त कर दिया। एक ही सरकार के सात साल के कालखंड में सभी अंतर्विरोध को समाप्त करके हमने हर क्षेत्र में विकास किया है। इसके साथ ही कई क्षेत्रों को स्पर्श करने का काम भी हमने किया है। कृषि, उद्योग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रक्षा, आंतरिक सुरक्षा, सिंचाई, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, जनजातीय विकास जैसे सारे क्षेत्रों को स्पर्श करने वाली सुस्पष्ट नीतियों का निर्धारण करने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है और इसी के कारण ये सारे द्वंद समाप्त होकर सर्वस्पर्शीय विकास हुआ है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले इस देश के 80 करोड़ गरीबों के मन में बहुत बडा सवाल था कि प्रधानमंत्री और सरकारें आती है जाती है लेकिन मैं तो वहीं का वहीं हूँ। उनके जीवन स्तर में कोई सुधार नहीं होता था। 2014 से पहले देश में 60 करोड़ लोग ऐसे थे जिनके परिवार में एक भी बैंक खाता नहीं था, देश के अर्थतंत्र में न तो उनका कोई योगदान था और न ही हिस्सेदारी। ग़रीब व्यक्ति यह महसूस करता था कि बड़े बड़े बजट आते हैं, जन कल्याण की बातें होती है लेकिन इसमें मैं कहा हूँ। उनके पास घर, बिजली और शौचालय नहीं था। 10 करोड़ से ज़्यादा परिवारों के पास शौचालय नहीं थे, 3 करोड़ से ज़्यादा घरों में बिजली नहीं थी और 14 करोड़ से अधिक लोगों के पास गैस नहीं थी और स्वास्थ्य के क्षेत्र में तो एक बहुत बड़ा शून्य था। गंभीर बीमारी आने पर गरीब व्यक्ति अपने आप को असहाय महसूस करता था और ईश्वर के अलावा किसी और को याद नहीं करता था। श्री अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के कोई मायने नहीं थे जब एक असहाय गरीब अपने प्रिय जन को तिल तिल कर मरता देखता था।
श्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 2 करोड़ से अधिक लोगों को घर देकर पहली बार देश के सामने एक लक्ष्य रखा। देश के हर घर में बिजली और शौचालय पहुँचाने का काम भी समाप्त हो गया है,मोदी जी ने 14 करोड़ घरों में गैस पहुँचाकर माताओं और बहनों के स्वास्थ्य को सुधारने का काम किया है। हर घर में पीने का पानी पहुँचाने का लक्ष्य भी दिसंबर 2022 से पहले पूरा करना सुनिश्चित किया है।उन्होंने कहा कि आज किसी भी ग़रीब व्यक्ति को पाँच लाख रुपये तक किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए दवाइयों और अस्पताल पर कोई ख़र्चा नहीं करना। कोरोना काल के अंदर भी 80 करोड़ लोगों को 2 साल तक प्रति व्यक्ति 25 किलो अनाज मुफ्त पहुंचा कर नरेंद्र मोदी सरकार ने उसे भूख से बचाने का काम किया है। देश की आबादी का आधे से ज्यादा हिस्सा जो अपने आप को देश के विकास से काट कर बैठ गया था आज उन सबके मन में एक नई उमंग है, नई आशा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने योजनाओं का स्केल बदलने का काम किया है। पहले योजनाएं आंकड़ों में हुआ करती थी, अब योजनाएं समस्याओ की समाप्ति की घोषणा के साथ होती हैं। उन्होने कहा कि भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए ढेर सारे काम किए गये हैं। सबसे पहला काम डीबीटी, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की गई है, पहले देश के 60 करोड लोगों को अपनी सरकार की बनाई हुई योजनाओं का पैसा लेने के लिए बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता था लेकिन आज दिल्ली से उसके बैंक अकाउंट में सीधा पैसा पहुंचता है, 100 रुपये भेजे जाते हैं तो पूरे 100 रुपये सीधे उसके बैंक अकाउंट के अंदर पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने करप्शन पर यह बहुत व्यवस्थित तरीके से एक बहुत बड़ा कुठाराघात किया है। इसके अलावा ब्लैक मनी के लिए कई सारे कानून बनाए गए, बेनामी संपत्ति कानून और आर्थिक अपराधियों के लिए कानून बनाये गए, शेल कंपनियों के खिलाफ एक बहुत बड़ा अभियान उठाया गया और इंस्पेक्टर राज पर लगाम कसने का काम भी सुशासन के मंत्रों के माध्यम से श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है। इसके कारण ही आज 7 साल बाद भी हम लोग विश्वास के साथ जनता के सामने कहते हैं कि यह एक ऐसी सरकार है जिस पर कोई 7 साल के अंदर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा सका, यह पारदर्शिता का बहुत बड़ा उदाहरण है।
श्री अमित शाह ने कहा कि मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए ऐसी नीतियां और कार्यक्रम बने जिससे पूरी की पूरी समस्या जड़ समेत उखड़ जाए। टेक्नोलॉजी का उपयोग कर इसे सुगम बनाया गया है। उन्होने कहा कि दुनियाभर में वैक्सीनेशन का प्रोग्राम चल रहा है मगर एक भी देश ऐसा नहीं है जिसमें वैक्सीन लेने के साथ 30 सेकंड में ही व्यक्ति के हाथ में इलेक्ट्रॉनिक सर्टिफिकेट आ जाए और 30 सेकेंड के अंदर ही वह देश के वैक्सिंन लेने वाले नागरिकों में रजिस्टर्ड हो जाए। भारत ने कोविन ऐप के माध्यम यह जो काम से किया है वह विश्व का कोई और देश नहीं कर पाया है।130 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन टेक्नोलॉजी की सहायता से किया है और पूरा विश्व देख रहा है कि कैसे नरेंद्र मोदी सरकार ने समस्याओं को एक अलग दृष्टि से हल करने का तरीका अपनाया है।
केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि कोविड आने पर बहुत सारे लोगों, खासकर रोज कमाकर रोज खाने वाले लोगों के जीवन में बड़ी दिक्कत आई। दुनिया की कोई भी सरकार और यहाँ तक की छोटी-छोटी आबादी वाले देश भी इस समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पाए। लेकिन 130 करोड़ की आबादी वाले हमारे देश में सरकार ने तुरंत ही निर्णय लिया कि 80 करोड लोगों को जब तक कोविड समाप्त नहीं होता तब तक हर महीने 25 किलो अनाज सरकार की ओर दिया जायेगा और उसकी समस्या का समाधान कर दिया। इसे कहते हैं रिस्पांसिव और संवेदनशील सरकार। इसके साथ ही 130 करोड लोगो का टीकाकरण बहुत अच्छे तरीके से प्लानिंग के साथ फ्री ऑफ कॉस्ट कॉस्ट देकर आज हम कह सकते हैं कि हमने अपने नागरिकों के लिये कोविड खतरे से एक सुरक्षा चक्र सुनिश्चित कर लिया है। संवेदनशील सरकार इसी प्रकार से काम करती है।
श्री अमित शाह ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन पर 40 साल से कोई निर्णय नहीं करता था, माइनस 40 डिग्री तापमान से लेकर 45 डिग्री तापमान में देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वालो का यह मुद्दा किसी न किसी कारण से अटकता ही जा रहा था। मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का भी संवेदनशीलता के साथ निर्णय किया और इस समस्या का स्थाई समाधान किया। उन्होने कहा कि किसान का ऋण माफ करने की समस्या बहुत बड़ी थी, हर चुनाव में इसकी मांग उठती थी और लोकतंत्र में घोषणा भी की जाती थी और फिर इसका बैंक पर बोझ आता था। श्री शाह ने कहा कि गरीब किसान को एक साल में छह से आठ हज़ार रुपये ऋण लेने की जरूरत पड़ती है। नरेंद्र मोदी सरकार ने ऋण माफ करने की जगह निर्णय किया कि किसान को 6000 रुपये प्रति साल ही दे दिया जाएगा जिससे उसको ऋण लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। ढाई एकड़ तक की खेती करने वाले सारे किसानों को अब ऋण लेने की जरूरत ना पड़े इस प्रकार की व्यवस्था करने का काम नरेंद्र मोदी सरकार ने किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सुशासन से संबंधित ढेर सारे नवाचार अमल में लाई है और सरकार ने अनेक नीतियों का नवाचार में समावेश और उन्हे स्थायित्व देने का काम किया है। जिस क्षेत्र में जरूरत थी वहाँ सुधार किये गये, आजादी के बाद पहली बार ड्रोन पॉलिसी नरेंद्र मोदी सरकार ने बनाई। स्पेस में प्राइवेट कंपनियों की हिस्सेदारी के लिए कोई पॉलिसी ही नहीं थी, अगर स्पेस में हमें दुनिया में अपना स्थान लेना है तो प्राइवेट कंपनियों को हिस्सेदारी देनी पड़ेगी, इसके लिए भी देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक पॉलिसी का निर्माण किया।
श्री अमित शाह ने कहा कि पहले की सरकारों ने अपने वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने लोगों को अच्छे लगें ऐसे फैसले नहीं लिए बल्कि लोगों के लिए अच्छे हो ऐसे फैसले लिए हैं। उन्होने कहा कि यह बहुत बड़ा अंतर है, लोगों को अच्छे लगे ऐसे फैसले लेना, कुछ समय के लिए लोकप्रियता हासिल कर लेना और फिर देश को समस्याओं से घिरे रखना। श्री शाह ने कहा कि ऐसे फैसले कोई ऐसा व्यक्ति ही कर सकता है जिसके मन में सुशासन के प्रति दृढ़ श्रद्धा हो, दृढ़ विश्वास हो और सुशासन के परिणामों के बारे में सुनिश्चितता हो। मोदी जी ने यह करके दिखाया है, इसके कारण उन्हे कई बार विरोध भी झेलना पड़ता है, कटुता भी झेलनी पड़ती है परंतु मोदी जी इस मार्ग पर चलते रहे और इसके कारण विश्वास भी अर्जित हुआ है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि लोगों का सरकार पर विश्वास बढ़ा है और सरकार का भी लोगों पर विश्वास बढ़ा है। पहले युवाओं को अपने प्रमाणपत्र सत्यापित करवाने पड़ते थे। युवा अपने सर्टिफिकेट को खुद सर्टिफाई कर दें,हम इस पर भरोसा क्यों न करें, गलत करेगा तो प्रशासन देखेगा परंतु इसके कारण देश के करोड़ों युवाओं को ठप्पा लगाने की किल्लत से मोदी जी ने मुक्ति दे दी,उस पर विश्वास रखने का काम किया। श्री अमित शाह ने कहा कि क्लास 3 और क्लास 4 के पदो में इंटरव्यू समाप्त कर श्री नरेंद्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार पर बहुत बड़ी लगाम कसने का काम किया। ढेर सारे सुझाव आते थे कि समान परीक्षाएं नहीं होती है,कुछ लोग चोरी कर कर मार्क पा जाते थे मगर आज क्लास 3 और क्लास 4 के अंदर बहुत बड़ी सुविधा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय मोदी जी ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया जिसमें पुलिस के एक भी नोटिफिकेशन के बगैर 130 करोड़ के देश में 12 घंटे तक कोई व्यक्ति अपने घर से बाहर नहीं निकला क्योंकि इस देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमें अनुशासन रखना है। जनता का किसी प्रधानमंत्री पर विश्वास का इससे बड़ा कोई बड़ा उदाहरण और कोई नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने भी जनता पर विश्वास किया है और जनता ने भी मोदी जी पर विश्वास किया है और इसीलिए जनता बीस साल से बार-बार चुनकर अपना भाग्य उनके हाथ में सौंप रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नीतियों का निर्धारण और प्रशासन के अंदर टेक्नोलॉजी का उपयोग करके ही सुशासन आ सकता है। मोदी जी ने मिनिमम गवर्नमेंट की दिशा में बहुत सारा काम किया है। राज्य और भारत सरकार में ई गवर्नेंस सिटीजन चार्टर को बढ़ावा देना, राष्ट्रीय ई सर्विस डिलीवरी मूल्यांकन सिस्टम और गुड गवर्नेंस इंडेक्स जैसी अनेक पहल की हैं। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी ने सबसे बड़ा काम मिशन कर्मयोगी शुरु करके किया है । उन्होने कहा कि जब तक सभी अधिकारी मिशन कर्मयोगी कंसेप्ट को समझ कर उसको जमीन पर नहीं उतारेंगे तब सुशासन संभव नहीं है। मिशन कर्मयोगी प्रशासन को रूल बेस्ड लर्निंग की जगह, रोल बेस्ड लर्निंग में कन्वर्ट करना है। श्री अमित शाह ने कहा कि प्रशासन नियमों से चले यह तो जरूरी है परंतु इसमें मेरी और मेरे विभाग की भूमिका क्या है,मेरे विभाग का योगदान क्या है, इसको भी कहीं ना कहीं कंसीडर करना पड़ेगा । उन्होने कहा कि अगर हम इतना फर्क समझ लेते हैं तो उचित बदलाव कर बहुत सारी समस्याओं को वहीं पर निपटा सकते हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन और राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी भी बनाई गयी है और शिकायत निवारण व्यवस्था के लिए सीपीग्राम्स को बनाया गया है। सीपीग्राम्स के माध्यम से केंद्र सरकार के 87 मंत्रालय और 38 राज्यों और संघ राज्य जोड़े गए हैं। उन्होने कहा कि पहले लगभग 2 लाख लोगों की शिकायत आती थी अब वो 12 लाख तक पहुंच गई हैं। शिकायतों का निपटारा हो रहा है,मंत्रालय की शिकायत का निवारण जो पहले 62 तक रहता था वह अब 90 से 95% तक हो गया है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि और एक संवेदनशील सरकार कैसी होती है उसका एक उदाहरण है।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी जी ने सुशासन के लिए ढेर सारे इनीशिएटिव लिए है। चुनी हुई सरकार नीतियों का निर्धारण करती है, नियम और कानून बनाती है लेकिन इन्हे लागू करना आप लोगों के हाथ में है, आपको इसी भावना को समझ कर नीचे तक पहुंचाने का काम करना है। हमारे संविधान ने आप लोगो पर एक विशेष प्रकार का विश्वास आप पर रखा है। उन्होने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधि 5 साल के लिए आते हैं और 5 साल बाद देश की जनता तय करती है कि हमें फिर से देश की बागडोर देनी है या नहीं देनी है मगर आप जब 25 या 30 साल में सरकारी नौकरी में आते हो तब से रिटायर्ड होने तक सेवा में रहते हो, संविधान ने आप पर भरोसा रखा है। इसलिए हम से अनेक गुना जिम्मेदारी आप पर है। श्री अमित शाह ने कहा कि नियमो और कानून को कागजों की तरह मत पढ़िए, उनकी स्प्रिट को समझना पड़ेगा। उन्होने कहा कि नियमो और कानून के उद्देश्य और भावना को समझते हुए देश की जनता के लिए सबसे अच्छा क्या है इसका फैसला लेते हुए अगर नियम और कानून के अंदर ही थोड़ा अलग तरीके से पढ़ते हैं तो हम काफी कुछ कर सकते हैं। यह निर्णय आपकी जगह और आपके पद पर ही बैठ कर लेना पड़ेगा। मुझे क्या और मेरा क्या, सिविल सर्वेंट को इन दोनों को ही छोड़ देना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हर चीज सुधारने और अच्छा करने की जिम्मेदारी आपकी है और मैं मानता हूं कि सुशासन इन्ही दो शब्दों के अंदर आ जाता है।
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