भारतीय खेल प्राधिकरण ने कोविड संक्रमण में भारी वृद्धि की स्थिति से निपटने के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। कोविड संक्रमण के ज्यादातर मामले ओमिक्रोन स्वरूप से संक्रमित हैं। इन उपायों को विभिन्न राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (एनसीओई) के साथ-साथ देश भर में जारी राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविरों में सख्ती से लागू किया जाएगा।
प्रशिक्षण केंद्रों पर पहुंचने पर, सभी एथलीटों को अनिवार्य रूप से रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) से गुजरना होगा। यदि परीक्षण नकारात्मक आता है, तो वे प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के छठे दिन तक अलग से प्रशिक्षण और भोजन करेंगे। आरएटी की जांच 5वें दिन फिर से की जाएगी। पॉज़िटिव जांच परिणाम प्राप्त करने वालों की आरटीपीसीआर जांच की जाएगी और उन्हें अलग-थलग किया जाएगा, जबकि निगेटिव जांच रिपोर्ट प्राप्त करने वाले एथलीट सामान्य प्रशिक्षण जारी रखेंगे।
शिविरों में कोविड पॉजिटिव या रोग के लक्षणों वाले एथलीटों के लिए उचित आइसोलेशन केंद्र निर्धारित किए जा रहे हैं और इन केंद्रों की दिन में दो बार साफ-सफाई की जाएगी। एक माइक्रो बायो-बबल भी बनाया जाएगा, जहां एथलीटों को प्रशिक्षण और भोजन के लिए छोटे समूहों में विभाजित किया जाएगा। एथलीटों को अन्य समूहों के साथ बातचीत से बचने के लिए भी सख्ती से कहा गया है।
एनसीओई में हर 15 दिनों में एक बार एथलीटों, कोचों, सहायक कर्मचारियों और गैर-आवासीय कर्मचारियों का औचक परीक्षण भी किया जाएगा। यह भी सिफारिश की गई है कि एथलीट केवल संबंधित राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफएस) और साई मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा अनुशंसित प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। आमंत्रण टूर्नामेंट और गैर-ओलंपिक क्वालीफाइंग आयोजनों के लिए, एनसीओई के संबंधित क्षेत्रीय निदेशकों (आरडी) द्वारा सिफारिशें की जाएंगी।
यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि संबंधित राज्य सरकारों के दिशा-निर्देश उन विशेष राज्यों में इन एसओपी का स्थान लेंगे।
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