- नॉर्थ एमसीडी के बजट में 2021-2022 में निगम की संपत्तियों को बेचकर 600 करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य था, भाजपा पार्षदों ने इसे बढ़ाकर 935 करोड़ किया- सौरभ भारद्वाज
- बजट में इस साल नॉर्थ एमसीडी की संपत्तियों को बेचकर 400 करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य था, भाजपा पार्षदों ने इसे बढ़ाकर 1851 करोड़ किया – सौरभ भारद्वाज
- एमसीडी की संपत्तियों को बेचकर भाजपा के नेता अपनी जेबे भी भर रहे हैं और निगम की संपत्तियों को भी खत्म कर रहे हैं- सौरभ भारद्वाज
नई दिल्ली, 7 जनवरी 2022
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अपनी सारी लूटमार के बाद भाजपा अब दिल्ली नगर निगम की संपत्तियों को बेचकर अपनी जेबें भरने में लगी हुई है। नॉर्थ एमसीडी के कल के बजट में वर्ष 2021-2022 में निगम की संपत्तियों को बेचकर 600 करोड़ रुपए कमाने का इनका लक्ष्य था, भाजपा पार्षदों ने इसे बढ़ाकर 935 करोड़ किया। वहीं इस साल नॉर्थ एमसीडी की संपत्तियों को बेचकर 400 करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य था, भाजपा पार्षदों ने इसे बढ़ाकर 1851 करोड़ किया। भाजपा के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी की संपत्तियों को बेचकर भाजपा के नेता अपनी जेबे भी भर रहे हैं और निगम की संपत्तियों को भी खत्म कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम दिल्ली नगर निगम के बारे में काफी दिनों से प्रेस वार्ता करके बता रहे हैं कि एमसीडी में शासित भाजपा दिल्ली वालों की और निगम की संपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेच रही है। नॉवेल्टी सिनेमा को बेचने का उदाहरण बताया, राजन बाबू अस्पताल की ज़मीन को बेचने का उदाहरण बताया। इसके अलावा भी कई उदाहरण हम आपको दे चुके हैं कि कैसे 100 रुपए की ज़मीन को एमसीडी 20 रुपए में बेच रही है।
उन्होंने कहा कि कल नॉर्थ दिल्ली नगर निगम का जो बजट हाउस में पेश किया गया, उसमें कमिश्नर की तरफ से जो सिफारिश आई थी कि 2021-2022 में, यह जो साल खत्म हो रहा है, इसमें करीब 600 करोड़ रुपए यह लोग संपत्तियों को बेचकर कमाएंगे। यह इनका लक्ष्य था जिसको भाजपा के पार्षदों ने और बढ़ाकर 335 करोड़ रुपए और जोड़कर 935 करोड़ का लक्ष्य बना लिया। यानी कि इस साल 935 करोड़ रुपए यह लोग संपत्तियों को बेचकर कमाएंगे। यदि आप इनके रिकॉर्ड्स को देखेंगे कि अगर यह लोग एमसीडी में 935 करोड़ रुपए कमा रहे हैं तो लगभग 4-5 हज़ार करोड़ की संपत्ति इन्होंने बेच दी। जो संपत्तियां पहले निगम के अंतर्गत आती थीं, वह इन्होंने प्राइवेट माफियाओं के हाथ सौंप दीं।
दूसरी ओर, अगले साल के लिए भी इन्होंने एक टार्गेट रखा है। इसमें कमिश्नर की यह सिफारिश थी कि 400 करोड़ की संपत्तियां बेची जाएंगी। इसमें इन्होंने 1451 करोड़ रुपए और जोड़ दिए। इस अनुसार इस साल यह लोग करीब-करीब 1851 करोड़ रुपए संपत्तियों को बेचकर कमाएंगे। यानी कि भाजपा शासित नॉर्थ एमसीडी ने इस साल लगभग 8-9 हज़ार करोड़ की संपत्ति बेचने का लक्ष्य बनाया है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और दिल्ली वालों को मीडिया के माध्यम से बताना चाहते हैं कि अपनी सारी लूटमार के बाद अब नगर निगम की संपत्तियों को बेचकर भाजपा के नेता अपनी जेबे भी भर रहे हैं और संपत्तियों को भी खत्म कर रहे हैं।