विधायक फंड से पैसा मिलने के बावजूद भाजपा शासित एमसीडी भाजपा पार्षदों के दबाव में नहीं करती कोई काम

दैनिक समाचार
  • दिल्ली में ट्राफिक जाम की समस्या को खत्म करने के लिए हमने कई सड़कें बनवाई और उन्हें चौड़ी करवाएं जो पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आती हैं, लेकिन एमसीडी के अंतर्गत आने वाली सकड़ों को हम चौड़ी नहीं करवा पाए- सोमनाथ भारती
  • प्रेस एनक्लेव रोड को मालवीय नगर गोल चक्कर से जोड़ने वाली सड़क को ट्रैफिक जाम से बचाने के के उद्देश्य से चौड़ी करने के लिए मैंने विधायक फंड से पैसा दिया, वर्क आर्डर हो गया, शिलान्यास हो गया लेकिन भाजपा की स्थानीय पार्षद डॉ नंदनी शर्मा ने एमसीडी अधिकारियों पर दबाव बनाकर काम नहीं होने दिया, स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन Col Oberai, भाजपा पार्षद, ने डॉ नंदिनी शर्मा के कहने पर प्रस्ताव पास नहीं किया- सोमनाथ भारती
  • ऐसा कई बार हुआ जब भाजपा शासित एमसीडी ने आम आदमी पार्टी विधायकों से फंड तो ले लिया लेकिन भाजपा पार्षदों के दबाव में कोई काम नहीं किया- सोमनाथ भारती
  • एमसीडी में भ्रष्टाचार इस कदर का है कि जो काम एमसीडी 100 रुपए में करती है, दिल्ली सरकार का विभाग उसे मात्र 30 रुपए में कर देती है- सोमनाथ भारती
  • मेरी जनता से अपील है कि एमसीडी के अंतर्गत आने वाले काम हमें आगामी चुनाव के बाद ही दें, जिससे आपके काम भी हो जाएं और पैसे का दुरुपयोग भी न हो- सोमनाथ भारती

नई दिल्ली: 13 जनवरी 2022

‘आप’ विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि विधायक फंड से पैसा मिलने के बावजूद भाजपा शासित एमसीडी जनता का कोई काम नहीं करती है। दिल्ली में ट्राफिक जाम की समस्या को खत्म करने के लिए हमने कई सड़कें बनवाई और उसे चौड़ी करवाई जो पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आती हैं। लेकिन एमसीडी के अंतर्गत आने वाली सड़कों को हम चौड़ी नहीं करवा पा रहे हैं। भाजपा के लालच के कारण न सिर्फ जनता को असुविधा हुई बल्कि विधायक फंड का दुरुपयोग भी हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी विधायकों के फंड से पैसा तो ले लेती है लेकिन कोई काम नहीं करती है। जो काम एमसीडी 100 रुपए में करती है, दिल्ली सरकार के विभाग उसे मात्र 30 रुपए में कर देती है। मेरी जनता से अपील है कि एमसीडी के अंतर्गत आने वाले काम हमें आगामी चुनाव के बाद ही दें, जिससे आपके काम भी हो जाएं और पैसे का दुरुपयोग भी न हो।

आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार केजरीवाल के नेतृत्व में जिस प्रकार से दिल्ली की समस्याओं का समाधान निकालने को आतुर रहती है, उसी गति से भाजपा शासित एमसीडी दिल्ली की समस्याओं को बढ़ाने को आतुर रहती है। आज उसका एक अच्छा उदाहरण आपके सामने लेकर आया हूं। एमसीडी में भाजपा 15 सालों से शासित है, जो हर बार बहाना बनाती है कि हमारे पास पैसा नहीं है। हमने बार-बार प्रेस वार्ता के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि एमसीडी किस प्रकार से पैसा होने के बावजूद काम नहीं करती है। और किस प्रकार जनता के पैसे का दुरुपयोग करती है।

दिल्ली में जो विधायक हैं, उनको विधायक निधि मिलता है। दिल्ली में जो कुछ भी दिखता है, चाहे वह सड़कें हों, पार्क हों, नालियां हों, गलियां हों, पार्किंग हों, स्ट्रीट लाइट हों, 95% चीजें जो दिल्ली में आपको दिखती हैं, वह एमसीडी के अंतर्गत आती हैं। जाहिर है जनता विधायक के पास आते हैं कि आप इन चीजों को ठीक करा दें। जनता को बहुत कम जानकारी होती है कि यह काम एमसीडी के अंतर्गत आता है या पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है। यह काम विधायक करेगा या पार्षद करेगा। जनता के लिए प्यार होने के कारण विधायक जनता का काम कराने के लिए कुछ फंड एमसीडी को दे देता है। लेकिन एमसीडी को फंड देने के बावजूद भाजपा के पार्षद, भाजपा के स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन जनता की सहूलियत को दरकिनार करते हुए काम नहीं होने दे रही है। आज मैं इसका उदाहरण आपके सामने पेश करने जा रहा हूं।

मेरे अनुसार दिल्ली में हर विधायक ने किसी न किसी स्तर पर यह बात उठाई है। आप साथियों को भी मालूम होगा कि ईस्ट एमसीडी ने आधिकारिक रूप से यह तय कर रखा है कि पहले एनओसी लेकर आओ तभी आप विधायक निधि फंड खर्च कर सकते हो। साउथ और नॉर्थ एमसीडी ने इसे आधिकारिक रूप से नहीं तय कर रखा है क्योंकि वहां के लोग जागरुक थे और उन्हें ऐसा नहीं करने दिया लेकिन भाजपा पार्षदों का आंतरिक दबाव एमसीडी के अधिकारियों पर विधायक के द्वारा कहे गए काम ना करने का रहता है। विधायक ने अपने फंड से पैसा दे दिया, सैंक्शन हो गया, टेंडर हो गया, उद्घाटन हो गया, लेकिन इसके बावजूद स्टैंडिंग कमिटी के माध्यम से या अधिकारियों के दबाव से भाजपा के पार्षद काम नहीं होने दे रहे है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पहली चीज़ हो गई।

दूसरी चीज़, जो बहुत दर्दनाक है और अचंभित करने वाला है कि जो काम एमसीडी के जरिए 100 रुपए में हो रहा है, उसी काम को दिल्ली सरकार के अंतर्गत आ रहे विभाग जैसे इरीगेशन एंड फ्लड 30 रुपए में कर देती है। सेंट पॉल स्कूल, एसडीए के सामने एक दीवार बननी है। एमसीडी ने इसके खर्च का अनुमान 24 लाख रुपए बताया है। जबकी उसी काम के लिए दिल्ली सरकार ने खर्च का अनुमान 7 लाख रुपए बताया है। अब आप साफ देख सकते हैं कि एमसीडी ने तीन गुना ज्यादा पैसे की मांग की है। दिल्ली की जनता को यह लूट साफ दिखाई दे रही है।

कुछ दस्तावेज और तस्वीरें पेश करते हुए सोमनाथ भारती ने कहा कि मैं आपको एक उदाहरण दूंगा। मैंने विधायक फंड से विभिन्न विभागों के साथ मिलकर ट्राफिक जाम कम करने के लिए कई सारी सड़कों को चौड़ा किया है। यह युसुफ सराय मार्केट है, जहां ट्राफिक जाम की बहुत समस्या होती है। इस रोड को हमने चौड़ा किया। यह पीडब्ल्यूडी की रोड है इसलिए हम बना पाए। दो सड़कें हमने आईआईटी पर बनाया है। एक सड़क पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर बनाया है और एक डीईआरसी पर बनाया है। जब आप कुतुब मीनार से एम्स की तरफ जाते हैं, तब जो रोड आपको मिलती है, उसे भी हमने ही बनवाया है। इस प्रकार से लगभग 11 क्षेत्रों में हम सड़के चौड़ी कर पाए क्योंकि वहां पीडब्ल्यूडी की सड़कें थीं।

आप में से कई लोग जानते होंगे, हौज़ खास मार्केट, जब हौज़ खास खाने से निकलकर चौधरी दिलिप सिंह मार्ग पड़ता है, हमने वहां एक गोल चक्कर बनाया है। वहां जो घंटों तक ट्राफिक जाम लगा रहता था उस राउंडओवर की वजह से वह खत्म हो गया है। उसी बात को बढ़ाते हुए मैं बताना चाहूंगा कि एक रोड प्रेस एनक्लेव रोड को मालवीय नगर गोलचक्कर से जोड़ती है। 2017 में लोग मेरे पास आए कि यह रोड चौड़ी करा दो। चूंकि वह रोड एमसीडी की थी इसलिए हमने एमसीडी को लिखा कि हमें यह रोड चौड़ी करने दो और उन्होंने हमसे फंड ले लिया, टेंडर हो गया शिलान्यास हो गया लेकिन भाजपा पार्षद डॉ नंदिनी शर्मा के और संवैधानिक हस्तक्षेप के कारण काम नहीं हो पाया और ना ही विधायक निधि फंड का पैसा वापस किया जिसे मैं कहीं और लगा सकता था। फर्क क्या है कि जो पीडब्ल्यूडी की सड़कें थीं, वहां मैं काम कर सका। लेकिन यह सड़क एमसीडी की थी इसलिए यहां मैं काम नहीं कर सका। इस प्रकार से एमसीडी ने न सिर्फ जनता को असुविधा दी है बल्कि हमने विधायक निधि से उन्हें जो पैसा दिया, उन्होंने उसका भी दुरुपयोग किया।

2018 में एमसीडी ने प्रेस एनक्लेव रोड की ओर अमर शक्ति पार्क के कोने पर सड़कों के सुधार और विकास व मालवीय नगर में वॉकवे के सुधार के लिए खर्च का अनुमान बताया। उसके लिए फंड सैंक्शन हो गया, टेंडर जारी हो गया। उस वक्त के जो डिप्टी कमिश्नर थे, उनके सामने साइट का उद्घाटन भी हो गया। अब 2022 हो गया है, साउथ एमसीडी के कमिश्नर का जवाब भी आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यह बहुत दुखद है लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा की स्थानीय पार्षद डॉ नंदनी शर्मा ने स्टैंडिंग कमिटी में इसको पास नहीं होने दिया है। मेरे दो सवाल हैं। अगर आपको काम नहीं करना था तो फंड क्यों लिया? मेरे जैसे दिल्ली के कई विधायकों के अनगिनत मामले हैं जहां एमसीडी ने फंड तो ले लिया लेकिन काम नहीं किया। मैं भाजपा से जानना चाहता हूं कि आपने हमारा एमएलए फंड क्यों फंसाया।

आज मालवीय नगर की जनता नंदनी शर्मा से पूछना चाहती है कि रोड को चौड़ा करने का जो प्रॉजेक्ट है, जिसके लिए विधायक फंड से आपको पैसा मिला है, तो किस कारण से आप काम नहीं होने देना चाहती हैं। जनता को कितनी मुसीबत हो रही है, जनता त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही है क्योंकि वहां घंटों जाम लगता है। मैं आने वाले समय में इसका विरोध भी करूंगा, दिल्ली में जहां-जहां विधायकों के काम एमसीडी भाजपा पार्षदों के दबाव में नहीं कर रही है, वहां भी आम आदमी पार्टी विरोध करेगी और भाजपा जो अपने अंतिम दिन गिन रही है, भाजपा के भ्रष्टाचार का पहले ही खुलासा हो चुका है, उसके कई सारे काले कारनामें जनता के सामने आ चुके हैं। मैं जनता को बताना चाहूंगा कि आपके काम के लिए विधायक अपना फंड एमसीडी को देती है लेकिन चूंकि विधायक आम आदमी पार्टी का है इसलिए एमसीडी में बैठे भाजपा के पार्षद उस काम को होने नहीं दे रहा है।

एमसीडी मुसीबत नहीं है बल्कि एमसीडी में बैठी भाजपा मुसीबत है। दिल्ली में जिन स्कूलों और अस्पतालों की हालत पहले बदतर थी, आज अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व ने उन्हें विश्वस्तरीय बना दिया। भाजपा के नेतृत्व में एमसीडी ने दिल्ली को कूड़ा-कूड़ा कर दिया है। विधायक फंड से पैसा लेने के बावजूद एमसीडी काम नहीं करती है। दिल्ली की जनता भाजपा के पार्षदों को चेतावनी देना चाहती है कि सिर्फ दो महीने रह गए हैं, जितना भ्रष्टाचार करना है कर लो। जनता आम आदमी पार्टी को एमसीडी सौंपने के लिए तैयार खड़ी है। मैं जनता से अपील करना चाहता हूं कि यदि आप एमसीडी से जुड़े काम भी हमसे कराना चाहते हैं तो 2 महीने बाद ही कराईए। जिससे काम भी हो जाए और पैसे की बचत भी हो जाए। उसी 24 लाख में हम तीन गुना काम कर लेंगे। भाजपा को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि वह दिल्ली की जनता के साथ कितनी नाइंसाफी कर रही है।

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