- चुनाव आयोग ने 14 जनवरी को सर्कुलर जारी कर राजनीतिक पार्टी को पंजीकृत करने के ऑब्जेक्शन अवधि को 30 दिन से कम कर 7 दिन कर दिया है- राघव चड्ढा
- चुनावों का ऐलान होने के बाद कभी भी किसी नए दल को राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकृत नहीं किया जाता है- राघव चड्ढा
- पंजाब में आम आदमी पार्टी को रोकने के लिए अकाली दल, कांग्रेस, बीजेपी और कैप्टन अमरिंदर ने कोशिश की, जब नहीं रोक पाए तो सभी मिलकर षड्यंत्र रच रहे हैं- राघव चड्ढा
- दूसरी राजनीतिक पार्टी अरविंद केजरीवाल की साफ राजनीति, ईमानदारी, केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस से डरती हैं, यह लोग कभी भी नहीं चाहेंगे कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सहित देश के किसी भी राज्य में सरकार बने- राघव चड्ढा
- राजनीतिक पार्टी को रजिस्टर करा कर इलेक्शन कमिशन और भाजपा किसके वोट काटना चाहती है?- राघव चड्ढा
नई दिल्ली, 15 जनवरी, 2022
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब चुनावों में आम आदमी पार्टी के वोट काटने के लिए नियमों में संशोधन कर एक नई राजनीतिक पार्टी को पंजीकृत किया जा रहा है। चुनाव आयोग ने 14 जनवरी को सर्कुलर जारी कर राजनीतिक पार्टी को पंजीकृत करने के ऑब्जेक्शन अवधि को 30 दिन से कम कर 7 दिन कर दिया है। उन्होंने कहा कि चुनावों का ऐलान होने के बाद कभी भी किसी नए दल को राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकृत नहीं किया जाता है। पंजाब में आम आदमी पार्टी को रोकने के लिए अकाली दल, कांग्रेस, बीजेपी और कैप्टन अमरिंदर ने कोशिश की। जब नहीं रोक पाए तो सभी मिलकर षड्यंत्र रच रहे हैं।दूसरी राजनीतिक पार्टी अरविंद केजरीवाल की साफ राजनीति, ईमानदारी, केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस से डरती हैं। यह लोग कभी भी नहीं चाहेंगे कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सहित देश के किसी भी राज्य में सरकार बने। राजनीतिक पार्टी को रजिस्टर करा कर इलेक्शन कमिशन और भाजपा किसके वोट काटना चाहती है?
आम आदमी पार्टी के पंजाब सह प्रभारी और विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने 13 जनवरी 2022 को खुलासा किया था कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया अपने कानूनों में संशोधन करके एक नए ग्रुप को पॉलिटिकल पार्टी में रजिस्टर करवाना चाह रहा है। सारे कानूनों और सारे नियमों को ताक पर रखकर एक मोर्चे को एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकृत कर इलेक्शन सिंबल देना चाहता है। दो बड़े बदलाव चुनाव आयोग करने जा रहा है। पहला चुनाव आचार संहिता लगने के बाद राजनीतिक पार्टी को पंजीकृत किया जा रहा है। जबकि चुनाव आयोग का कानून है कि किसी भी पार्टी को पंजीकृत करने से पहले 30 दिन तक का नोटिस पीरियड देना होता है। चुनाव आयोग इस नोटिस पीरियड को 30 दिन से घटाकर 7 दिन करने जा रहा है।
यह पहले ही कहा था कि ऐसा होने जा रहा है। आम आदमी पार्टी की भविष्यवाणी और शक यकीन में बदल गया। इलेक्शन कमिशन ने 14 जनवरी 2022 को सर्कुलर जारी किया है। जिसमें कहा है कि एक पॉलीटिकल पार्टी को रजिस्टर करने के लिए 30 दिन की समय सीमा होती है, उसे कम करके 7 दिन कर रहे हैं। उन्होंने कारण दिया है कि कोविड-19 है तो राजनीतिक पार्टी को अपने रजिस्ट्रेशन फॉर्म दाखिल करने में कुछ दिक्कत आ रही थी। इसलिए उनको यह रियायत दी है।
राघव चड्ढा ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल है कि राजनीतिक पार्टी को रजिस्टर करा कर इलेक्शन कमिशन और भाजपा किसके वोट काटना चाहती है? भारतीय जनता पार्टी और इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया किसके वोटों में सेंध लगाना चाहती है और कौन सी पार्टी को नुकसान पहुंचाना चाहती है।अगर यह पार्टी रजिस्टर्ड होती है तो पहला बड़ा सवाल है कि किस पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। दूसरा सवाल किस पार्टी को फायदा होगा। कौन से वो राजनीतिक लोग हैं जो आम आदमी पार्टी को हारता देखना चाहते हैं। हर कीमत पर सिर्फ अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की हार देखना चाहते हैं। यह सभी जानते हैं कि बीच चुनाव में इलेक्शन की डेट घोषित होने के बाद कभी भी किसी नए दल को राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकृत नहीं किया जाता। इसके अलावा नोटिस पीरियड भी कम नहीं किया जाता।
राघव चड्ढा ने कहा कि आम आदमी पार्टी को बने भी बहुत समय नहीं हुआ है। आज से 7-8 साल पहले जब हम अपनी पार्टी रजिस्टर कराने गए तो हमें भी नोटिस पीरियड का पालन करना पड़ा। हमारे लिए कोई राहत नहीं थी और ना ही किसी पार्टी के लिए होती है। अब कानूनों को ताक पर रख कर शायद एक बहुत बड़े षड्यंत्र के तहत आम आदमी पार्टी के वोट काटने के लिए एक नई पॉलिटिकल पार्टी को रजिस्टर्ड कराया जा रहा है। इलेक्शन कमिशन सारे कानूनों को ताक पर रखकर पब्लिक नोटिस पीरियड कम कर रातों रात एक नई पार्टी को पंजीकृत करने जा रहा है, ताकि वह आम आदमी पार्टी के वोट काटे। ऐसा लगता है कि इलेक्शन कमिशन सारे काम छोड़कर इस नए मोर्चे को रजिस्टर करने में लगा है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पंजाब और देश के लोगों के सामने इन बातों को रख रहे हैं। दूसरी पार्टी वालों को अरविंद केजरीवाल की साफ राजनीति, ईमानदारी, केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस को देखकर डर लगता है। वह लोग कभी भी नहीं चाहेंगे कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सहित देश के किसी भी राज्य में सरकार बने। पहले अकाली दल ने अरविंद केजरीवाल को रोकने की कोशिश की, लेकिन नहीं रोक पाए। कांग्रेस ने कोशिश की लेकिन नहीं रोक पाए। बीजेपी और कैप्टन अमरिंदर भी मिलकर आम आदमी पार्टी को नहीं रोक पाए। अब सारे लोग मिलकर आम आदमी पार्टी को रोकने का। एक षड्यंत्र रच रहे हैं।
आम आदमी पार्टी सीधे तौर पर आज इलेक्शन कमीशन से पूछना चाहती है कि किस पार्टी को रजिस्टर करने के लिए आप यह यह विशेष संशोधन करके रियायत दे रहे हैं। दूसरा सवाल इसके पंजीकृत होने से सबसे ज्यादा नुकसान किस पार्टी को होगा? तीसरा सवाल इस मोर्चे के रजिस्टर्ड होने से किस पार्टी को इसका फायदा होगा। चौथा सवाल ऐसी क्या जरूरत पड़ गई की बीच चुनाव में कानूनों को ताक पर रखकर सारे संशोधन करके एक नई पॉलिटिकल पार्टी को रजिस्टर कर रहे हैं। पांचवा सवाल क्या आज यह नहीं पूछा जाए कि कौन-कौन लोग हैं जो इस षड्यंत्र में हिस्सेदार हैं जो हर कीमत पर आम आदमी पार्टी को रोकना चाहते हैं। यह पांच सीधे सवाल आम आदमी पार्टी पूछ रही है, इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया और भाजपा जवाब दे।