भारत और इजराइल के विशेषज्ञों ने अपनी 8वीं प्रबंध निकाय की बैठक में भारत-इजराइल औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास तथा प्रौद्योगिकी नवाचार कोष (आई4एफ) के दायरे को व्यापक बनाने के बारे में विचार-विमर्श किया। उन्होंने 5.5 मिलियन डॉलर लागत की 3 संयुक्त अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी और एक व्यापक भारत-इजरायल सहयोगी इकोसिस्टम का सृजन करने के उपायों के बारे में भी सुझाव दिया।
डॉ. एस. चंद्रशेखर, सचिव, डीएसटी एवं भारत सह-अध्यक्ष ने इजरायल द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में दिए गए योगदान की सराहना करते हुए कहा कि आई4एफ कार्यक्रम में काफी संभावनाएं हैं और बोर्ड की यह बैठक हमें आगे बढ़ने के बारे में नए विचार, नई दिशाएं प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे प्राथमिकता वाले क्षेत्र कृषि, सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र रहे हैं। प्राप्त हुई परियोजनाओं की प्रमात्रा में और बढ़ोतरी करने की काफी संभावना है, जिसके लिए भारत और इजरायल के स्टार्टअप इकोसिस्टम के मध्य और अधिक ऑनलाइन बैठकें आयोजित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 जनवरी की ‘नवाचार स्टार्टअप दिवस’ के रूप में घोषणा की है, जो भारत के लिए एक बड़ी शुरुआत है। यह देखते हुए कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के संचालन का यह 50वां वर्ष है, यह एक महान वर्ष होगा जिसमें अधिक-से-अधिक उद्योग आगे आएंगे।
यह विचार-विमर्श विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार, इजरायल इनोवेशन अथॉरिटी (आईआईए), जीआईटीए के अधिकारियों और विभिन्न औद्योगिक भागीदारों की उपस्थिति में 18 जनवरी 2022 को वर्चुअल मोड में हुआ।
डॉ. अमीरम अपेलबौम, सह-अध्यक्ष, इजरायल एवं बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि महामारी के कठिन समय के बावजूद, सहयोग के प्रयासों को जारी रखना बहुत महत्वपूर्ण है। आई4एफ सहयोग का एक ऐसा ही उदाहरण है जिसे हम आगे बढ़ाना चाहते हैं। हम इस कार्यक्रम में प्रस्तुत परियोजनाओं के दिलचस्प अनुप्रयोगों के माध्यम से आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हैं।
प्रबंध निकाय में सातवीं निकाय बोर्ड बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि की, जिसके बाद 5.4 मिलियन डॉलर के कुल बजट के साथ 3 संयुक्त अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। ये परियोजना ‘स्वास्थ्य देखभाल और स्क्रीनिंग अनुप्रयोगों में आणविक निदानों के लिए केन्द्रीय रूप से निगरानी वाले आईओटी नैनोसेंसरों’ तथा ‘नोमोरमोस- मच्छर नियंत्रण जैविक समाधान’ तथा ‘भारत में कृषि और पर्यावरण डेटा के वास्तविक समय संग्रह के लिए आईओटी युक्त उपग्रह संचार’ हैं।
सदस्यों ने वर्ष 2018 से आई4एफ के तहत चल रही परियोजनाओं की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा की। इजरायल पक्ष में इन संयुक्त परियोजनाओं की लोकप्रियता बढ़ाने के प्रयास के रूप में विकसित नई आई4एफ वेबसाइट और इसी के अनुरूप मंच की शुरुआत की और वर्ष 2022 के लिए योजना बनाए गए कार्यक्रमों की सूची भी प्रस्तुत की। सदस्यों ने परस्पर आई4एफ 2.0 के नए चरण के लिए एक रणनीति पर निर्णय लिया, जिसमें तकनीकी व्यवहार्यता और नए उत्पादों या प्रौद्योगिकियों की बाजार स्वीकार्यता, व्यावसायीकरण के लिए सह-विकसित उत्पादों या प्रौद्योगिकियों, सह-परीक्षण किए गए उत्पादों या प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान विकास और अन्य पायलट क्षेत्रों में व्यावसायीकरण द्वारा निधि के दायरे को व्यापक बनाना शामिल है। इसमें अकादमिक क्षेत्रों से जुड़े अुनसंधान कार्य करने वालों के साथ-साथ रणनीतिक क्षेत्रों में सह-विकसित विघटनकारी प्रौद्योगिकियां भी शामिल हैं। सदस्यों ने भागीदारी विकास गतिविधियों जैसी अधिक व्यावसायिक गतिविधियों के बारे में भारतीय और इजरायली कंपनियों और स्टार्टअप के साथ ऑनलाइन कार्यक्रमों की श्रृंखला के माध्यम से बी2बी बैठकों के अनुपालन पर ध्यान केन्द्रित करने का सुझाव दिया।
श्री विश्वजीत सहाय अपर सचिव और वित्तीय सलाहकार डीएसटी, श्री एस गोपालकृष्णन अध्यक्ष, एक्सिलर वेंचर्स और सह-संस्थापक, इंफोसिस, श्री आर रामनन पूर्व मिशन निदेशक और अपर सचिव, अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग, भारत सरकार, श्री ड्रोर बिन, सीईओ, इजरायल इनोवेशन अथॉरिटी, इजरायल, श्री एसके वार्ष्णेय सलाहकार और प्रमुख, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (द्विपक्षीय) प्रभाग, डीएसटी भी बैठक में उपस्थित थे।
भारत-इजरायल औद्योगिक अनुसंधान और विकास और प्रौद्योगिकी नवाचार कोष (आई4एफ), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार और इजरायल इनोवेशन अथॉरिटी, इजरायल सरकार के मध्य संयुक्त औद्योगिक अनुसंधान और विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने, सुविधा और समर्थन देने के लिए एक सहयोग है जो सहमति प्राप्त क्षेत्रों में चुनौतियों का समाधान करता है। आई4एफ का उद्देश्य भारत और इजरायल के बीच संयुक्त औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना, उसमें सहायता और सुविधा प्रदान करना है, जिससे दोनों देशों को लाभ पहुंचाने वाली नवीन तकनीकों का सह-विकास और व्यावसायीकरण होगा। ग्लोबल इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी एलायंस (जीआईटीए) को भारत में आई4एफ कार्यक्रम को लागू करने के लिए नियुक्त किया गया है, जबकि इजरायल इनोवेशन अथॉरिटी इजरायल में कार्यान्वयन एजेंसी है।
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