उत्तरी निगम ने अस्पताल की ज़मीन निजी संस्था को दी मुफ्त, डीएमसी ऐक्ट को किया दरकिनार

दैनिक समाचार

बीजेपी जवाब दे कि 1957 डीएमसी एक्ट को बायपास करके, गरीबों के अस्पतालों को बेचकर आप और आपके प्राइवेट माफिया कितना पैसा खा रहे हैं- दिलीप पांडेय

करोलबाग का झंडेवालान चेस्ट क्लिनिक और नरेला जोन का कुतुबगढ़ डिस्पेंसरी कॉम्पलेक्स को गैरकानूनी तरीके से प्राइवेट एनजीओ को दिया जा रहा है- दिलीप पांडेय

  • एमसीडी ने प्राइवेट संस्था से बिना कोई फीस लिए दोनों ज़मीनों के लिए 20 सालों का लाइसेंस दिया है- विशेष रवि
  • जिन प्राइवेट एनजीओ को भाजपा अस्पताल की ज़मीने दे रही है उनके मालिक भाजपा के ही लोग हैं- विकास गोयल
  • पहले जहां गरीबों को मुफ्त में इलाज मिलता था, अब से उन्हें इलाज शुल्क भरना पड़ेगा- दिलीप पांडेय
  • डिस्पेंसरी हों, मेडिकल सेंटर हों, मेटरनिटी सेंटर हों, अस्पातालों की खाली ज़मीन हो, भाजपा नॉर्थ एमसीडी के सभी हेल्थकेयर सेंटर्स को मुफ्त में अपने लोगों को बांट रही है- विकास गोयल

नई दिल्ली, 26 जनवरी 2022

‘आप’ विधायक दिलीप पांडेय ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी झंडेवालान चेस्ट क्लिनिक और नरेला जोन में कुतुबगढ़ डिस्पेंसरी कॉम्पलेक्स को प्राइवेट माफियाओं को मुफ्त में देने जा रही है। पहले जहां गरीबों को मुफ्त में इलाज मिलता था, वहीं अब उन्हें इलाज शुल्क भरना पड़ेगा। मैं बीजेपी के नेताओं, मेयर और प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से पूछना चाहता हूं कि डीएमसी एक्ट 1957 को बायपास करके, गरीबों के लिए जो काम हो रहा था, उसे बेचकर आप और आपके प्राइवेट ओनर्स कितना पैसा खा रहे हैं? वहीं विशेष रवि ने कहा कि एमसीडी ने प्राइवेट संस्था से बिना कोई फीस लिए इन ज़मीनों के लिए 20 सालों का लाइसेंस दिया है। नॉर्थ एमसीडी के एलओपी ने कहा कि नॉर्थ एमसीडी में हेल्थकेयर से संबंधित जितनी भी ज़मीने हैं, चाहे वों डिस्पेंसरी हों, मेडिकल सेंटर हों, मेटरनिटी सेंटर हों और चाहे वह अस्पातालों की खाली ज़मीन हो, उनको भाजपा मुफ्त में अपने लोगों को बांट रही है। जिन प्राइवेट एनजीओ को भाजपा यह ज़मीने दे रही उनके मालिक भाजपा के ही लोग हैं।

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता, विधायक और विधानसभा में चीफ व्हिप दिलीप पांडेय ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। दिलीप पांडेय ने कहा कि आज हम आपको एक महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी देंगे। इस मुद्दे पर हम पहले भी प्रेस वार्ता कर चुके हैं। कहते हैं कि जब जहाज डूबता है तो जो सबसे भयभीत होती है, वह जहाज पहले छोड़ता है। आज जिस घोटाले का, जिस भ्रष्टाचार के मामले का जिक्र हम कर रहे हैं उसमें भाजपा निगम रूपी जहाज को डुबाकर उसका सारा खजाना लूटकर भागने जा रही है। दिल्ली में ज़मीन के दो बड़े-बड़े टुकड़े, एमसीडी द्वारा उनका अधिकान किया गया, एक जहां करोलबाग में झंडेवालान चेस्ट क्लिनिक है और दूसरा नरेला जोन में कुतुबगढ़ डिस्पेंसरी कॉम्पलेक्स है।

कुतुबगढ़ डिस्पेंसरी कॉम्पलेक्स की ज़मीन लगभग 4000 वर्ग मीटर है। 500 गज के आसपास झंडेवालान चेस्ट क्लिनिक की ज़मीन है। इन दोनों ज़मीनों के टुकड़ों का अधिकरण हुआ। इस उद्देश्य से कि यहां ऐसे अस्पताल बनेंगे, जो आम लोगों का इलाज करेंगे। उनको बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएंगे लेकिन आम आदमी पार्टी के विरोध के बावजूद बीजेपी ने इस ज़मीन के टुकड़े को प्राइवेट माफियाओं के हाथ नीलाम करने का फैसला किया है। पहले यह विषय स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में आया, वहां इस प्रस्ताव को रोक दिया गया। और अब दोनों ज़मीनों की नीलामी का टेंडर बिना हाउस में लाए ही सार्वजनिक किया हुआ है।

टेंडर के दस्तावेज पेश करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास टेंडर की कॉपी मौजूद हैं जिसमें सारी जानकारी मौजूद है। आप सोचिए कि खजाने को खाली करने की इतनी जल्दी है कि 1957 में जो डीएमसी एक्ट बना, जिसके तहत इस प्रकार के प्रस्तावों को स्टैंडिंग कमिटी में पास करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में पास कराना होता है। भाजपा शासित निगम ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह नज़रअंदाज किया और सीधे-सीधे टेंडर प्राइवेट हाथों में दे दिया। प्राइवेट कंपनियां आएं, मुफ्त में ज़मीन लें और मजे की बात यह है कि इन ज़मीनों पर जो क्लिनिक या डिस्पेंसरी चलेंगी वहां पर जनता से पैसा लिया जाएगा। इसमें बिल्कुल किसी को संदेह नहीं होना चाहिए कि भाजपा के नेताओं ने बिना पैसा खाए यह काम किया है। यह हो ही नहीं सकता!

मैं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, मेयर और प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से पूछना चाहता हूं कि डीएमसी एक्ट 1957 के कानून को बायपास करके, गरीबों के लिए जो काम हो रहा था, उसे बेचकर आप और आपके प्राइवेट ओनर्स कितना पैसा खा रहे हैं, यह हम सब जानना चाहते हैं। हमारे साथ नॉर्थ एमसीडी के नेता विपक्ष विकास गोयल और करोलबाग के विधायक विशेष रवि हैं। मैं आग्रह करूंगा कि विशेष रवि अपनी बात रखेंगे।

आप विधायक विशेष रवि ने कहा कि एमसीडी अपने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर चुकी है। जिस प्रकार से हर दिन कुछ न कुछ बेचने की उनकी कोशिश है, इससे साफ होता है कि एमसीडी और भाजपा के नेताओं द्वारा नाकामी और विफलता के कृतिमान वह हर दिन कर रहे हैं। अबतक वह स्कूलों की ज़मीनें बेच रहे हैं। अब वह स्वास्थ्य संबंधी ज़मीनों को भी बेच रहे हैं। जहां पर गरीबों को मुफ्त में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिल रही थीं, भाजपा उसे भी बेचकर प्राइवेट हाथों में देने जा रही है। मेरे भी क्षेत्र, करोलबाग में झंडेवालान चेस्ट क्लिनिक, जो यहां बर्सों से चल रहा है, अब वहां पर मैंने देखा कि उस बिल्डिंग को तोड़ा जा रहा है। जिस संस्था को निगम ने यह ज़मीन दी है, वह अपनी बिल्डिंग बना रहा है।

मैं इनके दस्तावेजों को पढ़ रहा था तो उसमें दिखा कि एमसीडी ने इस संस्था को 15 सालों के लिए यह ज़मीन दी है। इसके बाद लाइसेंस 5 सालों के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। मतलब 20 सालों के लिए यह सरकारी ज़मीन मुफ्त में एक प्राइवेट संस्था को मिल रही है। जहां पर पहले गरीब जनता अपना मुफ्त में इलाज कराने जाती थी, अब वहां पर वह प्राइवेट मालिक बैठेगा, वहां जो लोग भर्ती होंगे उनसे वह मनचाहा पैसा लेंगा। हमने पिछली प्रेस वार्ता में भी बताया था, और एक बार फिर बताना चाहेंगे कि यह मुद्दा बेहद गंभीर है। निगम में शासित भाजपा के नेता हर दिन एक नई सरकारी ज़मीन बेचने की तैयारी करती है। पिछली बार की तरह फिर से मैं देश के राष्ट्रपति से गुजारिश करूंगा कि वह इस मामले का संज्ञान लें क्योंकि वही देश की सभी ज़मीनों के असली मालिक हैं। भाजपा नेताओं ने चुनाव से पहले निगम की सभी ज़मीने बेचने का मन बना लिया है। यह सारी ज़मीन दिल्ली के लोगों की है इसलिए यह उन्हीं के इस्तेमाल के लिए रखी जाए। इसलिए आज सभी ज़मीनों को बचाना बेहद जरूरी है।

नॉर्थ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि भाजपा शासित निगम स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में एक प्रस्ताव लेकर आई है, आम आदमी पार्टी के पुरजोर विरोध के बावजूद उसे पास कर दिया है। उस प्रस्ताव के अनुसार नॉर्थ एमसीडी में हेल्थकेयर से संबंधित जितनी भी ज़मीने हैं, चाहे वों डिस्पेंसरी हों, मेडिकल सेंटर हों, मेटरनिटी सेंटर हों और चाहे वह अस्पातालों के खाली ज़मीन हो, उनको भाजपा मुफ्त में अपने लोगों को बांट रही है। यह दुनिया का पहला ऐसा लाइसेंस होगा, जो 15 सालों के लिए दिया जा रहा है जिसकी कोई फीस नहीं है। यह सभी ज़मीनें एनजीओ को मुफ्त में दी जाएंगी और एनजीओ जनता से इलाज की फीस ले सकते हैं। तो यह इतना बड़ा घोटाला है।

आज दिल्ली सरकार जब एमसीडी से कहती है कि हमें मोहल्ला क्लिनिक खोलना है इसलिए हमें ज़मीन दे दीजिए तो एमसीडी हाउस में पास कर के मना करते हैं कि हम दिल्ली सरकार को एक ज़मीन नहीं देंगे। लेकिन प्राइवेट एनजीओ को यह लोग सारी ज़मीन मुफ्त में दे रहे हैं। वास्तव में यह एनजीओ हैं भी नहीं। आप लोग जांच करेंगे तो पाएंगे कि यह तो भाजपा के नेताओं और उनके रिश्तेदारों के एनजीओ हैं। एमसीडी से जाते-जाते हेल्थकेयर की सारी ज़मीन अपने लोगों के एनजीओ को मुफ्त में देकर प्राइवेट अस्पताल बनाना चाहते हैं। जैसे अपोलो हॉस्पिटल खुला था, वह भी ऐसे ही खोला गया था। केंद्र ने इसको लीज़ पर दे दिया लेकिन आखिर में आप सब देख रहे हैं कि वहां क्या हो रहा है।

तो यह भाजपा का एक बहुत बड़ा घोटाला है। आज भाजपा अस्पताल की जो ज़मीनें एनजीओ को दे रही है, स्कूल की ज़मीनें पार्किंग माफियाओं को दे रही है, जो ज़मीनें बिल्डरों को दी जा रही हैं, मैं सभी से कहना चाहता हूं कि 2 महीने बाद जब एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो भाजपा के किसी नेता, किसी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। इन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दा जाएगी।

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