कम्युनिस्ट पार्टियों की प्रासंगिकता, उनकी ताक़त और कमजोरियों को देखते हुए दो मुद्दे उभर कर सामने आते हैं
द्वारा : अरुण सिंह कम्युनिस्ट ताकतें पूंजीवादी ताकतों का मुकाबला उस तरह से करने में सक्षम नहीं हैं जैसा कि सामंती ताकतों के खिलाफ इन लोगों ने किया था. वैचारिक तौर पर साम्यवाद हमेशा पूंजीवाद को हराने की बात करता आया हो लेकिन पूंजीवादी ताकतों से निपटने में कम्युनिस्ट सक्षम नहीं हुए हैं. यही वजह […]
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