कक्षा 8 से 12 तक स्कूल की बस में हम पीछे की सीट पर बैठते थे। पूरी बस हनुमान चालीसा गाते आती थी। एक-एक शब्द याद था। गाँव में रामायण होती थी तो लोग पढ़ने के लिए बुलाते थे, क्योंकि मैं रामायण बहुत अच्छी गाता था। पर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए संघियों की तरह सड़क पर नंगा नाच नहीं किया ?
एक डॉक्टर मेरे पड़ोसी थे। उनकी रामायण उधार ली। सुबह हर रोज़ अपनी छत पर रामायण पढ़ा करता था। एक समय वह भी था जब ब्रह्म मुहूर्त में 2-2 बजे पढ़ने के लिए जागता था और शुरुआत गीता पढ़ने से करता था। श्रीमद भागवत भी दो-दो बार पढ़कर पूरी की थी। लेकिन RSS के हिंदुओं का ढोंग समझ रहा हूँ ?
जब मैं पड़ोसी डॉक्टर को रामायण लौटाने गया तो ऐसे ही बात-बात में उसके शुरुआती अध्याय बोलने लगा। शुरुआती कोई दसेक पन्ने मुझे कंठस्थ याद थे। डॉक्टर ने अपने बेटे की तरफ़ देखा और कहा देखो इसे रामायण भी याद है। हनुमान चालीसा तो कितनी हज़ार बार पढ़ी। पर सड़कों पर नहीं ?
आज हिंदू धर्म इन कथित धर्म रक्षकों की वजह से अपने सबसे पतनशील दौर से गुजर रहा है। इन लोगों ने पूरी दुनिया में हिंदू धर्म की सबसे घटिया व्याख्या की है। तमाम बुराइयाँ होते भी इस धर्म में तमाम अच्छाइयाँ हैं। जिन्हें बताया और सुनाया जा सकता था। लेकिन RSS-BJP ने इस धर्म का नाश कर दिया ?
(Shyam Meera Singh)
@ShyamMeeraSingh
Journalist