तनख्वाह नहीं मिलने के कारण 70 लाख घंटों तक प्रदर्शन करते रहे एमसीडी के कर्मचारी, फिर भी नहीं कोई निवारण

दैनिक समाचार
  • पिछले एक साल में लगभग 10 बार प्रदर्शन पर बैठे एमसीडी के कर्मचारी- दुर्गेश पाठक
  • भाजपा शासित एमसीडी ने इतना घोटाला किया है कि आज उनके पास कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए पैसे नहीं है- दुर्गेश पाठक
  • एमसीडी के कर्मचारियों को सामान्य से सामान्य मांगों के लिए भी प्रदर्शन करना पड़ता है- दुर्गेश पाठक
  • भाजपा शासित एमसीडी के पार्षद अमीर होते जा रहे हैं लेकिन उनके कर्मचारी गरीब होते जा रहे हैं- दुर्गेश पाठक
  • दिल्ली की जनता आने वाले चुनाव में इन 70 घंटों का बदला लेगी, भाजपा को एमसीडी से निकाल बाहर करेगी- दुर्गेश पाठक

नई दिल्ली: 8 फरवरी 2022

‘आप’ एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि तनख्वाह नहीं मिलने के कारण एमसीडी के कर्मचारी 70 लाख घंटों तक प्रदर्शन करते रहे। फिर भी कोई निवारण नहीं निकला। पिछले एक साल में वह लगभग 10 बार प्रदर्शन पर बैठे। भाजपा शासित एमसीडी ने इतना घोटाला किया है कि आज उनके पास कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए पैसे नहीं है। एमसीडी के कर्मचारियों को सामान्य से सामान्य मांगों के लिए भी प्रदर्शन करना पड़ता है। भाजपा के पार्षद अमीर होते जा रहे हैं और उनके कर्मचारी गरीब होते जा रहे हैं। दिल्ली की जनता आने वाले चुनाव में इन 70 घंटों का बदला लेगी, भाजपा को एमसीडी से निकाल बाहर करेगी।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने मंगलवार को एक डिजिटल प्रेसवार्ता को संबोधित किया। दुर्गेश पाठक ने कहा कि एक संघ कैसा काम कर रहा है, अच्छा कर रहा है, बुरा कर रहा है, यह उससे पता चलता है कि उसके कर्मचारी उससे कितना खुश हैं। पिछले 15 सालों से भारतीय जनता पार्टी एमसीडी में हैं, और आप देख रहे होंगे कि उसके कर्मचारी कभी जेल में हैं तो कभी प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके डॉक्टर्स सैलरी मांगते हैं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। तो एक तरीके से उनकी हालत खराब है। इन 15 सालों में उनका एक-एक कर्मचारी अंदर से दुखी हो चुका है। चाहे वह शिक्षक हों, डॉक्टर हों, सफाई कर्मचारी हों, माली हों, सभी कर्मचारी पूरी तरह से हताश हो चुके हैं।

आज उनकी ऐसी स्थिति हो चुकी है कि उन्हें आए दिन हड़ताल करनी पड़ती है। आए दिन वह सामान्य से सामान्य मांग के लिए प्रदर्शन करते हैं। पिछले 5-6 महीनों से इन्हें तनख्वाह नहीं मिली है। एमसीडी के कर्मचारियों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वह अपनी ईएमआई नहीं भर पा रहे हैं, उनकी गाड़ी जब्त हो रही है। अपने बच्चों की फीस नहीं भर पा रहे हैं। यहां तक कि उन लोगों ने अपने रिश्तेदारों के घर जाना बंद कर दिया है। इसके बाद उनके पास हड़ताल और प्रदर्शन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है। शिक्षकों का काम था पढ़ाना, वह पढ़ा नहीं पा रहे हैं। जिन कर्मचारियों का काम दिल्ली को सुधारने का था वह नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी एमसीडी में एक भ्रष्ट सरकार चला रही है।

पिछले 12 महीनों में 10 बार एमसीडी के कर्मचारियों को सड़कों पर आना पड़ा जिसके कारण उन्हें पुलीस के डंडे खाने पड़े। उन्हें रात-रात सकड़ों पर रहना पड़ा। लगभग 53 दिनों तक इस प्रकार से प्रदर्शन चले हैं। सबसे पहला प्रदर्शन 6 जनवरी से 21 जनवरी तक चला, जिसमें 21 हज़ार से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। दूसरा प्रदर्शन मार्च 9 को था जिसमें एक हज़ार कर्मचारियों ने भाग लिया। अगला प्रदर्शन 26 अक्टूबर को था, जिसमें 1300 से भी अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। चौधा प्रदर्शन 27 अक्टूबर को था, जिसमें 100 से भी अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। उसके बाद 1 नवंबर को प्रदर्शन हुआ, जिसमें लगभग 1100 लोगों ने भाग लिया। 29 नवंबर से 31 दिसंबर तक यानी कि पूरे एक महीने तक प्रदर्शन चला। इसमें 1200 से भी अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। 8 दिसंबर को 3 कर्मचारी घरने पर थे। 13 दिसंबर को 250 कर्मचारी धरने पर रहे। 23 दिसंबर को 700 से भी अधिक कर्मचारी धरने पर रहे। 27 दिसंबर क 200 से भी अधिक कर्मचारी धरने पर रहे।

धरनों पर कितना समय व्यर्थ गया, अगर इसको गिना जाए तो 70 लाख घंटों तक एमसीडी में काम नहीं हुआ है। सोचिए, कितना नुकसान हुआ है। 70 लाख घंटों तक कर्मचारी सड़कों पर बैठे रहे, उनके घर में चूल्हा नहीं जला। 70 लाख घंटों तक उनके बच्चे अपने मां-बाप का इंतजार करते रहे कि कब वह वेतन लेकर आएंगे। 70 लाख घंटे कर्मचारी इस चिंता में रहे कि उनके बच्चों के स्कूल की फीस कैसे भरी जाएगी, उनका परिवार कैसे चलेगा, उनके घर और गाड़ी की ईएमआई कैसे भरी जाएगी। यह कहना तो नहीं चाहिए लेकिन 70 लाख घंटे कर्मचारी भाजपा शासित एमसीडी से वेतन की भीख मांगते रहे। गिड़गिड़ाते रहे कि उन्हें तनख्वाह दे दी जाए, जो कि उनका हक बनता है। 70 लाख घंटे जो भाजपा ने नुकसान किया है दिल्ली वालों का, 70 लाख घंटे भाजपा के नेताओं ने जो झूठ बोला है, इन 70 लाख घंटों का बदला दिल्ली की जनता आने वाले चुनाव में लेगी।

सोचिए, दिल्ली के राजस्व का कितना नुकसान हुआ होगा, दिल्ली वालों का कितना नुकसान हुआ होगा। दिल्ली को संवारना-सुधारना एमसीडी का काम है। वह 70 लाख घंटे दिल्ली से छीने गए हैं। क्यों छीना गया? क्योंकि भाजपा के नेता भ्रष्ट हैं। इसलिए छीना गया क्योंकि भाजपा के नेता अपने रिश्तेदारों को एमसीडी की ज़मीने बेच रहे हैं। इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा ने 25000 करोड़ का घोटाला किया, सफाई में घोटाला किया, डेंगू की दवा में घोटाला किया, हर चीज़ में घोटाला किया। लोगों की तनख्वाह, लोगों के हाउस टैक्स, लोगों के पीएफ में घोटाल किया। जिनको पेंशन मिलती है उसमें घोटाला किया। उसके कारण आज एमसीडी कर्मचारियों की तनख्वाह देने की स्थिति में नहीं है। इसके कारण आज 70 लाख लोग सड़कों पर खून के आंसू रो रहे हैं। आज भाजपा का पार्षद अमीर होता चला गया लेकिन उनके कर्मचारी गरीब होते चले गए। आने वाले चुनाव में दिल्ली की जनता इन 70 लाख घंटो का बदला लेगी।

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