- बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए नीति को तैयार किया गया है, यह नीति राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रेरित करेगी
- केजरीवाल सरकार प्रदूषण रोकथाम मापदंडों के नए मानक स्थापित कर रही, ईवी बेड़े को अनिवार्य करने वाला देश में पहला राज्य
- प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में ऐसी दूरदर्शी नीतियों को लागू करने में नागरिकों को शामिल करना जारी रखेंगे- गोपाल राय
- सभी से अनुरोध है कि वे अपनी प्रतिक्रिया और टिप्पणी भेजने में सक्रिय रूप से शामिल हों- गोपाल राय
- यह नीति दिल्ली सरकार के 2024 तक वायु प्रदूषण को 30 फीसदी तक कम करने के लक्ष्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है- रीना गुप्ता
- सीएक्यूएम को अन्य राज्यों को भी एनसीआर क्षेत्र में समान एग्रीगेटर नियमों को अपनाने का निर्देश देना चाहिए- रीना गुप्ता
- एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को अगले 3 महीनों में सभी नए दोपहिया वाहनों में से 10 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 5 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी
- एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को मार्च 2023 तक सभी नए दोपहिया वाहनों का 50 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 25 फीसदी इलेक्ट्रिक सुनिश्चित करना होगा
नई दिल्ली, 10 फरवरी, 2021
केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महत्वाकांक्षी एग्रीगेटर नीति को सार्वजनिक कर दिया है। बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए नीति का मसौदा तैयार किया गया हऐ। यह नीति राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को नए वाहनों की खरीद के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद अनिवार्य करेगी। केजरीवाल सरकार प्रदूषण रोकथाम मापदंडों की दिशा में नए मानक स्थापित कर रही है। इस तरह की नीति के तहत ईवी वाहनों को अनिवार्य करने वाला यह देश में पहला राज्य है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में ऐसी दूरदर्शी नीतियों को लागू करने में नागरिकों को शामिल करना जारी रखेगी। उन्होंने सभी से नीति के लिए अपनी प्रतिक्रिया और टिप्पणियां भेजने में सक्रिय रूप से शामिल होने का अनुरोध किया। पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा कि यह नीति दिल्ली सरकार के 2024 तक वायु प्रदूषण को 30 फीसदी तक कम करने के लक्ष्यों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि सीएक्यूएम को अन्य राज्यों को भी एनसीआर क्षेत्र के समान एग्रीगेटर नियमों को अपनाने का निर्देश देना चाहिए। एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को अगले 3 महीनों में सभी नए दोपहिया वाहनों में से 10 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 5 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी। एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को मार्च 2023 तक सभी नए दोपहिया वाहनों का 50 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 25 फीसदी इलेक्ट्रिक सुनिश्चित करना होगा।
दिल्ली सरकार सवारी उद्योग के वाहन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए एग्रीगेटर नीति अपनाने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया है। 14 जनवरी 2022 को अधिसूचित मसौदा नीति को अब http://it.delhigovt.nic.in/pis/noc/egazettes.asp के माध्यम से 60 दिनों के लिए आम जनता के सुझावों और आपत्तियों को आमंत्रित करते हुए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है। इसके बाद मिलने वाली प्रतिक्रिया को नीति में शामिल किया जाएगा और नीति को घोषित किया जाएगा।
इस नीति के अनुसार, एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को अगले 3 महीनों (कार्यान्वयन की तारीख से) में सभी नए ऑनबोर्ड दोपहिया वाहनों में से 10 फीसदी और सभी नए ऑनबोर्ड चार पहिया वाहनों में से 5 फीसदी इलेक्ट्रिक सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी। जबकि मार्च 2023 तक 50 फीसदी दोपहिया और 25 फीसदी चौपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक करना है। दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2020 द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार तैयार की गई एग्रीगेटर नीति सवारी उद्योग में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव देती है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में ऐसी दूरदर्शी नीतियों को लागू करने में अपने नागरिकों को शामिल करना जारी रखेगी। अब जब नीति को टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक डोमेन में डाल दिया गया है, तो मैं सभी से अपनी प्रतिक्रिया और टिप्पणियां भेजने में सक्रिय रूप से शामिल होने का अनुरोध करता हूं।
पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने मसौदा नीति के बारे में बताया कि यह नीति 2024 तक वायु प्रदूषण को 30 फीसदी तक कम करने के दिल्ली सरकार के लक्ष्यों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीएक्यूएम को अन्य राज्यों को भी एनसीआर क्षेत्र में एग्रीगेटर नियमों को अपनाने का निर्देश देना चाहिए, ताकि एनसीआर क्षेत्र में वाहनों के प्रदूषण से निपटने के लिए एक नीति की अनुमति मिल सके। अब जबकि नीति को सार्वजनिक कर दिया गया है। ऐसे में हम आशा करते हैं कि नागरिक सक्रिय रूप से अपनी प्रतिक्रिया और टिप्पणियां देंगे।
मसौदा नीति को राजपत्र अधिसूचना की आधिकारिक प्रकाशन तिथि 25 जनवरी 2022 से 60 दिनों की अवधि के भीतर आम जनता के सुझावों और आपत्तियों को आमंत्रित करते हुए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है। जिसके बाद इसे कार्यान्वयन के लिए अधिसूचित किया जाएगा।
केवल दिल्ली में नहीं बल्कि पूरे एनसीआर क्षेत्र में वाहनों के उत्सर्जन को कम करना सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार भी सीएक्यूएम से मांग करेगी कि एनसीआर क्षेत्र में अन्य राज्यों को भी एक नीति अपनाने के लिए निर्देशित किया जा सके।